Sunday, December 17, 2023

PEC में त्रिदिवसीय AICTA कांफ्रेंस 18 से 20 दिसंबर 2023

17th December 2023 at 12:05 PM

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से बदलती दुनिया और नई चुनौतियां भी 


चंडीगढ़
: 17 दिसंबर, 2023: (के के सिंह//एजुकेशन स्क्रीन डेस्क)::

कोई ज़माना था जब दिमाग तेज़ करने के लिए ड्राई फ्रूट्स और टॉनिक खाए जाते थे। धीरे धीरे दिमाग और बुद्धिमता इतने तेज़ हुए कि दुनिया दंग रह गई। फिर कम्प्यूटर बनें और रोबॉट्स भी बने। अब इसी बौद्धिक क्षमता ने कृत्रिम बुद्धिमता भी बना दी है। आने वाले निकट भविष्य में इंसानी क्षमता और कृत्रिम बुद्धिमता का आपसी संबंध कैसा रहने वाला है इसे ले कर बहुत कुछ कहा सुना भी जा रहा है। इस कृत्रिम बौद्धिक शक्ति से ईमेल से लेकर कविता, कहानी और रिपोर्ट तक बहुत कुछ लिखा जा रहा है। 

कुछ बरस पहले लिखीं  छपी और पढ़ी गई कहानियां और नावल अब सच हो कर सामने आने लगे हैं। शायद अब इस कृत्रिम बुद्धिमता को आने वाले लम्बे समय तक संभाल कर भी रखा जा सके। ऐसे बहुत से सवाल अगर आपके मन भी हैं तो आपको इस कृत्रिम बुद्धि को और नज़दीक हो कर देखना चाहिए। ऐसा मौका प्रदान कर रहा है पंजाब इंजीनियर कालेज चंडीगढ़। 

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग, द्वारा 18, 19 और 20 दिसंबर, 2023 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजीज, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डेटा एनालिटिक्स (AICTA) नामित एक बहुप्रतीक्षित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन इंटरनेशनल सेंटर फॉर एआई एंड साइबर सिक्योरिटी रिसर्च एंड इनोवेशन, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान के साथ तकनीकी सह-प्रायोजन में आयोजित किया जा रहा है।

इस कांफ्रेंस व् सम्मेलन के आयोजन के अध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. पूनम सैनी जी ने कहा, कि एआईसीटीए 2023 का उद्देश्य कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न डोमेन जैसे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, नेटवर्किंग और डेटा एनालिटिक्स के रीसेंट रुझानों (ट्रेंड्स) और नवीन दृष्टिकोणों पर विचार-विमर्श के लिए एक प्रेरक मंच प्रदान करना है। यह सम्मेलन ज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों को साझा करने और प्रसारित करने, सामने आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों और अपनाए गए समाधानों पर चर्चा को बढ़ावा देने के लिए विविध शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और छात्रों को एक साथ लाने का प्रयास करना ही इस उद्देश्य है।

इस आयोजन के सचिव डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि पहले दिन प्री-वर्कशॉप थीम ''वीमेन इन कंप्यूटिंग'' पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य महिला शोधकर्ताओं को  अपने लेख प्रस्तुत करने के लिए एक सामूहिक मंच प्रदान करना है, यह सेशन अल्स्टर यूनिवर्सिटी, यूके से आई डॉ. प्रियंका चौरसिया की अध्यक्षता में आयोजित एक विशेष सत्र में किया जायेगा। अगले दो दिन डेटा साइंस, आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नामक तीन समानांतर ट्रैकों में पेपर प्रस्तुतियों के माध्यम से नवीन विचारों को साझा करने को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा। 

इसके साथ ही पूरे सम्मलेन के कीनोट स्पीकर्स  तौर पर आईआईटी-बीएचयू से प्रोफेसर एस.के. सिंह; एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान से प्रोफेसर बृज बी. गुप्ता; IEEE, USA के प्रेजिडेंट थॉमस कफ़लिन; सिटी यूनिवर्सिटी, होन्ग कोंग से प्रोफेसर किम-फुंग त्सांग; सालेर्नो विश्वविद्यालय, इटली से प्रोफेसर फ़्रेंसेस्को पामिएरी और मैक्वेरी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से प्रोफेसर माइकल शेंग इस कांफ्रेंस का हिस्सा बनेंगें। इसके साथ ही, गूगल और एयरबस के विशेषज्ञ, वर्तमान टेक्नोलॉजीज और इंडस्ट्री के रुझानों से प्रतिभागियों को रु-ब-रु करवायेंगें।  

स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर के तौर पर सीएसई के अंतिम वर्ष के छात्र, जतिन चुघ और भरत ने बताया कि पूरे भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों द्वारा सम्मेलन मंच पर प्रस्तुत किए गए 290 पत्रों में से 65 समीक्षकों द्वारा गुणवत्ता जांच में उत्तीर्ण हुए हैं और स्प्रिंगर द्वारा उनकी प्रतिष्ठित "लेक्चर नोट्स इन नेटवर्क्स एंड सिस्टम्स (एलएनएनएस)" श्रृंखला में प्रकाशन के लिए स्वीकार किए गए हैं।

इसी के साथ सीएसई के एचओडी प्रोफेसर त्रिलोक चंद ने विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रौद्योगिकी-संचालित कार्यक्रमों की व्यवस्था के महत्व पर प्रकाश भी डाला।

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर बलदेव सेतिया जी ने विभाग को बधाई दी और उल्लेख किया कि संस्थान के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग ने हमेशा सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को आकर्षित किया है और तकनीकी परिवर्तनों को बढ़ावा देने और अपनाने में अग्रणी रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दो नए स्नातक कार्यक्रम शुरू किए हैं और दोनों कार्यक्रमों को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। अंततः उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन ज्ञान साझा करने में हमारे संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ संयुक्त अनुसंधान सहयोग में आवश्यक जोर प्रदान करने के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर एक यक्ष प्रश्न यह भी कि क्या इस के ज़ोर पकड़ने पर व्यक्ति की वास्तविक बुद्धि की स्वतंत्रता खतरे में तो नहीं जाएगी? जिस दिन यह नियंत्रण से बाहर होती नज़र आई उस दिन के लिए क्या क्या किया जा सकता है?

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