Wednesday, December 23, 2020

SCD: याचना शर्मा ने 85.87% के साथ पहला स्थान पाया

 एस. सी. डी. कॉलेज के छात्रों के नाम स्वर्ण और रजत पदक 

लुधियाना: 23 दिसंबर 2020: (कार्तिका सिंह// एजुकेशन स्क्रीन )::
स्नातकोत्तर हिंदी विभाग एवं शोध-केन्द्र,
सतीश चंद्र धवन राजकीय महाविद्यालय के एम.ए हिंदी चौथे समैस्टर के विद्यार्थियों ने पंजाब विश्वविद्यालय की मेधा सूची में अपना स्थान बनाते हुए कॉलेज का नाम चमकाया किया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी टाॅपर लिस्ट में कॉलेज की मेधावी छात्रा याचना शर्मा ने 85.87 प्रतिशत अंक प्रात करते हुए यूनिवर्सिटी मे पहला स्थान पाया और अपने लिए स्वर्ण पदक पक्का किया। 
रिंकू कुमारी 
इसी तरह
रिंकू कुमारी (84.18%) ने दूसरा स्थान हासिल करते हुए रजत पदक की दावेदारी पक्की की।  रजत सेठी (82.31%) ने सातवां स्थान हासिल किया। हिंदी विभाग के इस परिणाम से समूचे कॉलेज में खुशी की लहर देखने को मिली। प्रिंसिपल डॉ. धर्म सिंह संधू ने इस शानदार परिणाम हेतु हिंदी विभाग को बधाई दी और कहा कि हिन्दी विभाग के विद्यार्थी हर सेमेस्टर में अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय में अपना स्थान बनाते हैं। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों ने महाविद्यालय के100 वर्ष के ऐतिहासिक यात्रा में सफलता का एक पन्ना और जोड़ दिया है। विद्यार्थियों ने इस सेमेस्टर में भी केवल हिंदी विभाग का ही नहीं अपितु संपूर्ण कॉलेज का नाम रोशन किया है।  विभागाध्यक्ष  प्रो.(डां.)अश्वनी भल्ला ने विद्यार्थियों की सफलता का सारा श्रेय उनकी मेहनत और साधना को दिया।  डॉ. मुकेश अरोड़ा (सीनेट सदस्य, पंजाब विश्वविद्यालय, चंड़ीगढ़) ने विशेष तौर पर शिरकत करते हुए विद्यार्थियों को बधाई दी तथा कहा कि विद्यार्थियों की लगन और अध्ययनशीलता के परिणाम स्वरूप ही ऐसे परिणाम सामने आते हैं। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि विभाग के विद्यार्थियों ने इस परिणाम के माध्यम से सिद्ध कर दिया कि चाहे कोरोना का आतंक अभी भी छाया है परंतु मानसिक रूप से  विद्यार्थी इससे उबरने लगे हैं। डॉ. सौरभ कुमार ने कहा कोरोना काल मे भी  विभाग के विद्यार्थियों ने टॉपर बनने की अपनी परंपरा को कायम करने में सफलता पाई है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। इस अवसर पर  टॉपर याचना शर्मा, रिंकू  और रजत सेठी तीनों का कहना है कि "हम भी साहित्य की लहर को आगे बढ़ाते हुए भाषा-साहित्य का प्रोफेसर बनकर आपने अध्यापकों का नाम रोशन करना चाहते है।" विद्यार्थियों ने कहा कि महाविद्यालय और विशेषकर हिन्दी विभाग में  विद्यार्थियों को मिलने वाला सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण उनके लिए हमेशा लाभदायक रहा।  विभाग के अन्य प्रध्यापक डॉ. मोनिका जैन, डॉ. सौरभ कुमार, प्रो. सोनदीप, प्रो. इंद्रजीत पासवान ने भी विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि विद्यार्थियों पर विभाग को गर्व है। 

Sunday, November 29, 2020

मध्यप्रदेश में 31 दिसंबर तक स्कूल बंद रहेंगे

कक्षा 9 वीं से 12वीं तक की कक्षाएं आंशिक रूप से लगेंगी


भोपाल: 28 नवंबर 2020: (मध्यप्रदेश स्क्रीन)::

स्कूल शिक्षा विभाग द्वार जारी आदेशानुसार कक्षा 1 से 8वीं तक के स्कूल 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे। वहीं कक्षा 9 वीं से 12वीं तक की कक्षाएं आंशिक रूप से लगेंगी। विद्यार्थियों के शंका-समाधान के लिए स्कूल नियमित रूप से निर्धारित समय तक खुले रहेंगे।

Monday, November 2, 2020

एनआईटी सिलचर के 18वें दीक्षांत समारोह में विशेष सम्बोधन

 Monday:02nd November 2020 17:26 IST 

 केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिए संबोधित किया 

 नयी शिक्षा नीति से उत्कृष्टता मिलेगी-श्री रमेशखरियाल  पो'निशंक' 

नई दिल्ली02-नवंबर-2020: (पीआईबी//एजुकेशन स्क्रीन)::

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक'ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) सिलचर के 18वें दीक्षांत समारोह कोवर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिए संबोधित किया। वे मुख्य आतिथि के तौर पर समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल विशिष्ट अतिथि थे। एआईसीटीई के प्रमुख प्रो. अनिल डी सहस्रबुद्धेविशिष्ट अतिथि थे। एनआईटी सिलचर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के प्रमुख श्री गौतम एन मेहराऔर गणमान्य पूर्व छात्र एवं डीआरडीओ के एसोसिएट डायरेक्टर (साइंटिस्ट जी) श्री संजय चौधरी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री पोखरियाल ने उत्तीर्ण छात्रों को बधाई दी और कहा कि यह पल उन लोगों के जीवन के यादगार पलों में से एक है। उन्होंने एनआईआरएफ-2020 में 46वां रैंक हासिल करने के लिए एनआईटी सिलचर को बधाई दी और उल्लेख किया कि संस्थान एनआईआरएफ-2019 से इस बार पांच पायदान ऊपर चढ़ा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हो रही है कि एनआईटी सिल्चर ने वैश्विक रैंकिंग प्लेटफॉर्म जैसे द रैंकिंग और यूएस न्यूज रैंकिंग में प्रमुख स्थान हासिल किए हैं। उन्होंने एनआईटी सिलचर को इस तरह की पहचान हासिल करने के लिए बधाई दी और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर राष्ट्रीय शिक्षा के उत्थान के लिए सभी आयामों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए कहा।

मंत्री ने प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली की उत्कृष्टता उल्लेख किया है जब दुनिया भर के विद्वान नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला आदि विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए हमारे देश आते थे। उन्होंने बताया कि हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली पर गर्व करते हुए और विद्वता से भरे शिक्षकों एवं छात्रों के साथ भविष्य की तैयारी करते हुए गुणवत्ता आधारित शित्रा प्रणाली के साथ भारत खुद को विश्व गुरु के तौर पर स्थापित करेगा। श्री पोखरियाल ने नई शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला जो पथ प्रवर्तक साबित होंगे और लाखों छात्रों की जीवन के सभी क्षेत्रों में बढ़ने और उत्कृष्टता हासिल करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के तहत सरकार न केवल अपने संस्थानों की स्थापना के लिए विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों/संस्थानों के साथ सहयोग कर रही है, बल्कि विभिन्न आयामों में भी सहयोग कर रही है। मंत्री ने पेटेंट को बढ़ाने के लिए टैलेंट को पेटेंट से जोड़ने का उल्लेख किया जो न केवल संस्थान को आगे बढ़ाएगा बल्कि देश के आर्थिक विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

श्री पोखरियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के नेतृत्व में राष्ट्रीय अनुसंधान कोष और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी मंच की शुरूआत की गई है और यह देश के अनुसंधान एवं विकास परिदृश्य को एक बेहतर, समावेशी और उत्कृष्ट वातावरण में बदल देगा। उन्होंने उल्लेख किया कि एनईपी-2020के तीन स्तंभ-सुधार, परिवर्तन और प्रदर्शन, राष्ट्र की शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाएंगे और इनमें हमारी शिक्षा प्रणाली को एक वैश्विक मंच पर स्थापित करने की क्षमता है। श्री पोखरियाल ने यह भी कहा कि संस्थान के लिए एक सतत भविष्य के निर्माण की खातिर पूर्व छात्रों को अपने संस्थान के साथ जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने समावेशी तरीके से संस्थान की बेहतरी के लिए एक एलुमनी टास्क फोर्स बनाने का विचार व्यक्त किया।

श्री पोखरियाल ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के जय जवान, जय किसान की घोषणा ने देश को कृषि क्षेत्र में आत्म-निर्भर राष्ट्र में बदल दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस नारे में‘जय विज्ञान’को जोड़ा जिससे देश के वैज्ञानिक अनुसंधान में महत्वपूर्ण बदलाव आया और हमें वैश्विक रूप से दूसरी परमाणु महाशक्तियों के साथ अग्रिम पंक्ति में खड़े होने में मदद मिली। उसी नारे में हमारे वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ‘जय अनुसंधान’को जोड़ा जो राष्ट्र के अनुसंधान और विकास की प्रगति को और ऊंचाई पर लेकर जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के सपने और एनईपी-2020 के कार्यान्वयन के साथ हम शिक्षा और अनुसंधान में अपनातेजस्वी गौरव दोबारा हासिल कर लेंगे। मंत्री ने युक्ति 2.0 पोर्टल की पहल का भी उल्लेख किया जहां देश के सभी प्रतिष्ठित संस्थान अपने अभिनव विचार साझा करते हैं और समाज की बेहतरी के लिए तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराते हैं। अंत में उन्होंने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया का उल्लेख किया और कहा कि ये नए भारत के निर्माण के लिए राष्ट्र के युवा प्रतिभाशाली संसाधन को पर्याप्त समर्थन और सहयोग प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। इनका उद्देश्य एक नये भारत का निर्माण करना है जो आत्मनिर्भर हो और बुद्धिमता एवं ज्ञान से सशक्त हो।

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने अपने दीक्षांत संबोधन में युवा स्नातक छात्रों को बधाई दी। उन्होंने संस्थान की हालिया उपलब्धियों पर खुशी जतायी। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखें और उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने सफलता हासिल करने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य को सभी शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों से जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने सफल जीवन के लिए मन और स्वास्थ्य का सही संतुलन बनाए रखने के लिए जीवन में स्वामी विवेकानंद का अनुसरण करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे छात्रों के सामूहिक प्रयास से नये भारत के प्रधानमंत्री के सपने को साकार किया जा सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि स्नातक छात्रों जैसे युवा ही राष्ट्र को आगे बढ़ाने और सपनों के भारत का निर्माण करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र की अपार क्षमता और संभावनाओं का भी उल्लेख किया और कहा कि इसमें प्रगतिशील भारत के निर्माण की दिशा में बड़ा प्रभाव डालने की क्षमता है।

एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रो. शिवाजी बंद्योपाध्याय ने इस साल उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के पूरे शैक्षणिक सत्र में हुई सभी गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने सभी स्नातक छात्रों को बधाई दी और कहा कि 2020 के बैच को उसकी संभावनाओं और क्षमताओं के लिए इतिहास में याद किया। उन्होंने समारोह में शामिल होने के लिए शिक्षा मंत्री का आभार जताया और कहा कि शिक्षा मंत्रालय की मदद और समर्थन के साथ, एनआईटी सिलचर अपने संसाधनों की मदद से सरकार के सपने को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयास करता रहेगा।

संस्थान के 18वें दीक्षांत समारोह में विभिन्न पदक विजेताओं के नाम की घोषणा की गयी। इस वर्ष पूरे संस्थान में सर्वाधिक सीपीआई हासिल करने के लिए संस्थान स्नातक वर्ग में स्वर्ण पदक श्री क्षितिज मेहरोत्रा को दिया गया। वे मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं। सर्वश्रेष्ठ स्नातक छात्र के लिए स्वर्ण पदक श्री प्रक्ष झा को दिया गया जो कि कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग के छात्र हैं। स्नातकोत्तर वर्ग में स्वर्ण पदक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र श्री सुजीत टी को दिया गया। इस वर्ष, कालीकृष्णा मृणालिनी स्मारक स्वर्ण पदक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा सुश्री ह्लादिनी अग्निवेश को जबकि सास्वत पुरकायस्थ स्मारक स्वर्ण पदक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र श्री आशीष रंजन को दिया गया। रसायनशास्त्र विभाग की पीएचडी छात्रा सुश्री कल्याणी राजकुमारी को सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरेट की डिग्री दी गयी। रजत पदक विजेताओं की भी घोषणा की गयी। असाधारण शिक्षक का पुरस्कार प्रोफेसर सौरभ चौधरी को दिया गया। यह घोषणा करते हुए खुशी महसूस की गयी कि संस्थान के 18वें दीक्षांत समारोह में कुल 881 छात्रों को डिग्री प्रदान की गयी जिनमें इंजीनियरिंग के अलग-अलग विषयों के 572 बी.टेक छात्र, 188 एम.टेक छात्र, 30 एम.एससी छात्र, 43 एमबीए छात्र और 48 पीएचडी छात्र हैं।

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एमजी/एएम/पीके/एसएस


खादी का कारगिल-लेह में विशेष करिश्मा

 02-नवंबर-2020 15:51 IST

   रोज़गार का सृजन करके चेहरों पर मुस्कान ला रही है खादी 


नई दिल्ली
02-नवंबर-2020: (पीआईबी//एजुकेशन स्क्रीन)::

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा सृजित स्व-रोजगार के परिणामस्वरूप कारगिल और लेह के शांत हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादन गतिविधियां फलफूल रही हैं।

2017-18 से केवीआईसी ने कारगिल और लेह में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत लगभग 1000 विभिन्न छोटी और मध्यम विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं। इनसे केवल साढ़े तीन साल की अवधि में ही स्थानीय युवाओं के लिए 8200 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। इन इकाइयों ने 2017-18 से 32.35 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी जारी की है।

सीमेंट ब्लॉकों के विनिर्माण से लेकर लोहे और स्टील की वस्तुओं के विनिर्माण, ऑटोमोबाइल मरम्मत वर्कशॉप, टेलरिंग इकाइयां, लकड़ी की फर्नीचर निर्माण इकाइयां, लकड़ी पर नक्काशी की इकाइयां, साइबर कैफे, ब्यूटी पार्लर और सोने के आभूषणों के निर्माण आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें केवीआईसी ने सहायता प्रदान की है। इससे स्थानीय लोगों को सम्मानजनक आजीविका अर्जित करने में मदद मिली है। यहां तक कि 2020-21 के पहले 6 महीनों के दौरान, कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद केवीआईसी ने विभिन्न क्षेत्रों में कारगिल में 26 और लेह में 24 नई परियोजनाएं स्थापित करने में मदद की, जिससे इन दोनों क्षेत्रों में 350 नौकरियों का सृजन हुआ।

उल्लेखनीय है कि केवीआईसी पीएमईजीपी योजना के लिए एक नोडल कार्यान्वयन एजेंसी है। 2017-18 से 2020-21 (30 सितंबर तक), केवीआईसी ने कारगिल में 802 परियोजनाएं और लेह में 191 परियोजनाएं स्थापित की हैं। जिसमें कारगिल में 6,781 और लेह में 1421 रोजगारों का सृजन हुआ। केवीआईसी ने कारगिल में इन परियोजनाओं के लिए मार्जिन मनी के रूप में 26.67 करोड़ रुपये का वितरण किया, जबकि इसी अवधि के दौरान लेह क्षेत्र में 5.68 करोड़ रुपये का वितरण किया गया।

केवीआईसी के चेयरमैन श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि कारगिल और लेह में रोजगार में हुई वृद्धि में पर्यावरण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण लेह-लद्दाख क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रधानमंत्री के नजरिए का योगदान है। इस क्षेत्र में साल में केवल छह महीने तक ही संपर्क स्थापित हो पाता है। कारगिल और लेह ने विभिन्न विनिर्माण गतिविधियों को बनाए रखने की अपार क्षमता दिखाई है। लेह और कारगिल देश के बाकी हिस्सों से लगभग छह महीने तक कटा रहता है। हालांकि, ये इकाइयां इन क्षेत्रों में पूरे वर्ष सामानों की स्थानीय उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी।

कारगिल और लेह के लाभार्थियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपनी उत्पादन इकाइयां शुरू करने के बाद नौकरियों की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। इन इकाइयों ने न केवल उनके लिए स्व-रोजगार सृजित किए हैं बल्कि इस क्षेत्र के कई अन्य बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।

कारगिल के गांव मिंजी के निवासी मोहम्मद बाकिर ने 10 लाख रुपये के शुरुआती ऋण के साथ सीमेंट ब्लॉक ईंटों की उत्पादन इकाई शुरू की थी। अब उसका 52 लाख रुपये का सालाना कारोबार है। उसने अपनी विनिर्माण इकाई में 8 व्यक्तियों को रोजगार दिया है। इसी तरह  लोहे और इस्पात की वस्तुओं के उत्पादन से जुड़े इस्माइल नसीरी ने कारगिल के ग्राम पोयेन में 25 लाख रुपये की लागत से अपनी इकाई शुरू की और 10 लोगों को रोजगार दिया है तथा उसकी इकाई 76 लाख रुपये का कारोबार कर रही है।

रोजगार की होड़ ने स्थानीय महिलाओं को भी स्व-रोजगार के लिए प्रेरित किया है जो घर  बाहर जाने और स्वतंत्र रूप से काम करने की इच्छुक नहीं थी। केवीआईसी की सहायता से अनेक महिला उद्यमी इन जिलों में कटिंग, सिलाई इकाइयां और ब्यूटी पार्लर सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं।

कारगिल के बारू में एक महिला उद्यमी हमीदा बानो ने सिलाई की गतिविधि में भाग लिया और अपनी यूनिट में 3 अन्य महिलाओं को रोजगार दिया। हमीदा का सालाना कारोबार भी 12 लाख रुपये तक पहुंच गया है।

यह उल्लेख करना उचित है कि लेह-लद्दाख क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार का प्रमुख उद्देश्य रहा है। 2019 में जम्मू और कश्मीर के विभाजन के बाद से इस क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है।

कारगिल और लेह में 2017-18 से 2020-21 तक (30 सितंबर तक) परियोजनाओं और रोजगार की संख्या

क्र.सं.

वर्ष

परियोजनाओं की संख्या

वितरित की गई मार्जिन मनी (रुपये लाख में)

रोजगार सृजन

01

2017-18

172

417.12

1099

02

2018-19

462

1491.63

4252

03

2019-20

309

1122.94

2501

04

2020-20

(30.09.2020 तक)

50

204.00

350

05

योग

993

3235.69

8202

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एमजी/एएम/आईपीएस/सीएल/एसके

Monday, September 7, 2020

अधिसूचित रिक्तियों के लिए ‘कंप्यूटर आधारित टेस्ट’

प्रविष्टि तिथि: 05 SEP 2020 6:59PM by PIB Delhi
भारतीय रेलवे 15 दिसंबर 2020 से करेगी शुरुआत  
नई दिल्ली: 5 सितंबर 2020: (पीआईबी//एजुकेशन स्क्रीन)::
भारतीय रेलवे 15 दिसंबर 2020 से अधिसूचित रिक्तियों के लिए कंप्यूटर आधारित टेस्‍ट लेना शुरू कर देगी।
भारतीय रेलवे ने 3 प्रकार की रिक्तियां अधिसूचित की थीं। इनमें एनटीपीसी के लिए 35208 रिक्तियां (गैर तकनीकी प्रचलित श्रेणियां जैसे कि गार्ड, कार्यालय क्लर्क, वाणिज्यिक क्लर्क इत्‍यादि), 1663 रिक्तियां पृथक एवं मंत्रिस्तरीय श्रेणियों (स्टेनो इत्‍यादि) के लिए और 103769 लेवल 1 रिक्तियां (ट्रैक मेंटेनर्स, प्‍वाइंट्समैन इत्‍यादि) थीं। सभी आरआरबी ने एनटीपीसी श्रेणियों, लेवल-1 पदों और पृथक एवं विविध श्रेणियों के लिए कुल मिलाकर 1.40 लाख रिक्तियों को अधिसूचित किया था। उपरोक्त रिक्तियों के लिए आरआरबी को 2.40 करोड़ से भी अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। उपर्युक्त रिक्तियों के लिए कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) को कोविड-19 महामारी और इस वजह से पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण स्थगित करना पड़ गया था।
आवेदनों की जांच (स्‍क्रूटनी) पूरी हो गई थी, लेकिन कोविड के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियों के कारण परीक्षा से जुड़ी आगे की प्रक्रिया में देरी हो गई थी।
रेलवे के आरआरबी सभी अधिसूचित रिक्तियों हेतु ‘सीबीटी’ आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे महामारी से जुड़ी जमीनी स्थिति का सक्रिय रूप से आकलन करते रहे हैं। अब चूंकि आईआईटी के लिए जेईई और नीट आयोजित करने का अनुभव है, इसलिए ऐसे में यह महसूस किया गया कि रेलवे भी परीक्षा प्रक्रिया शुरू कर सकती है, जिसे कोविड महामारी के कारण रोकना पड़ा था।
इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा आयोजित करने के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की जा रही हैं। विभिन्न केंद्रीय और राज्य प्राधिकरणों द्वारा निर्दिष्‍ट किए गए सामाजिक दूरी मानकों और अन्य प्रोटोकॉल का पालन अवश्‍य किया जाना चाहिए, जो अभ्‍यर्थियों के हित में आवश्यक हैं।
रेलवे ने अब 15 दिसंबर, 2020 से प्रथम चरण के कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन टेस्‍ट शुरू करने का प्रस्ताव किया है और इस संबंध में आवश्यक उपाय शुरू कर दिए गए हैं।  
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Saturday, August 29, 2020

ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से मनाया जायेगा शिक्षक दिवस

Bhopal: Saturday, 29th August 2020 at 17:52 IST
 तीन स्तर पर होंगी शिक्षक संगोष्ठी 
भोपाल: शनिवार, 29 अगस्त 2020:(मध्यप्रदेश स्क्रीन ब्यूरो):
प्रतिवर्ष भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म-दिवस 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस का आयोजन समारोहपूर्वक किया जाता है। कोविड संक्रमण के चलते इस वर्ष शिक्षक दिवस समारोह वेबिनार के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित किया जायेगा। 
शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में जिला, संभाग और राज्य स्तर पर शिक्षक संगोष्ठी का वेबिनार के माध्यम से ऑनलाइन आयोजन किया जायेगा। प्रदेश में जिला, संभाग एवं राज्य स्तर पर 'म.प्र. में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन'' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जायेगी। जिला स्तर पर 31 अगस्त को, संभाग स्तर पर एक सितम्बर को एवं राज्य स्तर पर 4 सितम्बर को संगोष्ठी आयोजित की जायेगी।
संगोष्ठी में जिला स्तर पर चयनित प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर चयनित शिक्षकों द्वारा संभाग स्तरीय संगोष्ठी में एवं संभाग स्तर पर चयनित प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर चयनित शिक्षक राज्य स्तरीय संगोष्ठी में सहभागिता करेंगे। राज्य स्तरीय संगोष्ठी में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त शिक्षकों द्वारा 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के अवसर पर वेबिनार के माध्यम से हो रहे समारोह में सहभागिता की जायेगी।
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों का सम्मान
शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2019 से सम्मानित अध्यापक डॉ. ललित मेहता को जिला स्तरीय कार्यक्रम में शाल-श्रीफल एवं 11 हजार रुपये का ड्रॉफ्ट प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार
राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों का सम्मान शिक्षक दिवस पर जिला मुख्यालयों पर आयोजित समारोह में किया जायेगा। राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को प्रशस्ति-पत्र, शाल-श्रीफल एवं 25 हजार रुपये नगद राशि प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।
बबीता मिश्रा

Friday, August 14, 2020

स्वतंत्रता दिवस पर भर गया BCM आर्यों में आज़ादी का जोश

Friday:14th Aug 2020 at 4:21 PM
 उत्साह और वैभव से भरे छात्र वर्ग ने प्रस्तुत की कई आइटमें 
लुधियाना: 14 अगस्त 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो):: 
हालांकि इस बार कोरोना के कारण पहले जैसे रंग नहीं हैं लेकिन फिर भी स्वतंत्रता दिवस बीसीएम स्कूल के सभी छात्र छात्राओं के लिए इस बार भी जोशो खरोश और उत्साह ले कर आया। इस बार भी सभी के मन में एक अलग ही तरह का उत्साह था। उमंगों से भरा एक जोश। यह रंगारंग जोश उनके खानपान और लाईफस्टाईल में भी नज़र आया।   
बी.सी.एम आर्य  स्कूल, ललतों  के नन्हें छात्रों ने स्वतंत्रता दिवस के  उपलक्ष्य में उत्साह और वैभव के साथ  कार्यक्रम प्रस्तुत किया | इस उपलक्ष्य में नर्सरी और यू के जी   के विद्यार्थियों के लिए  'वर्चुअल स्कूल असेंबली' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का  शुभारंभ   स्कूल प्रार्थना से किया गया। विद्यार्थियों द्वारा देश भक्ति से सम्बंधित भाषण दिए गए साथ ही 'आई लव माई इंडिया' और 'सारे  जहाँ से अच्छा' गानों पर डांस किया गया। ' पोटलक पार्टी' विद्यार्थियों के  लिए एक और आकर्षण था।  जिसमें  विद्यार्थियों द्वारा तीन रंगो के विभिन्न व्यंजन  जैसे तिरंगा पिज़्ज़ा, इडली,सलाद , तिरंगी चावल, सतरंगी सैंडविच  बनाए गए। अध्यापको द्वारा विद्यार्थियों को भोजन शिष्टाचार से सम्बंधित जानकारी दी गई। अभिभावक अपने बच्चों के प्रदर्शन से बहुत  खुश थे। स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. परमजीत कौर ने स्वतंत्रता दिवस से सम्बंधित स्कूल सभा को आ आनंदपूर्ण और अद्भूत बनाने के लिए अध्यापकों और अभिभावकों की सराहना की। कुल मिला कर इस बार का स्वतंत्रता दिवस आयोजन भी यादगारी ढंग से मनाया गया। कोरोना के इस दौर में यह किसी करिश्मे से काम नहीं। 

Wednesday, August 12, 2020

पीसीटीई की बीसीए की छात्रा मनमीत कौर ने दिखाया कमाल

12th August 2020 at 2:55 PM
 विश्वविद्यालय परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल किया 
लुधियाना: 12 अगस्त 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो):: 
पीसीटीई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स की बीसीए की छात्रा (बैच 2019) मनमीत कौर ने आई. के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया और 9.68 सीजीपीए के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। मनमीत कौर ने कहा “एक अच्छे छात्र होने के हर पहलू में पीसीटीई ने मेरी मदद की है। एक साल पहले मैंने विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में तीसरा स्थान हासिल करने के बारे में कभी नहीं सोचा होगा। इसका श्रेय निश्चित रूप से मेरे समर्पित शिक्षकों को जाता है जिन्होंने मेरी हर तरह से मदद की है। उन्होंने आगे कहा, "आज, मैं खुद को देखती हूं और गर्व महसूस करती हूं कि मैंने इस कॉलेज द्वारा केवल एक वर्ष में पेशेवर और मानसिक रूप से कितना विकास किया है।" कंप्यूटर अनुप्रयोग संकाय के विभागाध्यक्ष, श्री हरिंदर पाल सिंह ने कहा कि, मनमीत कौर ने बहुत सारे प्रयास किए थे और वह पूरी तरह से अपने अध्ययन के लिए समर्पित थीं, जिसने अंततः विश्वविद्यालय की स्थिति को सुरक्षित करने में मदद की। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने हमेशा असाधारण प्रदर्शन किया है और व्याख्यान के दौरान सक्रिय रूप से भाग लिया है। पीसीटीई के महानिदेशक डॉ. के एन एस कंग ने छात्रा को बधाई दी और कहा कि "पीसीटीई के छात्र न केवल अकादमिक रूप से अच्छा प्रदर्शन करते हैं बल्कि समग्र विकास प्राप्त करने के लिए परिसर में अतिरिक्त गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।" 

Monday, August 10, 2020

FMM छात्रों के लिए BCM में हुआ विशेष आयोजन

Monday: 10th August 2020 at 3:59 PM
 लुधियाना के 6 शीर्ष स्कूलों के 60 से अधिक छात्रों ने चर्चा में भाग लिया 
लुधियाना: 10 अगस्त 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन):: 
बीसीएम आर्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, शास्त्री नगर, लुधियाना ने इंटर-स्कूल वर्चुअल पैनल डिस्कशन का आयोजन किया।  शहर के स्कूलों के लिए यह एक सुनहरी अवसर था। वित्तीय बाजार प्रबंधन (एफएमएम) के छात्रों के इतिहास में यह ऐतिहासिक दिन था क्योंकि उन्होंने ऑनलाइन उच्च स्तरीय सूचनात्मक पैनल का संचालन किया था। लुधियाना के 6 शीर्ष स्कूलों के 60 से अधिक छात्रों ने इस चर्चा में भाग लिया। इस सूची में बीसीएम आर्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल ,बीसीएम स्कूल दुगरी, डीसीएम प्रेसीडेंसी स्कूल, ग्रीनलैंड स्कूल और रेयान इंटरनेशनल स्कूलों ने भी इस में भाग लिया। पूरी चर्चा बीसीएम आर्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वित्तीय कौशल के साथ वाणिज्य विभाग के प्रमुख श्री भूपिंदर सिंह द्वारा की गई थी। 
यह कार्यक्रम एफएमएम के पूर्व छात्र इशान सिंगला द्वारा संचालित किया गया था और बीसीएम स्कूल बसंत एवेन्यू से श्रीमती पूजा खोली, रयान अंतरराष्ट्रीय चंडीगढ़ रोड से श्रीमती नवजोत कौर, श्रीमती नीमिका अमदेव नवेतन स्कूल से  श्रीमती अमनदीप जैसे विभिन्न स्कूलों के संकाय सदस्यों ने भाग लिया। 
यह चर्चा शेयर बाजार में निवेशक बनाम सट्टा शैली पर आधारित थी जिसमें सभी स्कूलों ने इस मुद्दे पर बहस और प्रतिवाद के बाद खुलकर टिप्पणियां दीं। छात्रों की शुरुआती टिप्पणियों ने श्री वॉरेन बफे और श्री राकेश झुनझुनवाला जैसे अत्यधिक निपुण निवेशकों को उद्धृत करते हुए लंबी अवधि के धन के निर्माण के लिए निवेश पक्ष में आवश्यक शोध को उजागर किया। छात्रों ने बहुत ही कम समय में हासिल किए जाने वाले उच्च लाभ पर प्रकाश डाला। छात्रों ने इस विषय पर गहन शोध किया था, जिसे उन्होंने अनुसंधान संकेतक और प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (KPI) देकर स्पष्ट किया था। शुरुआती टिप्पणियों ने इस मुद्दे पर टीमों के रुख को स्थापित करने में मदद की। यहाँ  चर्चा के पहले चरण का समापन हुआ।
चर्चा के दूसरे चरण में स्कूलों को दो समूहों में विभाजित किया गया था, जिनमें से प्रत्येक निवेश पक्ष या बाजार के सट्टा पक्ष का समर्थन कर रहे थे।  अवधि में सुरक्षित और उच्च रिटर्न विकल्प के रूप में निवेश पक्ष का समर्थन करने वाले बीसीएम आर्य की शुरुआती टिप्पणियों को रेयान इंटरनेशनल स्कूल के पर्ल मलिक से काउंटर तर्क मिला था, जिसमें कहा गया था कि निवेश के तरीके में भी जोखिम शामिल थे। उन्होंने तब कहा था कि अगर मुद्रास्फीति संतोषजनक नहीं है, तो मुद्रास्फीति से लंबी अवधि के धन को मिटाया जा सकता है, जो वित्तीय बाजारों में अटकलों को बेहतर तरीका बनाता है। डीसीएम प्रेसीडेंसी स्कूल से वंश का एक और जवाबी तर्क था जिसमें कहा गया था कि सट्टेबाजी से प्राप्त थोड़े समय में उच्च रिटर्न का इस्तेमाल जल्दी रिटायर होने और लोगों को जीवन में उनके जुनून का पालन करने में किया जा सकता है। जयन, हर्षित, मन्त्रेश, अप्रमजोत, कुणाल, हरलीन के कई तर्क और प्रतिवाद थे, जिन्होंने चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 30 मिनट की गरमागरम बहस के बाद, सभी प्रतिभागी इस तथ्य पर सहमत हो सकते हैं कि दोनों विधियाँ विभिन्न प्रकार के निवेशकों के लिए आदर्श हैं। यह निवेशक के लक्ष्यों और भूख के जोखिम पर निर्भर करता है कि किस पद्धति को अपनाया जाए। डीसीएम प्रेसीडेंसी के छात्र मिलन ने कहा, "यह अद्भुत अनुभव था और हम सभी ने अटकलों और निवेश पक्षों के बारे में बहुत कुछ सीखा।"
मॉडरेटर, इशान सिंगला और श्री भूपिंदर सिंह की समापन टिप्पणियों के साथ चर्चा समाप्त हुई। श्रीमती रिचा बत्रा (HoD- FMM विभाग DCM प्रेसीडेंसी स्कूल से), ने सभी प्रतिभागियों, संकाय सदस्यों, आयोजकों और मॉडरेटर को धन्यवाद दिया। कुल मिलाकर, इस चर्चा में भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए एक समृद्ध और सीखने का अनुभव था। डॉ. परमजीत कौर प्रिंसिपल होस्ट स्कूल बीसीएम आर्य ने एफएमएम विभाग को बधाई देते हुए वर्चुअल इवेंट को सफलतापूर्वक आयोजित करने के  लिए बधाई दी। 

Wednesday, July 22, 2020

जैन गर्ल्स स्कूल में 10+2 का परिणाम शत प्रतिशत रहा

Wednesday 22nd July 2020 at 12:24 PM
 जैन स्कूल की छात्राओं ने दिखाया +2 बोर्ड रिजल्ट में अपना दम-ख़म 
लुधियाना: 22 जुलाई 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन)::
एक प्रतीकात्मक फ़ाइल तस्वीर जिसे 12 दिसंबर 2015 को बाद दोपहर खींचा गया 
कोरोना वायरस महामारी के ख़ौफ़ में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से घोषित बाहरवीं कक्षा का परिणाम छात्र वर्ग के चेहरों पर ख़ुशी की एक किरण ले कर आया है। हालांकि बोर्ड द्वारा इस बार कोई मेरिट लिस्ट घोषित नहीं की गयी इसके बावजूद हर कोई जानता है की उसने इस सफलता के लिए कितनी मेहनत की और इस उपलब्धि की चमक उसके चेहरे पर आती ही है। रिजल्ट को बोर्ड की वेबसाइट पर ही जारी किया गया। इतने लम्बे इंतज़ार के बाद बोर्ड का ये रिजल्ट सभी छात्रों,अध्यापक वर्ग व अभिभावकों के लिए सकून के क्षण ले कर आया। अन्य स्कूलों की तरह जैन स्कूल की छात्राओं के लिए भी ये रिज़ल्ट शानदार रहा। 
जैन स्कूल की 108 छात्राओं ने फर्स्ट  डिवीज़न में सफलता को चूमा। वहीं 4 छात्राओं ने  90% से अधिक अंक लेने में सफल प्राप्त की। 
कॉमर्स ग्रुप में अर्शप्रीत कौर 88.2%, नीलम 85.3%, पारुल शर्मा 84.2% के प्रथम, दुसरे स्थान पर व तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं दूसरी ओर आर्ट्स ग्रुप में गुलिस्तां 93.5%, कोमल 91.5% तथा साक्षी गोयल 90.8% अंकों के साथ पहले तीन स्थानों पर रहीं। स्कूल द्वारा हर्षों-उल्लास के साथ विधार्थियों इस ख़ुशी में भागीदारी की गई। अधियापकों द्वारा वर्चुअल मोड्स के ज़रिये, उन्हें शुभकामनाएं व प्रगतिशील होने के आशीष दिए गए। 
सभी छात्राओं को स्कूल की प्रबंधकी समिति के चेयरमैन सुखदेव राज जैन, प्रधान नंद कुमार जैन, सीनियर वाईस प्रधान विपिन कुमार जैन, वाईस प्रधान बांके बिहारी लाल जैन, सचिव राजीव जैन, मैनेजर अरविन्द कुमार जैन, प्रिंसिपल श्रीमती मीना गुप्ता सहित सम्पूर्ण स्टाफ ने मुबारकबाद के साथ साथ उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं। इस तरह एक बार फिर जैन स्कूलों ने साबित किया कि वे शिक्षा के अभियान को लगातार विकसित और उत्साहित कर रहे हैं तांकि देश और समाज की लड़कियां अधिक से अधिक शिक्षा पा कर समाज के नव निर्माण में अपना योगदान पा सकें। 

Thursday, July 16, 2020

देश को आत्मनिर्भर बनाने में मग्न ठाकुर दलीप सिंह के नामधारी

16th July 2020 at 4:21 PM
आस्ट्रेलिया की संगत ने खोला गांव चुन्नी में निशुल्क सिलाई शिक्षा केंद्र 
लुधियाना: 16 जुलाई 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन):: 
कुछ लोग देश को आत्मनिर्भर बनाने के वायदे करते हैं, नारे लगाते हैं और दावे करते हैं और लम्बे चौड़े भाषण करते हैं लेकिन कुछ लोग बिना कुछ बोले चुपचाप बहुत ही ख़ामोशी से केवल काम करते हैं। इसी तरह के विलक्षण लोगों में से एक हैं ठाकुर दलीप सिंह। विगत कई बरसों से उनकी नामधारी संगत के सदस्य बहुत सी जगहों पर सक्रिय हैं। कहीं पर झौंपड़पट्टी के लोगों का जनजीवन सुधरने का काम चल रहा है तो कहीं पर निशुल्क शिक्षा दे कर शिक्षा की रौशनी फ़ैलाने का संकल्प फलफूल रहा है। कहीं पर हैल्थ केयर का काम जारी है तो कहीं पर राशन वितरण का। इसी सिलसिले में जिला फतिहगढ़ साहिब के गांव चुन्नी में  नामधारी संगत ने एक सिलाई शिक्षा केंद्र खोला है तांकि  महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। आस्ट्रेलिया की नामधारी संगत के बहुत से अन्य प्रयासों के साथ साथ अब यह प्रोजेक्ट भी शुरू हो गया है। 
प्राकृतिक सुंदरता से भरा यह गांव शहरी आबादी से भी ज़्यादा दूर नहीं है। बहुत से लोग इसी सड़क से चंडीगढ़ खरड़ की तरफ आते जाते हैं। इसी गांव में बाबा बियर सिंह निशुल्क सिलाई शिक्षा केंद्र शुरू किया गया है। मंडी बोर्ड बस्सी पठाणा के चेयरमैन सतबीर सिंह नौगांवां ने इसका उदघाटन किया। 
 इस शुभ अवसर पर मनोज कुमार भी मौजूद थे और गौरव कौशल भी थे। आल इंडिया सिख संगत पंजाब की तरफ से बचन सिंह भी विशेष तौर पर आये हुए थे। नमो संघ हरियाणा की अध्यक्षा मैडम मीना  गर्ग ने इस सरे प्रेस की बहुत ही प्रशंसा भी की। हरमिंदर सिंह और विजय पाठक का साथ साथ दया शंकर (विश्व हिन्दू परिषद) भी मौजूद रहे। 
समाज सेवा के लिए सक्रिय रहने वाले नामधारी तेजिंदर सिंह मोहाली ने इस प्रोजेक्ट के शुभारम्भ का विवरण देते हुए कहा कि यह सब कदम ठाकुर दलीप सिंह जी के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही चलाये जा रहे हैं। ज़रूरतमंद परिवारों की मूलभूत सुविधाएँ पूरी करने के साथ साथ उन परिवारों के सदस्यों को आत्मनिर्भर बना कर अपने पैरों पर खड़ा करना भी गाकर दलीप सिंह जी की प्राथमिकताओं में से एक है। 
गांव चुन्नी में खोला गया यह सिलाई शिक्षा केंद्र भी इसी अभियान का हिस्सा है। ज़रूरतमंद परिवारों के लिए
पाखाने और गुसलखाने भी बनवाये जा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान लोगों को राशन भी बांटा गया।
इस मौके पर सरबजीत सिंह भिंडर और कमेटी प्रधान सरमुख सिंह, सचिव-गोबिंद सिंह, प्रभजिंद्र सिंह प्रिंस (मलेरकोटला) रत्न सिंह मोहाली (अकाली दल), जसविंदर सिंह मनीमाजरा सहित कई अन्य लोग भी शामिल थे। चुन्नी गांव में खोले गए इस सिलाई केंद्र की अध्यापिका-कृष्ण देवी, दलजीत सिंह नामधारी, पंच बलविंदर कौर और पंच बलजीत कौर भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने वीडियो काल कर के दी प्रतिष्ठा को बधाई

 प्रतिष्ठा को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की 
*21 वर्षीय दिव्यांग प्रतिष्ठा का आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ दाखिला
* पब्लिक पालिसी पर करेंगी मास्टर डिग्री
* मुख्य मंत्री ने कहा, प्रतिष्ठा ने बढ़ाया है पंजाब का मान
*दिव्यांग होने के बावजूद आत्मविश्वास से है लबरेज 
*प्रतिष्ठा दिल्ली में अकेले रह कर पढ़ाई कर रही है 
होशियारपुर: 15 जुलाई 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
होशियारपुर की प्रतिष्ठा उस समय केवल 13 वर्ष की बच्ची थी जब उसकी जिंदगी में अँधेरा छा गया था। सड़क हादसे ने उसके शरीर की हड्डियों को जगह जगह से तोड़ दिया था। ज़िंदगी एक ऐसी चुनौती बन कर सामने आई जिसका हल नजर नहीं आता था। उस बेहद नाज़ुक समय में भी प्रतीष्ठा ने उस चुनौती को कबूल किया। परिणाम सभी की सामने है। हर तरफ उसकी ही चर्चा हो रही है। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरेन्द्र सिंह ने बाकायदा वीडियो काल कर के उसे बधाई दी। प्रतीष्ठा भी इस वीडियो काल से बहत उत्साहित हुई। उसने भी बाकायदा टवीट करके मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।  
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज वीडियो काल कर के आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाली होशियारपुर की दिव्यांग प्रतिष्ठा देवेश्वर को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठा का न सिर्फ हौंसला बढ़ाया बल्कि जरुरत पडऩे पर उसे हर संभव सहायता देने का भी विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा ने पंजाब का मान बढ़ाया और इस जैसी लड़कियां साबित करती है कि शारीरिक कमजोरी आपके आत्मविश्वास को नहीं हिला सकती।
उधर आत्म विश्वास से लबरेज प्रतिष्ठा ने बताया कि जब उसको पता चला कि मुख्य मंत्री उसके साथ फोन पर बात करना चाहते हैं, तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि यह उसके जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण समय था जब मुख्य मंत्री ने स्वयं उससे बातचीत कर उसकी उपलब्धि के लिए बधाई दी। प्रतिष्ठा ने बताया कि मुख्य मंत्री ने उनसे बहुत ही सहजता व शालीनता से बातचीत की, जो कि उसे बहुत ही अच्छा लगा। उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोर्स से लेकर दिल्ली में अकेले बिताए समय को लेकर भी बात की और उसका उत्साह बढ़ाया। प्रतिष्ठा ने बताया कि मुख्य मंत्री जी ने कहा कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो वे जरुर उससे मिलना चाहेंगे। इसके अलावा उन्होंने उसे स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए भी कहा।
 प्रतिष्ठा ने बताया कि 13 वर्ष की आयु में चंडीगढ़ जाते समय एक कार दुर्घटना में उसकी रीढ़ की हड्डी पर काफी गहरी चोट लगी थी, जिसके कारण छाती से नीचे वाला हिस्सा पैरालाइज हो गया था और वह तब से लेकर अब तक व्हील चेयर पर ही हैं। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष तक वह घर से बाहर नहीं जा सकी और पूरी तरह से परिवार पर ही निर्भर थी लेकिन जब उसने बारहवीं कक्षा में टॉप किया तो उसने स्वतंत्र रहने का फैसला किया। बुलंद हौंसले वाली प्रतिष्ठा कहां रुकने वाली थी, उसने निश्चय किया कि वह बिना किसी सहारे के अपना जीवन व्यतीत करेगी और वह पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई और परिवार से दूर वह अब लेडी श्रीराम कालेज फार वूमैन, दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीतिक शास्त्र में बी.ए. आनर्स कर रही है और पिछले तीन वर्ष से अकेले ही रह रही है। प्रतिष्ठा के पिता श्री मुनीष शर्मा होशियारपुर में ही डी.एस.पी. स्पैशल ब्रांच तैनात है और माता अध्यापक है। प्रतिष्ठा दिव्यांगों के अधिकारों को लेकर भी काफी सक्रिय भूमिका निभा रही है।

Wednesday, June 3, 2020

वेब में रोज़गार की संभावनाओं पर मीडिया स्क्रीन में खास चर्चा

वेबमीडिया में रोज़गार की संभावनाओं पर मीडिया स्क्रीन में ख़ास चर्चा
लॉक डाउन, कोरोना, महंगाई, बेरोज़गारी--कुल मिला कर हालात बहुत ही खिन हो चुके हैं। ऐसे नाज़ुक हालात में भी वेब मीडिया बहु सी संभावनाएं समेटे हुए है। छोटे बड़े बहुत से काम हैं जो इस क्षेत्र में किये जा सकते हैं। पैसे ज़्यादा नहीं तो ज़रूरत के मुताबिक अवश्य ही मिल जायेंगे। सबसे बड़ी बात कि इस काम में मन भी जुड़ा रहता है। इस संबंध में पूरा विवरण पढ़िए मीडिया स्क्रीन ऑनलाइन में। 


PU की सेमेस्टर परीक्षाएं रद्द करवाने के लिए नरेश गौड़ मैदान में

3rd June 2020 at 1:22 PM
छात्रों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय के हित में होगा परीक्षा को रद्द करना 
चंडीगढ़//लुधियाना: 3 जून 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन)::
फीस वृद्धि का आंदोलन सफलता पूर्वक विजयी बनाने के बाद अब कामरेड नरेश गौड़ ने नया संघर्ष शुरू किया है जो बहुसंख्यक छात्रों की आवाज़ है। यह नया संघर्ष है परीक्षा रद्द करवाने का संघर्ष। पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) चंडीगढ़ के कुछ पाठ्यक्रमों की फीस वृद्धि के खिलाफ लड़ाई के अपने प्रयासों में सफल होने के बाद, जिसके परिणामस्वरूप पीयू के सिंडिकेट ने अपने फैसले को वापस लेने के लिए मजबूर किया है, पंजाब विश्वविद्यालय के सीनेटर श्री नरेश गौड़ ने अब एक और काम अपने हाथों में ले लिया है जो छात्रों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय के हित में है "पीयू की परीक्षा रद्द" करने के लिए है। यदि इस परीक्षा को रद्द कर दिया जाता है तो कोरोना काल में डरे सहमे हुए छात्रों के सिर पर लटकती आ रही तलवार हट जाएगी। 
इसका विवरण देते हुए कामरेड नरेश गौड़ ने कहा कि, कोविद महामारी के मद्देनजर, फाइनल सहित सभी सेमेस्टर परीक्षाओं को रद्द करने की याचिका पीयू के कुलपति को दे दी गई है। उन्होंने कहा, डर के इस समय में, चिंता और असुरक्षा के शिकार छात्र परीक्षा में बैठने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं। हाल ही में छात्र नेताओं के एक समूह ने भी श्री  गौड़ से मुलाकात की और परीक्षाओं में उपस्थित होने से संबंधित अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। गौरतलब है कि छात्रों की इस भयभीत मानसिकता की बात कोई भी नहीं कर रहा था। 
इस मुद्दे को गहराई से समझाते हुए उन्होंने कहा, छात्रों ने उन्हें अवगत कराया है कि इस महामारी की स्थिति के कारण अधिकांश छात्रों की मानसिक स्थिति स्थिर नहीं है और उन्हें परीक्षा में बैठने के लिए कहना उनके मानसिक तनाव को और बढ़ा देगा। यहां तक कि छात्रों के अभिभावक भी परीक्षा केंद्रों पर अपने वार्ड भेजने को तैयार नहीं हैं। स्थिति को ध्यान में रखते हुए श्री गौड़ ने वीसी से अनुरोध किया और सुझाव दिया कि छात्रों को अंतिम सेमेस्टर में प्राप्त औसत अंकों के आधार पर ग्रेड दिया जाए। और यदि कोई भी छात्र अपने पिछले प्रदर्शन को सुधारने के लिए परीक्षा में शामिल होना चाहता है, तो उसे इस स्थिति के आधार पर सितंबर, अक्टूबर या नवंबर के महीने में अवसर दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, यह फार्मूला महाराष्ट्र सरकार ने अपनाया है, जहां मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को रद्द कर देने का निर्देश दिया है। यदि यही फार्मूला पंजाब में भी अपनाया जाये तो छात्रों की सारी चिंताएं भी दूर हो सकती हैं और उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा भी मिलेगी। 
कोरोना के खतरों की चिंता करते हुए श्री गौड़  ने कहा कि जहां परीक्षा न देने से छात्रों का मानसिक बोझ कम होगा, वही इस स्थिति में परीक्षा कर्तव्यों में भाग लेने वाले शिक्षकों को भी बचायेगा, जहां सामाजिक दूरी जैसी सावधानियों का सख्ती से पालन किया जाना है। आगे जहां तक विश्वविद्यालय का संबंध है, यह विश्वविद्यालय के वित्तीय बोझ को कम करेगा, जो पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस लिए इसका फायदा यूनिवर्सिटी को भी होगा। 
इस संबंध में श्री गौड़ ने कहा, उन्होंने छात्रों और अभिभावकों को आश्वासन दिया कि उनकी भावनाओं को वीसी को पुरजोर तरीके से अवगत कराया जाएगा और आने वाले भविष्य में भी छात्रों की बेहतरी से जुड़े फैसलों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। इस अभियान से छात्रों ने सुख की सांस ली है। 
*नरेश गौड़ पीयू चंडीगढ़ की सीनेट के सदस्य हैं और प्रगतिशील आंदोलनों में अक्सर अग्रसर रहते हैं। 

Sunday, May 24, 2020

PU इस वर्ष छात्रों से कोई बढ़ा हुआ शुल्क न ले-नरेश गौड़

24th May 2020 at 4:47 PM
शुल्क बढ़ोतरी पर फैसला होना है 30 मई को सिंडिकेट बैठक में 
लुधियाना: 24 मई 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो):: 
2020-21 के शैक्षणिक सत्र में नए प्रवेशकों के लिए आज के अखबारों में सिंडिकेट पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) द्वारा दिए गए बयान  में,  स्व वित्तपोषित पाठ्यक्रमों पर 7.5% शुल्क और पारंपरिक पाठ्यक्रमों के लिए 5% की बढ़ोतरी के संबंध में जिसका निर्णय  30 मई, 2020 को होने वाली सिंडिकेट की बैठक में लिया जाएगा, के जवाब में, श्री नरेश गौड़, सदस्य सीनेट पंजाब विश्वविद्यालय, जो छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों के लिए भी आवाज उठाने में हमेशा सबसे आगे रहते है, ने अपने पत्र में वाइस चांसलर पीयू से उनके दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा, पोस्ट COVID 19 स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जहां पंजाब सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे इस वर्ष छात्रों से कोई बढ़ा हुआ शुल्क न लें। वह वाइस चांसलर से अनुरोध करते है कि इस संबंध में एक धर्मार्थ स्वभाव होना चाहिए कि स्व वित्तपोषित और पारंपरिक पाठ्यक्रमों के लिए शुल्क में  भी कोई वृद्धि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पीयू उन अनगिनत छात्रों के लिए शिक्षा भी प्रदान कर रहा है जो समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं, वह समाज जिसने COVID 19 महामारी का खामियाजा किसी और से ज्यादा उठाया है। जहां इन परिवारों के लिए दिन में 2 बार भोजन की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है, वे अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बढ़ी हुई फीस जमा करने के बोझ से कैसे निपट सकते हैं? एक वाक्यांश का उपयोग करते हुए, "यूथ इज द फ्यूचर ऑफ नेशन" उन्होंने कहा, अगर हम पीयू एक प्रतिष्ठित संस्थान होने के नाते इस कठिन समय में उनके साथ नहीं खड़े हो सकते हैं तो कौन करेगा?

श्री। नरेश गौड़ ने कहा, उनका दृढ़ विश्वास है कि इस संबंध में नेतृत्व करने से हमारा विश्वविद्यालय न केवल अपने सामाजिक सद्भाव को बढ़ाएगा, बल्कि साथ ही पहले से ही बोझ तले दबे हुवे अनगिनत परिवारों के दुखों को कम करेगा।

Tuesday, May 19, 2020

पंजाब में मेडिकल शिक्षा की फ़ीसों में समानता हो-सोनी

 अब MD/ MS (क्लिनिकल) कोर्सों के लिए 6.50 लाख सालाना होगी  
चंडीगढ़: 19 मई 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
पंजाब राज्य में स्थित सभी सरकारी और निजी मैडीकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की फ़ीसों में समानता लाने के मकसद से आज डॉक्टरी शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा साल 2020 में जारी नोटिफिकेशन नंबर 5/26/2016-5 एच.बी. 3/1121 में आंशिक संशोधन कर दिया गया है, जिस सम्बन्धी आज संशोधन पत्र जारी कर दिया गया। यह जानकारी आज यहाँ पंजाब के डॉक्टरी शिक्षा एवं अनुसंधान संबंधी मंत्री श्री ओम प्रकाश सोनी ने दी।

श्री सोनी ने बताया कि निजी मैडीकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा राज्य में फीस सम्बन्धी लागू *2015 में लागू की गईं फ़ीसों से बहुत ज़्यादा फीस ली जा रही थी, हालात यह थे कि आदेश यूनिवर्सिटी द्वारा एम.डी. करने वाले विद्यार्थियों से 6.50 लाख रुपए सालाना फीस लेने की बजाय 16.50 लाख रुपए फीस ली जा रही थी। जिस कारण डॉक्टरी की शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों पर बहुत ज़्यादा आर्थिक बोझ पड़ता था।

उन्होंने कहा कि विभाग की जि़म्मेदारी संभालने के बाद उनके ध्यान में यह मामला आया था, जो कि उनको बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं लगा। इसके बाद उन्होंने इस मामले को निजी रूचि लेकर हल करने के लिए यत्न आरंभ कर दिए, जिससे डॉक्टरी शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों पर पडऩे वाले इस आर्थिक बोझ को ख़त्म करके फ़ीसों में समानता लाई जा सके। अब इस सम्बन्धी अपेक्षित कार्यवाही अमल में लाने के बाद आज फ़ीसों में समानता लाने के लिए संशोधन पत्र जारी कर दिया गया है।

डॉक्टरी शिक्षा एवं अनुसंधान संबंधी मंत्री ने कहा कि अब दयानन्द मैडीकल कॉलेज लुधियाना, क्रिसचन मैडीकल कॉलेज लुधियाना और क्रिसचन डैंटल कॉलेज लुधियाना, श्री गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज़ अमृतसर, देश भगत यूनिवर्सिटी और आदेश यूनिवर्सिटी बठिंडा में अब एम.डी / एम.एस. (क्लिनिकल) कोर्सों के लिए फीस 6.50 लाख सालाना होगी, जबकि एन.आर.आई. कोटे की सीट के लिए इस पूरे कोर्स की फीस 1 लाख 25 हज़ार अमरीकी डॉलर है। 

श्री सोनी ने बताया कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा इस मामले पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया और आप द्वारा इस सम्बन्धी कभी भी विधान सभा में मुद्दा नहीं उठाया गया। इन पार्टियों के नेताओं ने न ही कभी उनके साथ इस बारे में बात की। अब जब संशोधन पत्र जारी हो गया है तो इन पार्टियों के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए दिखावे के लिए बयानबाज़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस मामले में सरकार की विरोधी पार्टियों को सराहना करनी चाहिए, उस मामले पर बेकार की बयानबाज़ी करके अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकी जा रही हैं, जिससे लोगों को बहकाया जा सके, परन्तु लोग अब बहुत समझदार हो चुके हैं और वह ऐसे नेताओं की झूठी बातों में नहीं आऐंगे। उन्होंने विरोधी राजनैतिक नेता को दिखावा करने से बाज़ आने की चेतावनी दी।

Tuesday, May 12, 2020

बीसीएम आर्य स्कूल ललतों के छात्रों ने मनाया मातृ दिवस

Tuesday: 12th May 2020 at 10:18 AM
 प्रिंसिपल डा. परमजीत कौर ने की बच्चों के इस कदम की सराहना  
लुधियाना: 12 मई 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन)::
होश संभालते ही सबसे गहरा ध्यान परिपक्व होता है मां का ध्यान। इस ध्यान की शुरुआत वास्तव में बहुत पहले शुरू हो चुकी होती है। यही ध्यान हमारी आखिरी सांस तक बना भी रहता है। हमारी पूजा अर्चना, धर्म कर्म सब इसी ध्यान का संकेत भी देते हैं। मातृ दिवस के मौके पर बीसीएम स्कूल के बच्चों ने भी मां पर आधारित अपनी मानसिक जागृति अपने चित्रों से दर्शायी। 
मातृ दिवस  के उपलक्ष्य पर बीसीएम आर्य  स्कूल ललतों  के छात्रों ने अपनी माताओं के लिए विशेष पेशकश प्रस्तुत की। सभी माताओं की उनके बच्चों के प्रति  प्यार व योगदान की सराहना  करते हुए ग्रीटिंग कार्ड, फोटो फ्रेम व मुकुट बनाने जैसी गतिविधियां छात्रों द्वारा आयोजित की गई। अपनी माताओं के प्रति प्रेम व  कृतज्ञता को प्रगट करते हुए नन्हे, मुन्हों ने अपनी माताओं की घर के कार्यों में सहायता की तांकि वे भी अपने इस इस विशेष दिवस का आनन्द ले सकें। प्रिंसिपल डा. परमजीत कौर ने बच्चों के इस उत्साहवर्धक कदम की खुले दिल से सराहना की और कहा कि वह नन्हें-मुन्हों के इस प्रेम व कृतज्ञता के कार्यों को देखकर अभिभूत हुए हैं।

Monday, May 11, 2020

ये जो माँ की मोहब्बत है ये सब मुहब्बतों की माँ है-अनीता शर्मा

11th May 2020 at 2:03 PM
 मां गलती पर एक बार डांटती है तो सौ बार प्यार भी करती है 
लुधियाना: 11 मई 2020 (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
भारत में मई के दुसरे रविवार को मदर डे मनाया जाता है और इस वर्ष कोरोना महामारी व लॉक डाउन के कारण सभी बच्चे दो महीने से घरो में अपनी माँ के पास ही 24 घण्टे उसकी आँखों के सामने ही रह रहे है। यह वो दिन है जब हर बेटा या बेटी अपनी मां को अपनी अच्छाइयों से उसका स्नेह पाना चाहता है। 
बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्किटेक्ट अनीता शर्मा ने अपनी दोनों बेटियों प्रियल प्रांजल व तेजस्वी के साथ मदर  डे पर उन्हें ढेर सारा प्यार दिया और बेटियों ने भी अपनी माँ से लिपट कर मदरज़ डे पर उसे स्पेशल ग्रीटिंग कार्ड जो उन्होंने खुद बनाया था मां को भेंट किया।  
इस अवसर पर अनीता ने कहा कि मां एक ऐसा  शब्द है जिसे सुनकर भगवान भी आदर से सिर झुका लेते है एक माँ अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए दिन रात एक कर देती है।  मानव तो क्या दुसरे जीवों में भी माँ अपने बच्चो के लिए हर कुर्बानी देने के लिए कभी भी एक पग पीछे नहीं हटती। माँ खुद भूखी सो जायेगी लेकिन अपने बच्चो को भूखे नहीं देख सकती। ये जो माँ की मोहब्बत है ये सब मुहब्बतों की माँ है। 
प्रियल प्रांजल व तेजस्वी ने बताया कि कोरोना महामारी में लॉक डाउन के कारण स्कूल बंद होने के कारण घर पर ही रहते है और मम्मा उन्हें शिवाजी मराठा गुरु गोबिंद सिंह पुराणों की कहानिया सुनाती है।  हर रोज़ भारतीय संस्कृति के टी वी पर आने वाले कार्यक्रम जैसे महाभारत चाणक्य रामायण जैसे सीरियल मां और पापा के साथ इक्कठे बैठ कर देखते है। उन्होंने बताया कि माँ उनकी गलती पर एक बार डांटती है तो अच्छा करने पर सौ बार प्यार भी करती है। इसलिए हमने  मदर डे पर अपनी माँ को ढेर सारा प्यार दिया और प्रॉमिस किया कि माँ तुम्हे हम कभी दुःख नहीं देंगे और आप का हमेशा कहना मानेगे।     

Sunday, May 10, 2020

Mothers Day:मैं अंश हूँ उस रूह का

मां के लिए सिर्फ एक दिन ही क्यों?
सोनिया नागपाल 
मैं अंश हूँ उस रूह का 
जिसने तकलीफ में मुझे पाला था 
जब अंदर उसके सिमटा था 
उसका रोम रोम खिल उठता था 
मेरी नब्ज़ उससे जुड़ती थी 
तब वह अकेली बैठ कर हंसती थी। 
ये पंक्तियां हैं मेरे उस रिश्ते के लिए जो इस दुनिया में आने से पहले ही मेरे साथ जुड़ गया था।  कहते है कि  हर इंसान को हर रिश्ता जन्म लेने के बाद ही मिलता है परन्तु मां का रिश्ता दुनिया में आने से पहले ही  मिल जाता है।  का यह किसी चमत्कार से कम है?
आज Mother's Day है, मेरी मां और उन सभी माओं को प्रणाम जिन्होंने ने एक बीज को इंसान रूप दिया और इस दुनिया में लेकर खड़ा कर दिया।  कहते है कि मां के लिए सिर्फ एक दिन ही क्यों? मां तो एक हस्ती है, जिसके लिए लाखों दिन भी कम है।  मां के लिए हमारी ज़िन्दगी की हर एक सांस अर्पित है।  मां खुद जलती है परन्तु हमेशा अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करती है।  मां की कुर्बानियां इतिहास से लेकर अब तक चलती आ रही है।  मां अपने बच्चो के लिए जितना सहती है, उसे शब्दों में ब्यान करना कठिन है।  
वर्तमान काल की स्थिति जहां कोरोना वायरस ने चारो तरफ हाहाकार मचा रखा है, मां की कुर्बानियां यहां भी नज़र आ रही है। हाल ही में मैंने उन लोगो को देखा जो पलायन कर रहे है, जिसमे गर्भवती महिलाये भी शामिल है।  अपने पेट में सात माह के बच्चे को लेकर अपने गांव लौट रही हैं।  इससे बढ़ी उदाहरण क्या होगी मां की ममता की?
मां का देना हम दे नहीं सकते ,
मां को शब्दों में बयाँ हम कर नहीं सकते।  
                                           --*सोनिया नागपाल 
 --सोनिया नागपाल जैन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल लुधियाना के इंग्लिश विभाग में शिक्षिका हैं।  

Mothers Day: कुछ भी नहीं मां बिन यह दुनिया

मां ने ही हर राह दिखाया--पग पग मेरा साथ निभाया 
पार्थ गुप्ता अपनी मां मोनिका गुप्ता के साथ 
जब जब खुद को अकेला पाया 
दूर तक कोई नज़र न आया,
तब तूने मेरा हाथ थामकर
इस अकेलेपन को मिटाया। 

जब जब मैं इन राहों में,
भटक गया था मंज़िल में,
तब तूने उजाला बन कर 
मुझे खोये रस्ते पर लौटाया। 

जब कोई न मेरी खुशियों में 
शामिल होने आया था,
मां  तुम ही तो थी वो 
जिसने हर पल मेरा होंसला बढ़ाया। 

सब समझते थे मुझको 
जुगनू हूं मैं आवारा सा,
तुम्ही से तो मैंने मां
सितारे का दर्ज़ा पाया। 

झाँक लिया हर कोने में
हर लम्हे को देख लिया,
समझ गया कुछ भी नहीं
बिन तेरे ये दुनिया।

मेरे जीवन के हर लम्हे में,
तेरी मज़ूदगी बनी रहे,
जब भी मैं खुद को अकेला पाऊं 
माँ तू हाथ थामने खड़ी रहे।
                   -पार्थ गुप्ता 
पुत्र श्रीमती मोनिका गुप्ता 
शिक्षिका - इंग्लिश विभाग 
जैन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लुधियाना। 

मां का मुकाबला किसी के साथ हो ही नहीं सकता

 मां और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़ कर है 
लुधियाना: 10 मई 2020: (*वीणा शर्मा)::
किसी ने रोज़ा रखा, किसी ने व्रत रखा,
क़बूल उसका हुआ, जिसने मां बाप को करीब रखा।  
लेखिका वीना शर्मा 
मां शब्द का मुकाबला किसी के साथ नहीं किया जा सकता। मां शब्द पूरी सृष्टि के साथ जुड़ा हुआ है। अगर हम अपने आस पास झांक कर देखें तो हमे पता लगता है, धरती मां की विशालता के बारे में। किस तरह धरती मां ने हमे संभाल कर रखा हुआ है,  ये सचमुच एक वरदान ही है।  मां के ममतामयी आंचल को देखना हो तो गंगा माता की उदहारण ली जा सकती है।  लाखों करोड़ो लोग इस पवित्र गंगा में स्नान करके खुद को सभी तरह के पापों से मुक्त समझते हैं। मां की उदारता को देखने के लिए गऊ माता की पूजनीयता को देख सकते है।  जन्म दात्री मां किस तरह एक कलाकार की तरह अपने बच्चे को विद्या और अच्छे संस्कारो से संवारती और सजाती है।  वो अपने बच्चे को कदम से कदम मिला कर समाज में आगे बढ़ने, उसका विवाह होने और उसकी संतान की कामयाबी के लिए भी चिंतित रहती है।  मां हमेशा अपने बच्चों का इंतज़ार करती है लेकिन उसके बच्चे कभी उसे समय ही नहीं दे पाते।  आज के बच्चे अपने मां बाप को वृद्ध आश्रम में भेजना चाहते हैं।  हमे ये समझना चाहिए कि जन्म दात्री मां और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़ कर है जिसकी रक्षा के लिए हमे हर दम तैयार रहना चाहिए। 
जैसे स्वर्गो को जाने के कोई दूसरा रास्ता नहीं होता,
लाखो रिश्तों में भी मां जैसा कोई नाम नहीं होता।   
किसी बच्चे की सफलता पीछे उसकी मां की ही तस्वीर होती है,
 मां की दुआओं से  वाले कल की तक़दीर बनती है। 
दुनिया के सभी रिश्ते मुंह मोड़ लेते है, लेकिन माँ का रिश्ता स्वार्थ रहित, उदारता सहित, ममतामयी और विशालता भरपूर है कि वो ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हमारा साथ निभाती है। --*वीना शर्मा
 *वीना शर्मा जैन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लुधियाना के पंजाबी विभाग में शिक्षिका हैं। 

मां का ऋण तो कोई उतार ही नहीं सकता

 आज की पीढ़ी को भी मां के प्रति अपने कर्तव्य याद रखने चाहिएं 
लुधियाना: 10 मई 2020: (*आरती सिंगला)::
लेखिका आरती सिंगला 
एक औरत के कई रूप होते हैं जैसे के मां, बहन, पत्नी और  प्रेमिका। औरत हर रूप में त्याग की मूरत मानी जाती है  वह अपनी सारी ज़िंदगी त्याग करती हुई गुज़ार देती है, पर जब वह मां बन जाती है तो अपने आप को भूल जाती है। औरत सिर्फ  बच्चे के जन्म के बाद ही नहीं बल्कि  उसके जन्म से पहले भी बहुत कष्ट सहन करती है। उसकी ज़िंदगी का एक ही उद्देश्य रह जाता है कि वह अपने बच्चे की अच्छी तरह से परवरिश करें, उसको अच्छे संस्कार दें और उसको एक सफल और एक अच्छा नागरिक बनाएं। इसीलिए मां को ही बच्चे की पहली अध्यापका होने का दर्जा दिया जाता है पर आज हमारे समाज में मां सिर्फ अपने घर के काम तक सीमित ना रहकर अपनी बाहर की ज़िम्मेदारियों को भी उतनी अच्छी तरह से निभाती है जैसे एक मां अपने बच्चे के प्रति सारी ज़िंदगी सब कुछ करती है लेकिन इस सबके बदले में मां अपने लिए कुछ भी नहीं मांगती।  वह हमेशा यही चाहती है कि उसका बच्चा जहां भी रहे खुश व सुखी रहे। आज जरूरत है बच्चों में मां के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने की भावना पैदा करने की। हमारे समाज में आज की पीढ़ी स्वार्थी बनती जा रही है। बच्चों को चाहिए कि वह अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर अपनी मां के प्रति भी अपने फर्ज पूरे करें।  एक  मां का ऋण तो कोई नहीं उतार सकता पर इतना तो बनता ही है की वह अपने कर्तव्यों को सही ढंग से पूर्ण करके अपनी मां को सुख  पहुंचाए।--*आरती सिंगला
*आरती सिंगला  जैन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल ,लुधियाना के कॉमर्स विभाग शिक्षिका