Thursday, February 14, 2013

गुलाम नबी आजाद थे इस समारोह के मुख्‍य अतिथि

14-फरवरी-2013 18:20 IST
राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और न्‍यूरो विज्ञान संस्‍थान बेंगलुरू का 17वां दीक्षांत समारोह 
पहल से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मदद मिली
राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और न्‍यूरो विज्ञान संस्‍थान का 17 वां दीक्षांत समारोह आज बेंगलुरू में हुआ। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद इस समारोह के मुख्‍य अतिथि थे। 

श्री आजाद ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और न्‍यूरो विज्ञान संस्‍थान, सम विश्‍वविद्यालय, को संसद के अधिनियम के तहत राष्‍ट्रीय महत्‍व के संस्‍थान के रूप में स्‍थापित किया गया है। 14 फरवरी, 1974 को अस्तित्‍व में आने के बाद निमहान्‍स भारत में मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और न्‍यूरो विज्ञान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। निमहान्‍स ने पिछले वर्षों में अनेक पहल की हैं जिनका स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर बहुत अच्‍छा प्रभाव पड़ा। 

उन्‍होंने कहा कि शुरूआती दौर में ही मधुमेह, उच्‍च रक्‍तचाप और कैंसर का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर जांच और मंत्रालय द्वारा मां और नवजात शिशु के लिए की गई पहल से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए मदद मिली है। भारत अब बीमारियों के फैलने और महामारियों से निपटने के लिए बेहतर स्थिति में है। चिकित्‍सा शिक्षा में विभिन्‍न स्‍तरों मानव संसाधनों की वृद्धि के लिए सुधारों की श्रृंखला शुरू की गई है। एमबीबीएस सीटों की संख्‍या 33,567 से बढ़कर 45,629 हो गई है। पीजी सीटों की संख्‍या 13,838 से बढ़कर 22,850 हो गर्इ है। छह नए एम्‍स सहित 72 नए मेडिकल कालेजो की स्‍थापना की गई है जिससे इनकी संख्‍या 290 से 362 हो गई है। नए एम्‍स के मेडिकल कॉलजों में सितंबर 2012 में 50-50 छात्रों ने प्रवेश लिया है। भारत सरकार ने प्रधानमंत्री स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना के तहत 19 राज्‍य सरकारों के मेडिकल कालेजों को उन्‍नयन के लिए ले लिया है। इससे बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं लोगों को मिलेंगी। 

श्री आजाद ने कहा कि 6 फरवरी, 2013 को बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य की जांच के लिए महाराष्‍ट्र के ठाणे जिले में राष्‍ट्रीय बाल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय द्वारा गई 2011 को गठित मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य समूह ने देश के लिए मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य नीति तैयार करने की दिशा में काफी प्रगति की है। राष्‍ट्रीय और क्षेत्रीय स्‍तर पर सलाह मशविरे के बाद इसे संसद में पेश करने के लिए तैयार किया जा रहा है। (PIB)
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वि.कासोटिया/राजेंद्र/पवन-584

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