Wednesday, October 27, 2021

बेकारी और अशिक्षा के खिलाफ ज्ञान की मशालें जला रहा स्कूल

किताबी शिक्षा के साथ साथ हुनर की ट्रेनिंग भी  


लुधियाना
: 27 अक्टूबर 2021: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन) ::

वर्ष 1962 को पंजाब के अधिकांश लोग चीन के साथ युद्ध के लिए याद करते हैं। उस युद्ध ने कई युवाओं की क़ुरबानी ले ली। इस युद्ध ने कई घरों के चिराग बुझा दिए लेकिन देश के सम्मान, सम्मान और सम्मान की रक्षा के लिए हमें सचेत भी किया। हमारे देश ने अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। इस युद्ध के जख्मों को अभी तक भुलाया नहीं जा सका है जब देश पर 1965 में पाकिस्तान ने हमला किया था। हमारे शांतिपूर्ण विकास की गति को गहरा आघात पहुंचा है। पड़ोसी देशों ने, भाइयों की तरह, अजनबियों का खून बहाया। दर्द था, दर्द था लेकिन देश की सेनाओं ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

इस दौर ने सभी को झकझौरा भी। इस युद्ध के साथ ही देश के बुद्धिजीवियों को लगा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है। युद्ध अपने आप में एक बहुत बड़ी समस्या है। जंग टलती रहे तो बेहतर है। अम्म जनमानस को झंकझोरते हुए साहिर लुधियानवी साहब ने लिखा:

फ़तह का जश्न हो कि हार का सोग; ज़िंदगी मय्यतों पे रोती है;

जंग तो ख़ुद ही एक मसला है;जंग क्या मसलों का हल देगी!

यह पंजाब के बुद्धिजीवियों ने भी महसूस किया। घरों और मैदानों में खोदे गए मोर्चों का दर्द सभी ने महसूस किया। गहरी नींवों जैसे इन मोर्चों में बमबारी से छुपने के लिए छुप कर रातें काटनी पड़ती थीं ,ब्लैक आऊट का ऑर्डर सख्त था। अंधेरों में ज़िंदगी दूभर हो गई थी। उस समय के लोगों ने विनाश का वह समय अपनी आँखों से देखा। सैनिकों की अर्थियां उठती देखीं। घरों में अँधेरा था बाहर भी अँधेरा था। उस समय समझदार लोगों को लगा कि कुछ करना चाहिए। सरकार द्वारा संचालित जवद्दी स्कूल की प्रिंसिपल किरण गुप्ता पुराने समय और बड़ों के उद्धरणों को याद करती हैं तो आज भी बेहद गंभीर हो जाती हैं। वह याद दिलाती हैं पुराणी यादें। जब इस स्कूल का निर्माण हुआ, तब उर्दू अधिक प्रचलित थी। रेकार्ड के वे कागज अभी भी देखे जा सकते हैं। उनमें से इस स्कूल की शुरुआत का वर्ष शायद 1972 है, लेकिन वास्तव में इस स्कूल की शुरुआत के बारे में कई अन्य सबूत हैं जो बताते हैं कि यह स्कूल 1965 में शुरू हुआ था। उसी युद्ध वर्ष में निरक्षरता के खिलाफ युद्ध शुरू हो गया था।

अब जब महंगाई, बेरोजगारी और अंधी सांप्रदायिकता की बुराइयां जोर पकड़ रही हैं और हर तरफ अंधेरा छा रहा है, स्कूल एक बार फिर रास्ता दिखा रहा है। आधुनिक सोच और विज्ञान का लाभ उठाते हुए स्कूल ने स्कूल के छात्रों को नौकरी की तलाश करने और ज़िंदगी में काम आने वाले कौशल की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया है। इस स्कूल के लड़के और लड़कियां कुछ न कुछ सीखते ही रहते हैं जो उन्हें जीवन भर अपनी आजीविका के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहने देगा। 

प्रिंसिपल किरण गुप्ता ने सुबह की प्रार्थना सभा में छात्रों से कहा कि कौशल हासिल करने और जीविकोपार्जन के क्षेत्र में कोई जाति या लिंग भेद नहीं होता है। लड़के सिलाई करना सीख सकते हैं और अच्छे दर्जी बन सकते हैं. दर्जी बन कर अच्छा पैसा कमा सकते हैं। लड़कियां खाना बनाना भी सीख सकती हैं और किसी बड़े होटल का मुख्य रसोइया बन सकती हैं। अब लड़कियां ट्रेनों के इंजन भी चला रही हैं। ट्रक भी चलाए जा रहे हैं। बड़े शहरों में सरकारी बसें भी महिलाएं चलाती हैं। कंडक्टर बनकर बसों में टिकट भी काटती हैं। साफ है कि लड़कियों ने हर क्षेत्र में अपना दमखम दिखाया है। उन्हें मौका देने में कंजूस होने की कोई जरूरत नहीं है। कोई भी धर्म लड़कियों के साथ भेदभाव नहीं सिखाता और न ही कोई कानून। यदि समाज का कोई वर्ग ऐसा करता है तो उसका पुरजोर विरोध होना चाहिए।  

 प्रधानाचार्या मैडम किरण गुप्ता ने कहा कि स्कूल ने वर्षा जल संचयन और संचयन के लिए एक नियमित प्रणाली भी स्थापित की है।  छत से आने वाला बरसात का पानी का अब व्यर्थ नहीं हो रहा है। स्कूल में लगे सिस्टम के कारण यह पानी अब सीधे पृथ्वी में चला जाता है।  यह सिस्टम पृथ्वी के घटते जा रहे जल स्तर को बनाए रखने में योगदान देता है। धुंआ रहित चूल्हे भी लकड़ी पर चलते हैं। जिस पर मध्याह्न भोजन बनाया जाता है ताकि बच्चे भोजन या पोषण से वंचित न रहें।

लुधियाना के विकास के लिए यहाँ की लाईफ लाईन के तौर पर जाने जाते पंजाब के मंत्री भारत भूषण आशु ने स्कूल की प्रगति के लिए बहुत सहयोग दिया है। इसके लिए श्रीमती ममता आशु ने भी पूरी सक्रियता दिखाई है। कम्प्यूटर लैब का जीर्णोद्धार कराया, जो बहुत महत्वपूर्ण था। वाटर कूलर और अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए गए। इंगलिश बूस्टर क्लब हर सप्ताह ब्लॉक लुधियाना में प्रथम स्थान प्राप्त करता है। उन्होंने लुधियाना जिले में दो बार टॉप किया है। शिक्षक महोत्सव के दौरान भी उन्होंने कई स्थान हासिल किए हैं। प्रखंड में चार और जिले में दो पद हासिल किए। 

एनएमएमएस के साथ राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी अपना  काफी नाम बनाया। सं 2020 में छह स्थान हासिल किए। 2021 में भी एक मुकाम हासिल किया। कई और प्रतियोगिताएं थीं जिनकी चर्चा जल्द ही एक अलग पोस्ट में की जाएगी। सं 1965 में बनी इस इमारत के ज़्यादातर कमरों में बल्लियां और गाडर हुआ करते थे। उनके बीच पांच कमरों की लालटेन मिली है। 2020-21 के दौरान छह नए कमरे मिले। एक भोजन कक्ष भी बनाया गया था। एक विज्ञान प्रयोगशाला भी बनाई गई थी।

वर्तमान परिस्थितियों में, स्कूल ने अपने कर्मचारियों और छात्रों का समर्थन करने में काफी प्रगति की है। कहा जा सकता है कि हम किसी से कम नहीं हैं। बाबा नजमी की दो पंक्तियां को भी याद करते हुए:

* पत्रकार कार्तिका सिंह का ईमेल है: kartikasingh999@gmail.com व्हाट्सएप: +919417242529 

Saturday, October 2, 2021

शहीद भगत सिंह ओपन ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2021

2nd October 2021 at 06:50 PM

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी खरड़, मोहाली में हुआ विधिवत शुभआरंभ

ताइक्वांडो चैंपियनशिप का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर प्रोफेसर डॉआर.एस. बावा, अभय गुप्ता जी ज्वाइंट डायरेक्टर (इंटेलिजेंस) नॉर्थ चंडीगढ़,,, शिवकुमार (तकनीकी सचिव पीटीए, जालंधर) ऑर्गेनाइजिंग सचिव शिव प्रकाश शुक्ला (कोषाध्यक्ष पीटीए, जालंधर) निखिल हंस (प्रेससचिव पीटीए ,जालंधर) आए हुए सभी गणमान्य ,खिलाड़ी तथापंजाब ताइक्वांडो एसोसिएशन (पंजीकृत) जालंधर के पदाधिकारी

खरड़//मोहाली: 2nd अक्टूबर 2021: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो):: 

महान स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह जी की पुण्य याद में शहीद भगत सिंह  ओपन ताइक्वांडो चैंपियनशिप 2021 का आगाज् , चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी खरड़, मोहाली में , पंजाब ताइक्वांडो एसोसिएशन (पंजीकृत) जालंधर के तत्वाधान में हुआ। 

उक्त प्रतियोगिता में 10 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 500 ताइक्वांडो के नवप्रशिक्षुओ के साथ साथ उत्कृष्ट ऐविमं श्रेष्ठ खिलाड़ियों ने बड़ चढ कर भाग लिया। 

भाग लेने वाले खिलाडी मुख्यता पंजाब, राजस्थान , हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, नई दिल्ली उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश , चंडीगढ़ तथा पंजाब पुलिस  से संबंधित थे। 

प्रतियोगिता का विधीवत शुभआरंभ विश्वविद्यालय के प्रोचांसलर प्रोफेसर डॉ आर.एस. बावा ज़ी ने किया। 

जिनके साथ श्री अभय गुप्ता ज्वाइंट डायरेक्टर (इंटेलिजेंस) नॉर्थ चंडीगढ़,, टूर्नामेंट ऑर्गेनाइजिंग सचिव श्री शिव प्रकाश शुक्ला जी ,,डॉ त्रिलोक सिंह (ड़ीन ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ स्टूडेंट्स चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी),, डॉ महेश जेटली (खेल विभाग प्रमुख चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी) प्रतियोगिता के तकनीकी सचिव श्री शिवकुमार( कोच एवं प्लेयर पंजाब पुलिस ) पुण्यात्मादेव कोहली तथा ऑफिस सेक्रेटरी हरमीत सिंह विशेष तौर पर उपस्थित रहे। 

आए हुए सभी खिलाड़ियों,कोच,ऑफिशल्स तथा अभीवाहको का उत्साहवर्धन करते हुए मुख्य अतिथि डॉ बावा ने कहा कि जिस प्रकार नन्हे नन्हे नवप्रशिक्षु इस खेल के साथ जुड़े हैं,वह समय दूर नहीं है जब यह सब खिलाड़ी बड़े होकर भारत का परचम संपूर्ण विश्व में लहराएंगे और अपनी प्रतिभा का लोहा विश्व पटल पर मानवायेंगे। 

उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में ताइक्वांडो एसोसिएशन( पंजीकृत) जालंधर जो प्रयास खेल क्षेत्र में कर रहे हैं वह बहुत ही सराहनीय एवं अविस्मरणीय है उन्होंने पी.टी.ए जालंधर के माननीय प्रधान एडीजीपी श्री अर्पित शुक्ला जी (आई.पी.एस) तथा पंजाब ताइक्वांडो एसोसिएशन के महासचिव  सतिन्द्र  सिंह जी (आई.पी.एस) एस.एस.पी, मोहाली जी को बधाई दी जिन के सानिध्य में इस चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। 

प्रतियोगिता के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री एवं पीटीऐ जालंधर के कोषाध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो रेफरी श्री शिव प्रकाश शुक्ला जी ने आए हुए सभी गणमान्यों, सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों एवं विभिन्न राज्यों से आए हुए टीम मैनेजर्स  के बारे में संक्षेप परिचय दिया। 

पंजाब ताइक्वांडो एसोसिएशन जालंधर के प्रेस सचिव श्री निखिल हंस ने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपती  ,, प्रोफेसर कंग तथा विशेष तौर पर खेल विभाग के प्रमुख डॉक्टर महेश जेटली का पंजाब ताइक्वांडो एसोसिएशन जालंधर की तरफ से धन्यवाद किया जिनके सहयोग से विश्वविद्यालय प्रांगण में यह चैंपियनशिप करवाई जा रही है साथ ही साथ उन्होंने सभी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा की करोना वायरस के संकट पूर्ण समय  के बाद करवाई जा रही यह चैंपियनशिप सभी खिलाड़ियों के लिए एक अमिट  एवं अविस्मरणीय याद बनेगी। 

इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो कोच मास्टर केहर , सिंह मोगा से, राजकुमार वर्मा तथा सतविंदर सिंह स्टेट आवार्दी ताइक्वांडो कोच पटियाला से, एशियन गेम्स प्लेयर मोबीन खान उत्तर प्रदेश से, डॉ अश्विनी जालंधर से, अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो रेफरी सुभाष ठाकुर जी हिमाचल से, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ,काशीपुर के ताइक्वांडो के मुख्य प्रशिक्षक नीरज शर्मा जी, पारस कुमार चंडीगढ़ से,देवांश चौहान तथा  पुलोक सेन राजस्थान से, रवि कदयान हरियाणा से मौजूद रहे।