Wednesday, July 22, 2020

जैन गर्ल्स स्कूल में 10+2 का परिणाम शत प्रतिशत रहा

Wednesday 22nd July 2020 at 12:24 PM
 जैन स्कूल की छात्राओं ने दिखाया +2 बोर्ड रिजल्ट में अपना दम-ख़म 
लुधियाना: 22 जुलाई 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन)::
एक प्रतीकात्मक फ़ाइल तस्वीर जिसे 12 दिसंबर 2015 को बाद दोपहर खींचा गया 
कोरोना वायरस महामारी के ख़ौफ़ में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से घोषित बाहरवीं कक्षा का परिणाम छात्र वर्ग के चेहरों पर ख़ुशी की एक किरण ले कर आया है। हालांकि बोर्ड द्वारा इस बार कोई मेरिट लिस्ट घोषित नहीं की गयी इसके बावजूद हर कोई जानता है की उसने इस सफलता के लिए कितनी मेहनत की और इस उपलब्धि की चमक उसके चेहरे पर आती ही है। रिजल्ट को बोर्ड की वेबसाइट पर ही जारी किया गया। इतने लम्बे इंतज़ार के बाद बोर्ड का ये रिजल्ट सभी छात्रों,अध्यापक वर्ग व अभिभावकों के लिए सकून के क्षण ले कर आया। अन्य स्कूलों की तरह जैन स्कूल की छात्राओं के लिए भी ये रिज़ल्ट शानदार रहा। 
जैन स्कूल की 108 छात्राओं ने फर्स्ट  डिवीज़न में सफलता को चूमा। वहीं 4 छात्राओं ने  90% से अधिक अंक लेने में सफल प्राप्त की। 
कॉमर्स ग्रुप में अर्शप्रीत कौर 88.2%, नीलम 85.3%, पारुल शर्मा 84.2% के प्रथम, दुसरे स्थान पर व तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं दूसरी ओर आर्ट्स ग्रुप में गुलिस्तां 93.5%, कोमल 91.5% तथा साक्षी गोयल 90.8% अंकों के साथ पहले तीन स्थानों पर रहीं। स्कूल द्वारा हर्षों-उल्लास के साथ विधार्थियों इस ख़ुशी में भागीदारी की गई। अधियापकों द्वारा वर्चुअल मोड्स के ज़रिये, उन्हें शुभकामनाएं व प्रगतिशील होने के आशीष दिए गए। 
सभी छात्राओं को स्कूल की प्रबंधकी समिति के चेयरमैन सुखदेव राज जैन, प्रधान नंद कुमार जैन, सीनियर वाईस प्रधान विपिन कुमार जैन, वाईस प्रधान बांके बिहारी लाल जैन, सचिव राजीव जैन, मैनेजर अरविन्द कुमार जैन, प्रिंसिपल श्रीमती मीना गुप्ता सहित सम्पूर्ण स्टाफ ने मुबारकबाद के साथ साथ उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं। इस तरह एक बार फिर जैन स्कूलों ने साबित किया कि वे शिक्षा के अभियान को लगातार विकसित और उत्साहित कर रहे हैं तांकि देश और समाज की लड़कियां अधिक से अधिक शिक्षा पा कर समाज के नव निर्माण में अपना योगदान पा सकें। 

Thursday, July 16, 2020

देश को आत्मनिर्भर बनाने में मग्न ठाकुर दलीप सिंह के नामधारी

16th July 2020 at 4:21 PM
आस्ट्रेलिया की संगत ने खोला गांव चुन्नी में निशुल्क सिलाई शिक्षा केंद्र 
लुधियाना: 16 जुलाई 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन):: 
कुछ लोग देश को आत्मनिर्भर बनाने के वायदे करते हैं, नारे लगाते हैं और दावे करते हैं और लम्बे चौड़े भाषण करते हैं लेकिन कुछ लोग बिना कुछ बोले चुपचाप बहुत ही ख़ामोशी से केवल काम करते हैं। इसी तरह के विलक्षण लोगों में से एक हैं ठाकुर दलीप सिंह। विगत कई बरसों से उनकी नामधारी संगत के सदस्य बहुत सी जगहों पर सक्रिय हैं। कहीं पर झौंपड़पट्टी के लोगों का जनजीवन सुधरने का काम चल रहा है तो कहीं पर निशुल्क शिक्षा दे कर शिक्षा की रौशनी फ़ैलाने का संकल्प फलफूल रहा है। कहीं पर हैल्थ केयर का काम जारी है तो कहीं पर राशन वितरण का। इसी सिलसिले में जिला फतिहगढ़ साहिब के गांव चुन्नी में  नामधारी संगत ने एक सिलाई शिक्षा केंद्र खोला है तांकि  महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। आस्ट्रेलिया की नामधारी संगत के बहुत से अन्य प्रयासों के साथ साथ अब यह प्रोजेक्ट भी शुरू हो गया है। 
प्राकृतिक सुंदरता से भरा यह गांव शहरी आबादी से भी ज़्यादा दूर नहीं है। बहुत से लोग इसी सड़क से चंडीगढ़ खरड़ की तरफ आते जाते हैं। इसी गांव में बाबा बियर सिंह निशुल्क सिलाई शिक्षा केंद्र शुरू किया गया है। मंडी बोर्ड बस्सी पठाणा के चेयरमैन सतबीर सिंह नौगांवां ने इसका उदघाटन किया। 
 इस शुभ अवसर पर मनोज कुमार भी मौजूद थे और गौरव कौशल भी थे। आल इंडिया सिख संगत पंजाब की तरफ से बचन सिंह भी विशेष तौर पर आये हुए थे। नमो संघ हरियाणा की अध्यक्षा मैडम मीना  गर्ग ने इस सरे प्रेस की बहुत ही प्रशंसा भी की। हरमिंदर सिंह और विजय पाठक का साथ साथ दया शंकर (विश्व हिन्दू परिषद) भी मौजूद रहे। 
समाज सेवा के लिए सक्रिय रहने वाले नामधारी तेजिंदर सिंह मोहाली ने इस प्रोजेक्ट के शुभारम्भ का विवरण देते हुए कहा कि यह सब कदम ठाकुर दलीप सिंह जी के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही चलाये जा रहे हैं। ज़रूरतमंद परिवारों की मूलभूत सुविधाएँ पूरी करने के साथ साथ उन परिवारों के सदस्यों को आत्मनिर्भर बना कर अपने पैरों पर खड़ा करना भी गाकर दलीप सिंह जी की प्राथमिकताओं में से एक है। 
गांव चुन्नी में खोला गया यह सिलाई शिक्षा केंद्र भी इसी अभियान का हिस्सा है। ज़रूरतमंद परिवारों के लिए
पाखाने और गुसलखाने भी बनवाये जा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान लोगों को राशन भी बांटा गया।
इस मौके पर सरबजीत सिंह भिंडर और कमेटी प्रधान सरमुख सिंह, सचिव-गोबिंद सिंह, प्रभजिंद्र सिंह प्रिंस (मलेरकोटला) रत्न सिंह मोहाली (अकाली दल), जसविंदर सिंह मनीमाजरा सहित कई अन्य लोग भी शामिल थे। चुन्नी गांव में खोले गए इस सिलाई केंद्र की अध्यापिका-कृष्ण देवी, दलजीत सिंह नामधारी, पंच बलविंदर कौर और पंच बलजीत कौर भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने वीडियो काल कर के दी प्रतिष्ठा को बधाई

 प्रतिष्ठा को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की 
*21 वर्षीय दिव्यांग प्रतिष्ठा का आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ दाखिला
* पब्लिक पालिसी पर करेंगी मास्टर डिग्री
* मुख्य मंत्री ने कहा, प्रतिष्ठा ने बढ़ाया है पंजाब का मान
*दिव्यांग होने के बावजूद आत्मविश्वास से है लबरेज 
*प्रतिष्ठा दिल्ली में अकेले रह कर पढ़ाई कर रही है 
होशियारपुर: 15 जुलाई 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
होशियारपुर की प्रतिष्ठा उस समय केवल 13 वर्ष की बच्ची थी जब उसकी जिंदगी में अँधेरा छा गया था। सड़क हादसे ने उसके शरीर की हड्डियों को जगह जगह से तोड़ दिया था। ज़िंदगी एक ऐसी चुनौती बन कर सामने आई जिसका हल नजर नहीं आता था। उस बेहद नाज़ुक समय में भी प्रतीष्ठा ने उस चुनौती को कबूल किया। परिणाम सभी की सामने है। हर तरफ उसकी ही चर्चा हो रही है। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरेन्द्र सिंह ने बाकायदा वीडियो काल कर के उसे बधाई दी। प्रतीष्ठा भी इस वीडियो काल से बहत उत्साहित हुई। उसने भी बाकायदा टवीट करके मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।  
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज वीडियो काल कर के आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाली होशियारपुर की दिव्यांग प्रतिष्ठा देवेश्वर को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठा का न सिर्फ हौंसला बढ़ाया बल्कि जरुरत पडऩे पर उसे हर संभव सहायता देने का भी विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा ने पंजाब का मान बढ़ाया और इस जैसी लड़कियां साबित करती है कि शारीरिक कमजोरी आपके आत्मविश्वास को नहीं हिला सकती।
उधर आत्म विश्वास से लबरेज प्रतिष्ठा ने बताया कि जब उसको पता चला कि मुख्य मंत्री उसके साथ फोन पर बात करना चाहते हैं, तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि यह उसके जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण समय था जब मुख्य मंत्री ने स्वयं उससे बातचीत कर उसकी उपलब्धि के लिए बधाई दी। प्रतिष्ठा ने बताया कि मुख्य मंत्री ने उनसे बहुत ही सहजता व शालीनता से बातचीत की, जो कि उसे बहुत ही अच्छा लगा। उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोर्स से लेकर दिल्ली में अकेले बिताए समय को लेकर भी बात की और उसका उत्साह बढ़ाया। प्रतिष्ठा ने बताया कि मुख्य मंत्री जी ने कहा कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो वे जरुर उससे मिलना चाहेंगे। इसके अलावा उन्होंने उसे स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए भी कहा।
 प्रतिष्ठा ने बताया कि 13 वर्ष की आयु में चंडीगढ़ जाते समय एक कार दुर्घटना में उसकी रीढ़ की हड्डी पर काफी गहरी चोट लगी थी, जिसके कारण छाती से नीचे वाला हिस्सा पैरालाइज हो गया था और वह तब से लेकर अब तक व्हील चेयर पर ही हैं। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष तक वह घर से बाहर नहीं जा सकी और पूरी तरह से परिवार पर ही निर्भर थी लेकिन जब उसने बारहवीं कक्षा में टॉप किया तो उसने स्वतंत्र रहने का फैसला किया। बुलंद हौंसले वाली प्रतिष्ठा कहां रुकने वाली थी, उसने निश्चय किया कि वह बिना किसी सहारे के अपना जीवन व्यतीत करेगी और वह पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई और परिवार से दूर वह अब लेडी श्रीराम कालेज फार वूमैन, दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीतिक शास्त्र में बी.ए. आनर्स कर रही है और पिछले तीन वर्ष से अकेले ही रह रही है। प्रतिष्ठा के पिता श्री मुनीष शर्मा होशियारपुर में ही डी.एस.पी. स्पैशल ब्रांच तैनात है और माता अध्यापक है। प्रतिष्ठा दिव्यांगों के अधिकारों को लेकर भी काफी सक्रिय भूमिका निभा रही है।