Monday, December 18, 2023

PEC में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेनल शुरू

18th December 2023 at 5:26 PM   

AI को लेकर विश्व विख्यात वक्ताओं ने शुरू की गंभीर चर्चा 

 *प्रो. (डॉ.) बृज भूषण गुप्ता, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान से पहुंचे 

*डॉ. प्रियंका चौरसिया, अल्स्टर यूनिवर्सिटी, यूके ने महिला पक्ष को भी सामने रखा 

चंडीगढ़: 18 दिसंबर 2023: (के के सिंह//एजुकेशन स्क्रीन):: 

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, (डीम्ड यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजीज, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डेटा एनालिटिक्स (एआईसीटीए-2023) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। इस उद्घाटन समारोह में  मुख्य अतिथि के तौर पर प्रोफेसर (डॉ.) एस.के. सिंह, आईआईटी-बीएचयू; प्रो. (डॉ.) बृज भूषण गुप्ता, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान; डॉ. प्रियंका चौरसिया, अल्स्टर यूनिवर्सिटी, यूके, उपस्थित थे। PEC के निदेशक, प्रो. (डॉ.) बलदेव सेतिया जी के साथ इस सम्मलेन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. पूनम सैनी और आयोजन सचिव डॉ. मनीष कुमार ने अपनी शुभ उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। यह त्रिदिवसीय सम्मेलन इंटरनेशनल सेंटर फॉर एआई एंड साइबर सिक्योरिटी रिसर्च एंड इनोवेशन, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान के साथ तकनीकी सह-प्रायोजन में आयोजित किया गया है।

इस आयोजन के अध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. पूनम सैनी ने कहा कि भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों द्वारा सम्मेलन मंच पर प्रस्तुत किए गए 290 पत्रों में से 65 समीक्षकों द्वारा गुणवत्ता जांच में उत्तीर्ण हुए हैं और स्प्रिंगर द्वारा अपने  प्रतिष्ठित "लेक्चर नोट्स इन नेटवर्क्स एंड सिस्टम्स (एलएनएनएस)" श्रृंखला में प्रकाशन के लिए स्वीकार किए गए हैं। उन्होंने एआईसीटीए-2023 (AICTA - 2023) को सार्थक बनाने के लिए सम्मेलन के सभी प्रतिनिधियों और वक्ताओं को धन्यवाद दिया।

आयोजन के सचिव डॉ. मनीष कुमार ने सम्मेलन के बारे में दर्शकों को जानकारी दी। उन्होंने कहा, कि यह सम्मेलन शिक्षा और उद्योग को एक साथ लाने का एक प्रचार-प्रसार मंच है। आज पहले दिन डॉ. प्रियंका चौरसिया, अल्स्टर यूनिवर्सिटी, यूके की अध्यक्षता में  '' वीमेन इन कंप्यूटिंग '' थीम पर केंद्रित एक प्री-वर्कशॉप भी करवाई जा रही है। इसके बाद अगले दो दिन, डेटा साइंस, आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर तीन ट्रैकों में पेपर प्रस्तुतियों के माध्यम से नए विचारों को साझा करने पर बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।

इसके साथ ही, डॉ. त्रिलोक चंद, एचओडी, सीएसई; ने कहा कि AICTA-2023 आयोजित करने पर वह ख़ुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इस सम्मेलन को एक बौद्धिक प्रेरक अनुभव बनाने और PEC के भविष्य के विकास में योगदान देने के लिए आयोजन टीम, प्रतिनिधियों, मुख्य वक्ताओं और विशेष रूप से निदेशक प्रोफेसर बलदेव सेतिया को तहेदिल से धन्यवाद दिया।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस.के. सिंह ने आम जनता के दैनिक जीवन में आईओटी, डेटा विश्लेषण और एआई के उपयोग का निरीक्षण करने के लिए कुछ उदाहरण भी साझा किए। उन्होंने ये भी कहा, कि स्मार्ट उपकरणों को संभालने के लिए आपको स्मार्ट और बौद्धिक तौर पर समृद्ध भी होना होगा। इन उपकरणों को अपने ऊपर हावी न होने दें। अंत में, उन्होंने आयोजक टीम को तीन दिवसीय  एआईसीटीए-2023  बनाने के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर बलदेव सेतिया ने संस्थान के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग को बधाई दी और उल्लेख किया कि यह विभाग हमेशा सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को आकर्षित करता है और तकनीकी परिवर्तनों को बढ़ावा देने और अपनाने में हमेशा अग्रणी रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि, 'यह सम्मेलन इस विभाग के लिए एक बड़ी कामयाबी है। उन्होंने PEC के गौरवशाली इतिहास के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, कि हम पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत @2047 के राष्ट्रीय एजेंडे के साथ काम कर रहे हैं। अंत में, उन्होंने कहा, कि यह सम्मेलन इस देश और पूरी दुनिया में उपजे मुद्दों से निपटने में मदद करेगा।

एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान से प्रोफेसर (डॉ.) ब्रिज बी गुप्ता इस सम्मेलन में तकनीकी सह-प्रायोजक भी हैं। वह ताइवान में एआई और साइबर सुरक्षा केंद्र के निदेशक हैं। आज, उन्होंने ये एलान किया, कि ताइवान में एआई और साइबर सुरक्षा केंद् PEC के सहयोग से छात्रों की इंटर्नशिप, संकाय विनिमय कार्यक्रम में सहायता करेंगे और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में कार्यशालाएं भी आयोजित करेंगे।

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या फिर  कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।

Sunday, December 17, 2023

PEC में त्रिदिवसीय AICTA कांफ्रेंस 18 से 20 दिसंबर 2023

17th December 2023 at 12:05 PM

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से बदलती दुनिया और नई चुनौतियां भी 


चंडीगढ़
: 17 दिसंबर, 2023: (के के सिंह//एजुकेशन स्क्रीन डेस्क)::

कोई ज़माना था जब दिमाग तेज़ करने के लिए ड्राई फ्रूट्स और टॉनिक खाए जाते थे। धीरे धीरे दिमाग और बुद्धिमता इतने तेज़ हुए कि दुनिया दंग रह गई। फिर कम्प्यूटर बनें और रोबॉट्स भी बने। अब इसी बौद्धिक क्षमता ने कृत्रिम बुद्धिमता भी बना दी है। आने वाले निकट भविष्य में इंसानी क्षमता और कृत्रिम बुद्धिमता का आपसी संबंध कैसा रहने वाला है इसे ले कर बहुत कुछ कहा सुना भी जा रहा है। इस कृत्रिम बौद्धिक शक्ति से ईमेल से लेकर कविता, कहानी और रिपोर्ट तक बहुत कुछ लिखा जा रहा है। 

कुछ बरस पहले लिखीं  छपी और पढ़ी गई कहानियां और नावल अब सच हो कर सामने आने लगे हैं। शायद अब इस कृत्रिम बुद्धिमता को आने वाले लम्बे समय तक संभाल कर भी रखा जा सके। ऐसे बहुत से सवाल अगर आपके मन भी हैं तो आपको इस कृत्रिम बुद्धि को और नज़दीक हो कर देखना चाहिए। ऐसा मौका प्रदान कर रहा है पंजाब इंजीनियर कालेज चंडीगढ़। 

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग, द्वारा 18, 19 और 20 दिसंबर, 2023 को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजीज, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डेटा एनालिटिक्स (AICTA) नामित एक बहुप्रतीक्षित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन इंटरनेशनल सेंटर फॉर एआई एंड साइबर सिक्योरिटी रिसर्च एंड इनोवेशन, एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान के साथ तकनीकी सह-प्रायोजन में आयोजित किया जा रहा है।

इस कांफ्रेंस व् सम्मेलन के आयोजन के अध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. पूनम सैनी जी ने कहा, कि एआईसीटीए 2023 का उद्देश्य कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न डोमेन जैसे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, नेटवर्किंग और डेटा एनालिटिक्स के रीसेंट रुझानों (ट्रेंड्स) और नवीन दृष्टिकोणों पर विचार-विमर्श के लिए एक प्रेरक मंच प्रदान करना है। यह सम्मेलन ज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान कार्यों को साझा करने और प्रसारित करने, सामने आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों और अपनाए गए समाधानों पर चर्चा को बढ़ावा देने के लिए विविध शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और छात्रों को एक साथ लाने का प्रयास करना ही इस उद्देश्य है।

इस आयोजन के सचिव डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि पहले दिन प्री-वर्कशॉप थीम ''वीमेन इन कंप्यूटिंग'' पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य महिला शोधकर्ताओं को  अपने लेख प्रस्तुत करने के लिए एक सामूहिक मंच प्रदान करना है, यह सेशन अल्स्टर यूनिवर्सिटी, यूके से आई डॉ. प्रियंका चौरसिया की अध्यक्षता में आयोजित एक विशेष सत्र में किया जायेगा। अगले दो दिन डेटा साइंस, आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नामक तीन समानांतर ट्रैकों में पेपर प्रस्तुतियों के माध्यम से नवीन विचारों को साझा करने को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा। 

इसके साथ ही पूरे सम्मलेन के कीनोट स्पीकर्स  तौर पर आईआईटी-बीएचयू से प्रोफेसर एस.के. सिंह; एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान से प्रोफेसर बृज बी. गुप्ता; IEEE, USA के प्रेजिडेंट थॉमस कफ़लिन; सिटी यूनिवर्सिटी, होन्ग कोंग से प्रोफेसर किम-फुंग त्सांग; सालेर्नो विश्वविद्यालय, इटली से प्रोफेसर फ़्रेंसेस्को पामिएरी और मैक्वेरी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से प्रोफेसर माइकल शेंग इस कांफ्रेंस का हिस्सा बनेंगें। इसके साथ ही, गूगल और एयरबस के विशेषज्ञ, वर्तमान टेक्नोलॉजीज और इंडस्ट्री के रुझानों से प्रतिभागियों को रु-ब-रु करवायेंगें।  

स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर के तौर पर सीएसई के अंतिम वर्ष के छात्र, जतिन चुघ और भरत ने बताया कि पूरे भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों द्वारा सम्मेलन मंच पर प्रस्तुत किए गए 290 पत्रों में से 65 समीक्षकों द्वारा गुणवत्ता जांच में उत्तीर्ण हुए हैं और स्प्रिंगर द्वारा उनकी प्रतिष्ठित "लेक्चर नोट्स इन नेटवर्क्स एंड सिस्टम्स (एलएनएनएस)" श्रृंखला में प्रकाशन के लिए स्वीकार किए गए हैं।

इसी के साथ सीएसई के एचओडी प्रोफेसर त्रिलोक चंद ने विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रौद्योगिकी-संचालित कार्यक्रमों की व्यवस्था के महत्व पर प्रकाश भी डाला।

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर बलदेव सेतिया जी ने विभाग को बधाई दी और उल्लेख किया कि संस्थान के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग ने हमेशा सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को आकर्षित किया है और तकनीकी परिवर्तनों को बढ़ावा देने और अपनाने में अग्रणी रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दो नए स्नातक कार्यक्रम शुरू किए हैं और दोनों कार्यक्रमों को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। अंततः उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन ज्ञान साझा करने में हमारे संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ संयुक्त अनुसंधान सहयोग में आवश्यक जोर प्रदान करने के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर एक यक्ष प्रश्न यह भी कि क्या इस के ज़ोर पकड़ने पर व्यक्ति की वास्तविक बुद्धि की स्वतंत्रता खतरे में तो नहीं जाएगी? जिस दिन यह नियंत्रण से बाहर होती नज़र आई उस दिन के लिए क्या क्या किया जा सकता है?

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।

Sunday, November 26, 2023

अंगदान अभियान से हो सकती पुनर्जन्म के करिश्मे की शुरुआत

महर्षि दधीचि की क़ुरबानी को आगे बढ़ाया अब पीजीआई ने 


चंडीगढ़
: 26 नवंबर 2023: (कार्तिका कल्याणी सिंह //एजुकेशन स्क्रीन)::

पीजीआई ने हाल ही में एक विशेष आयोजन के ज़रिए कुछ ख़ास मानवीय जिम्मेदारियों की तरफ ध्यान दिलाया है। इस आयोजन को देख सुन कर कुछ चिंताएं भी मन में उठती हैं और कभी कभी आत्मग्लानि सी भी महसूस होती है।  यही भावना खुद पर भी और समाज के एक बहुत बड़े वर्ग तक भी जो इस तरफ से अभी तक उदासीन है। हम मृत्यु के बाद देह को व्यर्थ में नष्ट कर डालते हैं जबकि वह बहुत से जीवन बचाने के काम भी आ सकती है। इसी अभियान की सफलता से एक दिन मानव को मृत्यु पर विजय दिलाने का मिशन भी सफल हो सकता है। अंगदान अब बेहद ज़रूरी हो गया  है और यह सब बेहद  आसान भी है। 

विकास और शिक्षा के नाम पर हम जो भी कहते रहें लेकिन हकीकत यही है कि हम आज भी ज़िंदगी और जीवित लोगों की वह कदर नहीं करते जो की जानी चाहिए। बहुत से लोग सड़क हादसों जा विभिन्न बीमारियों की वजह से अस्पताल पहुंचते हैं। उनके इलाज के लिए बहुत बार बहुत से अंगों की ज़रूरत पड़ती है। देश में इस मकसद के लिए जितनी मांग है उसके हिसाब से केवल दस फीसदी की ही पूर्ति हो पाती है। 

यदि अंगदान की इस दर को बढ़ाया जा सके तो बहुत से लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करना काफी हद तक सहज हो सकेगा। पीजीआई में हुए एक विशेष आयोजन ने इस तरफ विशेष ध्यान आकर्षित किया है। इसमें इस दिशा में हुए विकास का विस्तृत विवरण भी मिला। इन्हें में से एक है जिसे एनआरपी तकनीक कहा जाता। 

इस तकनीक के अंतर्गत मर चुके अंगों को पुर्नजीवित किया जाता है। यदि यह तकनीक और सफल होती है तो शायद किसी दिन मौत पर भी विजय पाई जा सके। इस तकनीक के चलते खून और ऑक्सीजन देकर मृत अंगों को पुनर्जीवित किया जाता है और फिर उन्हें ज़रूरतमंद मरीज़ों के शरीर में सफलता के साथ प्रत्यारोपित भी किया जा रहा है। इस सफलता की दर यदि बढ़ जाए तो मौत भी विज्ञान के वश में हो जाएगी। उसे बहुत से मामलों में रोका जा सकेगा। बहुत से लोगों का जीवन अनंत तक लम्बा हो सकेगा हालाँकि स्वास्थ्य की समस्याएं और स्वास्थ्य की संभाल फिर भी लगातार धयान का विषय बनी ही रहेगी। 

उल्लेखनीय है कि अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में लगातार जो नई तकनीक ईजाद हो रही है उसके जो परिणाम सामने आएँगे उनका फायदा बहुत अद्वित्तीय होगा। डाक्टर भगवान का रूप ही नहीं बल्कि सचमुच भगवान बन जाएंगे।  उन तकनीक और तरीकों में से ही  एक है नॉर्मोथर्मिक रीजनल परफ्यूजन यानी एनआरपी तकनीक। इसकी मदद से अब मृत अंगों को ऑक्सीजन और खून की आपूर्ति से पुनर्जीवित कर मरीजों में प्रत्यारोपित किया जा रहा है। 

लेकिन इसकी भी अपनी सीमाएं हैं और वक़्त की  मजबूरियां भी। इस तकनीक के अंतर्गत एक ध्यान  रखनाआवश्यक है कि वक़्त को तेज़ी से संभाला जाए। तय समय पर प्राप्त अंग को निश्चित समय के अंदर अंदर प्रत्यारोपित न करने पर वह बेकार हो जाता है। इस तरह सारी कोशिश भी विफल होने का अंदेशा बना रहता है। अनुमान लगाएं जब महाऋषि दधीचि ने वज्र बनाने के लिए अपनी हड्डियां दान कीं होंगी तो उस समय भी कितनी बातों का ध्यान  रखा गया होगा।  कहानी सुनने में बहुत रुचिकर और सहज लगती है लेकिन वास्तव में कितनी कठिन रही होगी। 

गौरतलब है कि यह चमत्कारी तकनीक अभी चंद देशों में ही उपयोग की जा रही है, जिनमें से अमेरिका एक है। लेकिन जहां भी हो रही है, वहां अंग प्रत्यारोपण की दर तेजी से बढ़ रही है। यह कहना है यूनिवर्सिटी ऑफ राेचेस्टर के किडनी और पैनक्रियाज के सर्जिकल डायरेक्टर डॉ. रणदीप कश्यप का। वह पीजीआई के किडनी और अग्नाशय प्रत्यारोपण पर सेक्टर- 17 स्थित एक होटल में आयोजित स्वर्ण वर्षगांठ शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को बतौर वक्ता मौजूद थे। 

डॉ. रणदीप ने बताया कि खराब होने वाले 60 प्रतिशत अंगों को इस तकनीक की मदद से पुनर्जीवित कर उसका प्रत्यारोपण किया जा रहा है। इससे प्रत्यारोपण की दर में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। डॉ. रणदीप का कहना है कि समय पर मैचिंग डोनर न मिलने से काफी ज्यादा अंग बेकार हो जाते हैं। ऐसे में इस तकनीक से उन अंगों को मैचिंग डोनर मिलने तक जीवित रखा जा सकता है। इस तकनीक के जरिए मृत अंगों में पुन: ऑक्सीजन और खून की आपूर्ति शुरू की जाती है। इसकी सफलता दर भी 60 से 65 प्रतिशत है। उम्मीद भी की जनि चाहिए और प्रार्थना भी कि इस दर को बढ़ाया जा सके।  

कौन कौन से महत्वपूर्ण अंग किए जा रहे हैं सुरक्षित यह जान लेना भी ज़रूरी है। एनआरपी तकनीक का उपयोग कर के किडनी, लिवर, फेफड़ा, हृदय और पैंक्रियाज जैसे अंगों को बंद होने के बाद दोबारा जीवित किया जा रहा है। 

डॉ. रणदीप ने बताया कि इस तकनीक का प्रयोग कर अमेरिका में सबसे ज्यादा खराब किडनी प्रत्यारोपण हो रही है। सड़क दुर्घटना या ऐसे ही अन्य मामलों में मौत के बाद अंगों में खून और ऑक्सीजन की आपूर्ति घंटों बंद होने से वे शरीर के अंदर ही बेकार हो जाते हैं। उस स्थिति में उन अंगों को बाहर निकालकर एक विशेष मशीन की मदद से तब तक सक्रिय रखा जा सकता है, जब तक जरूरी हो।

आज के युग में करिश्मे दिखाने वाली तकनीक एनआरपी नाज़ा इतिहास रच रही है। मेडिकाल क्षेत्र इस करिश्मे को लेकर बहुत उम्मीदें हैं। इसके चमत्कार की चर्चा बहुत तेज़ी से हो रही है।  नॉर्मोथर्मिक रीजनल परफ्यूजन एक उभरती हुई तकनीक है, जो सर्कुलेटरी डेथ (डीसीडी) के बाद अंगों को जीवित रखने का एक विकल्प बन रहा है। इसे तुरंत एक्शन में ला कर ज़्यादा फायदा हो सकता है। 

उदाहरण के लिए डेड हार्ट के मामले में एनआरपी में खून को आईवीसी से शिरापरक सर्किट से निकाला ऑक्सीजनित किया जाता है और उदर की महाधमनी में वापस कर दिया जाता है। इसके अलावा एक कोडा बैलून कैथेटर (कुक इनकॉर्पोरेटेड, ब्लूमिंगटन, आईएन) को महाधमनी स्थल के माध्यम से डाला जाता है और वक्षीय महाधमनी में फुलाया जाता है। उदर महाधमनी को वक्षीय अंगों और मस्तिष्क में रक्त को जाने से रोकने के लिए डायाफ्राम के ठीक नीचे लगाया जाता है। वक्षीय और मस्तिष्क रक्त के पुर्नचक्रण को रोक दिया जाता है। ऐसी मशीनरी प्रत्यारोपण से पहले अंगों को ऑक्सीजन युक्त और स्वस्थ रखती है।

किन अंगों को कितने समय के अंदर करना होता है प्रत्यारोपित इसका भी विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है।  हृदय  को  4 से 6 घंटे के अंदर प्रत्यारोपित करना ज़रूरी होता है इसी तरह फेफड़े  को 4 से 6 घंटे के अंदर अंदर  प्रत्यारोपित करना ज़रूरी होता है। किडनी के मामले में यह अवधि कुछ अलग है। किडनी को 48 से 72 घंटे के अंदर अंदर लगा दिया जाना चाहिए। इसी तरह एक अन्य महत्वपूर्ण अंग लिवर को इस मकसद के लिए 12 से 24 घंटे का समय मिलता है। पैंक्रियाज  अर्थात अग्नाशय को 12 से 18 घंटे के अंदर अंदर लगा दिया जाना चाहिए और आंत को 6 से 12 घंटे  लगाना उचित होता है। 

गौरतलब है कि पाचन तंत्र का प्रमुख अंग और छोटी आंत का पहला भाग होता है अग्नाशय यानी पैंक्रियाज। पेट की यह बड़ी ग्रंथि छोटी आंत के ऊपरी हिस्से के बगल में होती है। पैंक्रियाज भोजन पचाने में सहायता करने वाले हार्मोन और एन्जाइम का उत्पादन करता है। यह शरीर की शर्करा की प्रक्रिया को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। इसका कैंसर गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है। इसकी संभाल के ले विशेष सावधान रहना आवश्यजक है खास कर खान पान के मामले में। 

इस दिशा में जो विकास कार्य चल रहे हैं उन्हें देखते हुए अंग दान से जो अंग दान में मिलते हैं उन्हें अंग प्रत्योपन की तकनीक को अब और भी ज़्यादा अच्छी तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। केवल भारत में ही नहीं अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी अंग दान का अभियान अभी और तेज़ किया जाए तभी बात बन सकेगी। 

इस संबंध में बात करते हुए विशेषज्ञ बहुत महत्वपूर्ण बातें बताते हैं। उल्लेखनीय है कि जिन दो अंगों की सबसे अधिक आवश्यकता होती है वे हैं गुर्दे और यकृत। संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के अनुसार, राष्ट्रीय प्रत्यारोपण प्रतीक्षा सूची में लगभग 83 प्रतिशत लोग किडनी प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं और लगभग 12 प्रतिशत लोग यकृत प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जीवित दाता इनमें से किसी भी अंग को दान करने में सक्षम हैं यदि वे प्राप्तकर्ताओं से मेल खाते हों। इस तरह बहुत से लोगों को नया जीवन मिल सकेगा। 

लगभग 2,600 लोग या प्रत्यारोपण सूची के लगभग तीन प्रतिशत लोग हृदय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। फेफड़े, अग्न्याशय और आंतों सहित अन्य अंग प्रतीक्षा सूची के बाकी हिस्से बनाते हैं। हालाँकि सभी उम्र के लोग सूची में हैं, लेकिन आंत प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा करने वालों में से अधिकांश शिशु और बच्चे हैं।

यदि हम महर्षि दधीचि को सचमुच में श्रद्धासुमन अर्पित करना चाहते हैं तो उनकी उस महान क़ुरबानी को हमेशां याद रखें।    स्मरण रहे कि भारतीय इतिहास’ में कई दानी हुए हैं, किंतु मानव कल्याण के लिए अपनी अस्थियों का दान करने वाले मात्र महर्षि दधीचि ही थे। महर्षि दधीचि ने उनका अहित चाहने वाले इंद्र को ही अपनी अस्थियां दान कर दीं।  वृत्रासुर नामक राक्षस ने देवलोक पर कब्जा कर लिया और इन्द्र सहित सभी देवताओं को देवलोक से बाहर निकाल दिया। महर्षि ने योग विद्या से अपना शरीर त्याग दिया। महर्षि के शरीर की त्वचा, मांस और मज्जा उनके शरीर से अलग हो गए। मानव देह के स्थान पर सिर्फ़ उनकी अस्थियां ही शेष रह गईं। इन्द्र ने उन अस्थियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया और उन्हें ले जाकर ‘तेजवान’ नामक व्रज बनाया। आइए अतीत से प्रेरणा लें। महाऋषि दधीचि से प्रेरणा लें। 

क्या हम मृत्यु के बाद भी अपने शरीर और अंगों  करने से हिचकिचाते रहेंगे? उठिए जागिए और इस अभिजन का सक्रिय हिस्सा बनिए  

Saturday, October 7, 2023

SCD कालेज के जरनैल एस आनंद का बेलग्रेड में विशेष सम्मान

Saturday 7th October 2023 at 4:44 PM

 पोएट्स रॉक पर भी उकेरा जाएगा डॉ. आनंद का नाम 

लुधियाना: 7 अक्टूबर 2023: (*बृज भूषण गोयल//एजुकेशन स्क्रीन डेस्क)::

लुधियाना का सतीश चंद्र धवन राजकीय कालेज एक ऐसा शिक्षण संस्थान है जिसके साथ बहुत से महत्वपूर्ण लोग किसी न किसी समय जुड़े रहे हैं। इस कालेज के पुराने छात्रों पर एक नज़र डालें तो बहुत से बड़े बड़े नाम मिलेंगे।  यह कालेज 100 बरस से भी अधिक पुराना है। इस कालेज की तरह ही शायरी के साथ इसका संबंध भी बहुत गहरा रहा है। आम लोगों को केवल साहिर लुधिआनवी साहिब का ही पता है लेकिन सच तो यह है की आज भी इस कालेज के साथ शायरी की दुनिया के बहुत से ख़ास नाम जुड़े हुए हैं। 

इन्हीं में से एक नाम है डॉ. जरनैल एस. आनंद, साहिब का जो एससीडी राजकीय कालेज के पूर्व छात्र हैं। एससीडी सरकार के पूर्व छात्र। कॉलेज, लुधियाना डॉ. जरनैल एस. आनंद, विश्व साहित्यिक परिदृश्य के पुरोधा और भारतीय साहित्य के शीर्ष-रैंकिंग व्यक्तित्व, को एसोसिएशन ऑफ सर्बियाई राइटर्स, बेलग्रेड द्वारा चार्टर ऑफ मोरावा,से सम्मानित किया जाएगा। यह सब उनकी रचनात्मकता के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में विशेष सम्मान होगा। इसके साथ ही डॉ. आनंद का नाम पोएट्स रॉक पर उकेरा जाएगा, जो सर्बिया के केंद्र में स्थित है। 

आनंद की सर्बिया यात्रा के दौरान वह 20-23 अक्टूबर 2023 तक 60वीं बेलग्रेड इंटरनेशनल राइटर्स मीटिंग के अतिथि होंगे, जो सर्बियाई क्षेत्र में एक वार्षिक कार्यक्रम है। इससे पहले भारत के गौरव रवीन्द्र नाथ टैगोर को 1926 में इसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। बहुत बड़ी संख्या में अर्थात 152 किताबें लिखने वाले और इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एथिक्स की स्थापना करने वाले डॉ. आनंद को इससे पहले मानद सदस्यता से भी सम्मानित किया गया था। 

सर्बियाई राइटर्स एसोसिएशन, बेलग्रेड का, जो अपने आप में एक दुर्लभ सम्मान है। इसके अलावा डॉ. आनंद क्रॉस ऑफ पीस, क्रॉस ऑफ लिटरेचर, इटली, वर्ल्ड आइकॉन ऑफ पीस, नाइजीरिया, आर्ट 4 लाइफ अवॉर्ड, यूएसए, नाजी नमन अवॉर्ड, लेबनान और फ्रांज काफ्का अवॉर्ड, यूक्रेन जैसे पुरस्कार भी जीत चुके हैं। 

अमेरिका-सर्बिया के फुलब्राइट विद्वान डॉ. माजा हरमन सेकुलिक जैसे विश्व साहित्य के प्रतीकों द्वारा उन्हें दार्शनिकों में सबसे महान कवि और कवियों में सबसे महान दार्शनिक माना जाता है। वर्तमान प्राचार्य प्रो.डॉ. आनंद के अल्मा मेटर के तनवीर लिखारी ने कहा है कि यह कॉलेज के लिए गर्व का क्षण रहा है और वे उन्हें छात्र बातचीत के लिए आमंत्रित करने के लिए भी विशेष तौर पर उत्सुक हैं। 

डॉ आनंद को बधाई देने वालों में पूर्व छात्र प्रोफेसर पी के शर्म, सुश्री हरिंदर कौर बराड़ आईएएस सेवानिवृत्त, ओपी वर्मा पीएससी सेवानिवृत्त शामिल हैं। एक पूर्व प्राचार्य डॉ. धर्म सिंह संधू ने भी उन्हें इस विशेष सम्मान पर हार्दिक बधाई कही। । डॉ. जर्नेल एस अनानाद ने पहले ही अपनी 32 पसंदीदा पुस्तकें कॉलेज लाइब्रेरी के विशेष पूर्व छात्र राइटर्स शेल्व्स को दे दी हैं। डॉ. आनंद के सम्मान समारोह से लेखकों का ध्यान सर्बियाई राष्ट्र की ओर आकर्षित होने की उम्मीद है जो देश के रूप में विश्व संस्कृतियों के साथ लगातार गुणवत्तापूर्ण साहित्यिक संवाद आयोजित करता है। 1961 में दुनिया को पहले ही नोबेल पुरस्कार विजेता श्री इवो एंड्रिक दे चुके हैं। 

बेलग्रेड, जो विश्व साहित्य की राजधानी बन गया है, इस अंतर्राष्ट्रीय बैठक में भाग लेने वाले प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति भी देखेंगे, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका से टी ओब्रेहट, उज्बेकिस्तान से सिराज़िदिना साजिदा शामिल हैं। , और इतालवी लेखक दांते माफ़िया। यह बैठक सर्बिया सरकार के संस्कृति मंत्री और शहर के मेयर के साथ आदान-प्रदान का एक कार्यक्रम होगी, जिसमें वहां के राष्ट्रीय टेलीविजन पर मेहमानों की उपस्थिति भी शामिल होगी। 

*बृज भूषण गोयल -संगठन सचिव/समन्वयक पूर्व छात्र संघ एससीडी राजकीय  कॉलेज, लुधियाना

उनका सम्पर्क नंबर है-9417600666

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।

Wednesday, August 16, 2023

GCG लुधियाना में भी मनाया गया 77वां स्वतंत्रता दिवस

Tuesday 15th August 2023 at 9:43 PM

प्राचार्या श्रीमती सुमन लता एवं वरिष्ठ स्टाफ परिषद् ने ध्वजारोहण की रस्म अदा की

लुधियाना: 15 अगस्त 2023: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन):: 

लुधियाना के जानेमाने और प्राचीन कालेजों में से एक है भारत नगर चौंक में स्थित राजकीय कन्या कालेज। इस कालेज में पढ़ना आपमें आप में ही एक फख्र की बात हुआ करती है। पूरी तरह मैरिट के हिसाब से यहां दाखिला मिलता है। यहां तकरीबन सभी प्रमुख दिन त्योहार हर्षोल्लास से मनाए जाते हैं। इस बार का स्वतंत्रता दिवस भी पूरे जोशो खरोश के साथ मनाया गया। 

गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स लुधियाना में आज जब 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया तो हर तरफ प्रसन्नता महसूस की जा सकती थी। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती सुमन लता एवं वरिष्ठ स्टाफ परिषद् ने ध्वजारोहण की रस्म अदा की। 

आजादी के 77वें वर्ष के अवसर पर प्राचार्या श्रीमती सुमन लता ने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम को याद किया और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के महान आदर्शों, मूल्यों और बलिदानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्र वर्ग और अन्य दर्शकों को राज्य और राष्ट्र की भलाई और प्रगति के लिए मुख्यमंत्री द्वारा ली गई शपथ की याद दिलाई। इस अवसर पर एन.सी.सी. कैडेट्स , एन.एस.एस. स्वयंसेवकों ,टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी ने भाग लिया।

बी.ए .द्वितीय वर्ष की छात्रा शालिनी और हितैशी ने देशभक्ति गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उपस्थित सभी लोगों को मिठाइयाँ वितरित की गईं। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।

Wednesday, March 29, 2023

अब प्रोफेसर रेणु चीमा विग पंजाब विश्वविद्यालय की नई कुलपति

प्रविष्टि तिथि: 29 MAR 2023 4:32 PM by PIB Delhi  

कुलपति नियुक्त किया उपराष्ट्रपति ने


चंडीगढ़: 29 मार्च 2023: (पीआईबी//एजुकेशन स्क्रीन)::

प्रोफेसर राज कुमार की तरफ से पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति पद से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुए इस पद पर अब नई नियुक्ति कर दी गई है। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, जो कि पंजाब विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, ने आज प्रोफेसर (डॉ.) रेणु चीमा विग को पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त किया। वर्तमान में वे डीन ऑफ यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन (डीयूआई) हैं। 

श्री धनखड़ ने पंजाब विश्वविद्यालय अधिनियम- 1947 की धारा 10 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए प्रोफेसर विग की नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए की है।

इससे पहले प्रोफेसर राज कुमार ने पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद 16 जनवरी, 2023 से प्रोफेसर विग कार्यवाहक कुलपति थीं।

इसके बाद माननीय उपराष्ट्रपति ने पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति के पद के लिए नामों की सिफारिश करने के लिए 21 मार्च, 2023 को तीन सदस्यीय खोज-सह-चयन समिति का गठन किया था। इस समिति की रिपोर्ट के अनुसार प्रोफेसर रेणु विग की नियुक्ति की गई।

वर्तमान में उनके सामने कई चुनौतियाँ भी सम्भव हैं जिनसे निपटना नए वी सी के तौर पर उनके लिए बिलकुल भी कठिन न होगा क्यूंकि यूनिवर्सिटी के मामले में प्रेफ़ेसर रेनू बेहद अनुभवी हैं। इस मामले में उनकी कार्यकुशलता की तारीफ अक्सर की जाती है। 

***** एमजी/एमएस/एआर/एचकेपी/वाईबी

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।

Monday, February 20, 2023

वर्ल्ड इंटरफेथ आयोजन में शामिल हुई प्रमुख शख्सियतें

Monday 20th February 2023 at 12:23 PM

वर्ल्ड इंटरफेथ हारमनी वीक में सहभागिता हेतु शिक्षा मंत्री ने दिए प्रशंसा प्रमाण पत्र दिये


लुधियाना: 20 फरवरी 2023: (एजुकेशन स्क्रीन डेस्क)::

गत एक फरवरी से लेकर पंद्रह फरवरी तक सिटी नीड्स (एन.जी.ओ.) तथा टीम 1699 के सहयोग से यू.एन.ओ. के तत्वावधान में वर्ल्ड इंटरफेथ हारमनी वीक का आयोजन किया गया। सर्व धर्म समानता के सामाजिक मूल्य से ओतप्रोत इस आयोजन में सभी धर्मों के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने आम जनता के साथ बढ़ चढ़ कर भाग लिया।विभिन्न शिक्षण संस्थानों की तरफ से भी कई छात्रों व अध्यापकों ने इस आयोजन में सहभागिता दर्ज की।एक फरवरी2023 को इस आयोजन की शुरुआत रामगढिय़ा गर्ल्स कालेज के आडीटोरियम में की गई।आई.पी.एस मनदीप सिंह (कमिश्नर) तथा आई. ए.एस. सुरभि मलिक (डिप्टी कमिश्नर) लुधियाना गैस्ट आफ आनर के तौर पर उपस्थित रहे। विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधि  जिनमें भिक्कु प्रज्ञा बौद्धि थेरो (बौद्ध भिक्षु), सर्बजीत सिंह रेणुका (सिक्ख स्कालर),फादर वर्गीज़ कच्पिल्लै ( प्रतिनिधि,ईसाई धर्म),परमपाल सिंह (यू.एन. स्पीकर), मौलाना उस्मान लुधियानवी (शाही इमाम, मुस्लिम समुदाय) आदि ने सर्व धर्म समानता पर अपने वक्तव्य दिये। प्रताप कालेज आफ एजुकेशन की सहायक शिक्षिका पूनम सपरा, कालेज की बी.एड.कक्षा के भावी शिक्षकों नेहा शर्मा, प्रिया, प्रीति, सृष्टि शर्मा, महक बजाज़ तथा समरीत कौर के साथ इस आयोजन में सम्मिलित हुए। इस समारोह में सफलतापूर्वक मंच संचालन सिटी नीड्स टीम के संयोजक गुरसाहिब सिंह ने किया। रामगढिय़ा गर्ल्स कालेज की मैनेजमेंट की ओर से स.रणजोध सिंह ने सारी उपस्थिति का आभार प्रकट किया। 

वर्ल्ड इंटरफेथ हारमनी वीक के तहत सभी धार्मिक प्रतिनिधियों ने 15 फरवरी तक  अपने अपने धार्मिक स्थलों पर व्यक्तिगत रूप से समाज के लोगों से मिलकर सर्व धर्म समानता का प्रचार प्रसार किया। 12 फरवरी2023को *इंटरफेथ वाक* का आयोजन किया गया। लुधियाना शहर के कुछ स्कूलों और कालेजों के अध्यापक व छात्र इस इंटरफेथ वाक में शामिल हुये।प्रताप कालेज आफ ऐजुकेशन की सात सदस्यीय टीम ने इसमें सक्रियता पूर्वक भाग लिया।

इस आयोजन के समापन समारोह का  भव्य कार्यक्रम एस.सी.डी. गवर्नमेंट कालेज के साहिर आडीटोरियम में किया गया। इस अवसर पर पंजाब के शिक्षा मंत्री  हरजोत सिंह बैंस विशेष रूप से उपस्थित रहे।खचाखच भरे साहिर आडीटोरियम में कई स्कूलों और कालेजों के अध्यापक तथा प्रिंसिपल शिक्षा मंत्री के स्वागत के लिए उपस्थित थे।शिक्षा मंत्री ने इस विशेष आयोजन में सक्रिय भूमिका निभा रहे कार्यकर्ताओं की  सर्व धर्म समानता के लिये किए जा रहे कार्यों के लिएप्रशंसा की ।उन्होंने गतपंद्रह दिन से इस आयोजन में शामिल हो रहे अध्यापकों को तथा छात्रों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।प्रताप कालेज आफ ऐजुकेशन की टीम ने भी सक्रिय सहभागिता के लिये शिक्षा मंत्री के हाथों प्रशंसा के प्रमाणपत्र प्राप्त किए।

कालेज प्रिंसिपल डा.मनप्रीत कौर ने इस  वर्ल्ड इंटरफेथ हारमनी वीक के विभिन्न समागमों में भाग लेने वाले कालेज के टीम सदस्यों का उत्साह वर्द्धन करते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।कालेज की सहायक शिक्षिका पूनम सपरा ने विश्वास दिलाया कि वह सदा कालेज की तरफ से छात्र छात्राओं को  समाज के प्रति  विभिन्न क्षेत्रों में योगदान हेतु प्रेरित करती रहेगी।

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।

Friday, January 27, 2023

LIVE : परीक्षा पे चर्चा 2023: PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज़ुबानी परीक्षा के गुर और मंत्र

नई दिल्ली: 27 जनवरी 2023: (पीआईबी//दूरदर्शन//एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::

परीक्षा किसी युद्ध से कम नहीं होती। इसमें भाग लेने वाले किसी योद्धा से कम नहीं होते। इन सभी तथ्यों के बावजूद बहुत से लोग परीक्षा के नाम से घबरा जाते हैं। परीक्षा में कम अंक आने पर आत्म हत्याओं की खबरें भी आम बात हो गई हैं। वास्तव में यही परीक्षाएं ज़िंदगी की परीक्षाओं में सफल होने का आधार बताती हैं। इन परीक्षाओं में सफलता के मंत्र और गुरमन्त्र बताने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी
अब बहुत ही तेज़ी से सक्रिय हैं। सक्रिय हैं। उनकी बातें गहन मनन के बाद जुबां पर आती हैं। आप भी सुनिए उनके नए विचार विचार दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से।

Prime Minister now addressing and interacting with students as part of the Pariksha Pe Charcha at Tal Katora Stadium, New Delhi

Wednesday, January 25, 2023

वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम

Wednesday 25th January 2023 at 2:42 PM

प्रताप कालेज ने याद दिलाया कि हम भूलेंगे नहीं वोट डालने जाना है 


लुधियाना: 25 जनवरी 2023: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन)::

मतदान दिवस को देश में सबसे बड़े त्यौहार के तौर पर जाना जाता है। इस सबसे बड़े त्यौहार को लेकर एक जागरूकता अभियान ज़ोरों से चल रहा है। इस मौके पर हर वोटर उस महान ऊंचाई पर होता है जब वह अपनी मन पसंद सत्ता चुन सकता है। उस दिन मतदाता के मन की ही चलती है। जिस बदलाव को वह लाना चाहता है उसे लाने के लिए वह अम्न पसंद दाल और व्यक्तियों को चुन कर सत्ता में ला सकता है। प्रताप कालेज आफ एजुकेशन, लुधियाना में 13वें राष्ट्रीय वोटर दिवस के अवसर पर भाषण तथा पोस्टर मेकिंग मुकाबले करवाये गये। कालेज प्रिंसिपल डा.मनप्रीत कौर ने नये वोटर बने भावी शिक्षकों को वोट के अधिकार का महत्व बताते हुए हमेशा वोट देने के लिए प्रेरित किया। छात्र-छात्राओं ने भी इस सब को बहुत ही ध्यान से सुना। 

इस मौके पर कालेज की सहायक शिक्षिका श्रीमती पूनम बाला ने कालेज की बी.एड. तथा डी.एल.एड.कक्षाओं के विद्यार्थियों को वोट करके जनता का प्रतिनिधि चुनने के लिए अवश्य वोट देने के लिए मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ  "हम भारत के नागरिक, लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाए रखेंगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए निर्भीक होकर धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे"दिलाई।इस अवसर पर "मैं भारत हूँ" गीत भी सुनाया गया।कालेज के सहायक शिक्षक प्रदीप सिंह ने भी लोकतंत्र में वोट देने का महत्व बताया। इस तरह मतदाता के अधिकारों और शक्तियों की चर्चा बहुत ही विस्तार से हुई। 

यह सारी चर्चा बहुत ही ज्ञानवर्धक साबित हुई। तत्पश्चात भाषण तथा पोस्टर मेकिंग मुकाबले का भी आयोजन हुआ जिसमें बहुत ही सुंदर सुंदर पोस्टर बनाए गए। छात्र वर्ग की कलात्मक ऊंचाई भी इन üपोस्टरों के ज़रिए सब के सामने आई। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को इनाम दिये गए। अंत में राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

निरंतर सामाजिक चेतना और जनहित ब्लॉग मीडिया में योगदान दें। हर दिन, हर हफ्ते, हर महीने या कभी-कभी इस शुभ कार्य के लिए आप जो भी राशि खर्च कर सकते हैं, उसे अवश्य ही खर्च करना चाहिए। आप इसे नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आसानी से कर सकते हैं।