Saturday, March 29, 2014

MTSM महिला कालेज में होस्टल नाईट

नारी को हर मामले में विज्ञापन बनाने पर भी हुई चर्चा 
लुधियाना: 28 मार्च 2014: (रेकटर कथूरिया//शिक्षा स्क्रीन):
ज़िंदगी में खुशियां भी आती हैं और गम भी। मिलन भी होता है और बिछड़ना भी। कभी अचानक कोई अच्छा मौका मिला जाता है और कभी हाथ में आया अच्छा मौका छूट भी जाता है। इन सब रंगों को मिला कर ही बनती है ज़िंदगी---कभी ख़ुशी कभी गम। ज़िंदगी के इन अलग अलग रंगों का सहजता से सामना करते हुए हर पल संतुलन में बताने के लिए होस्टल की ज़िंदगी कई अनुभव देती है। शिक्षा, अनुशासन, और परिवार से दूर पूरी छूट और अपने कमरों में अपनी खुद की ज़िम्मेदारी। इन सब अनुभवों पर आधारित था मास्टर तारा सिंह मेमोरियल महिला कालेज में हुआ होस्टल नाईट का आयोजन। इसमें नयी मंज़िलों का  जोश भी था, अपनी पुराणी सहेलियों से बिछुड़ने का दर्द भी और ज़िंदगी के हर कदम पर आने वाले इम्तिहान की चुनौती को स्वीकार करने की हिम्मत भी। उह एक ऐसा माहौल था जहाँ सभी लड़कियां अपने घरों से दूर यहाँ होस्टल में थीं।  इस दूरी के बावजूद इन सभी के चेहरों पर एक ऐसी ख़ुशी जो नसीब वालों को मिलती है। इन लड़कियों को यहाँ सभी अपने जैसे ही मिले। उनके कैरिअर और शिक्षा को पूरे ध्यान से उनके जीवन में उतरने वाली प्रोफेसर्स। कोई मैडम उनकी बड़ी बहन जैसी थी तो कोई मां जैसी।
इस यादगारी संगीतमय शाम में डांस का जोश संगीत का जादू और सुंदरता का जलवा सब कुछ था। एक घंटे का कार्यक्रम दो घंटे से भी अधिक चला पर वक़त का किसी को कुछ पता ही नहीं चला। यादविंदर कौर को इस प्रोग्राम में मिस होस्टलर का खिताब मिला जबकि जसप्रीत कौर फस्ट रनरअप और स्वाति सेकंड रनरअप रहीं।
कालेज में हिंदी की लेक्चरर इंद्रमोहन कौर ने एक सवाल पूछ कर सारे माहौल को ही एक गंभीर दिशा में मोड़ दिया। उन्होंने  छात्राओं से पूछा कि क्या हर मामले में नारी को विज्ञापन बना कर दिखाना क्या उचित है? इस सवाल के जवाब में इस सोच और सिलसिले को बुरी तरह से रद किया गया। मैडम इंद्रमोहन कौर ने कार्यक्रम के बाद बताया कि उन्होंने यह सवाल लड़कियों के दिलो-दिमाग में एक चेतना लाने के लिए पूछा तांकि महिला वर्ग के अंदर इस बुराई के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक इनकार पैदा हो सके। इस चेतना के बाद ही नारी ऐसे विज्ञापनों का अंग बनने से ज़ोरदार इनकार कर सकेगी।
प्रिंसिपल मैडम डाकटर चावला ने मुख्य अतिथि का फ़र्ज़ भी निभाया और लड़कियों को जीवन में साकारत्मक सोच बनाने पर ज़ोर दिया क्यूंकि इस सोच के बल पर आगे बढ़ा जा सकता है। कुल मिलाकर यह एक यादगारी आयोजन रहा।    

Sunday, March 23, 2014

History of 23 March -Bhagat Singh - By Bhai Rakesh Ji (Must Watch)


Courtesy: Swami Ramdev//YouTube
23-03-2013 पर प्रकाशित
देखिये शहीद भगत सिंह , राजगुरु, सुखदेव जी को शहीदी दिवस पर श्रधांजलि,

जानिये कैसे अंग्रेज डर गए थे भगत सिंह की लाश से...।

भगत सिंह का फंसी से पहले अधुरा काम क्या था जो उन्होंने कहा था की यह आब देशवासियों को पूरा करना है. ...

क्यों दी एक दिन पहले फांसी ............
कहाँ से मिले भगत सिंह को देश पर मरने मिटने के संस्कार ........
भगत सिंह के चाचा जी, पिता जी दादा जी क्या करते थे,
देशवासियों के नाम भगत सिंह का अंतिम सन्देश क्या था ..............
अन्गेरेजो के जाने पर खुश क्यों नहीं थे भगत सिंह ...
यह सब कुछ और बहुत कुछ शहीदों का इतिहास जानने के लिए देखिये पूज्य स्वामी जी महाराज का पूरा वीडियो .....
आज अगर देश को बचाना है ...तो भगत सिंह को सुनना पड़ेगा,......भगत सिंह को पढना पड़ेगा ....
भगत सिंह को जानना पड़ेगा .......
भगत सिंह के विचारों का प्रचार करे .......देश को बचाए .........
इ मेल ...फेसबुक ...से सबको सुनाये .......
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Wednesday, March 12, 2014

देवकी देवी जैन जी का जन्मदिन सेमिनार करके मनाया

Wed, Mar 12, 2014 at 3:25 PM
डा. ओझा ने दी  इतिहास पर रौचक जानकारी 
लुधियाना:12 मार्च 2014: (शिक्षा स्क्रीन ब्यूरो): 
शोर शराबे से भरे हल्के आयोजनों से हट कर डीडी जैन महिला कालेज ने एक और विशेष आयोजन कराया। यह एक राष्ट्रीय सेमिनार था जो पंजाब के प्रारंभिक मध्यकाल के दौरान राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संक्रमणकालीन चरण प् विशेष चर्चा करने के लिए आयोजित कराया गया। इस एक दिवसीय संगोष्ठी प्रायोजित किया था पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के ICSSR विभाग ने। गौरतलब है कि आज के इस शुभ दिन इस कालेज  की मुख्य प्रेरणा स्रोत देवकी देवी जैन जी का जन्मदिन भी था। इस शुभ अवसर पर कालेज ने एक गंभीर और खो चुके विषय पर संगोष्ठी करा कर जहाँ कालेज की छात्रायों को एक ज्ञान भरी सौगात दी वहीँ इतिहास में रूची रखने वाले अन्य लोगों के लिए भी एक नया सिलसिला शुरू किया। कार्यक्रम के दो तकनीकी स्तर थे जिनमें दस शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। 
सेमिनार  शुरूआत औपचारिक ज्योति प्रज्वलित करके हुई। इस मौके पर हमेशां की तरह णमोकार मंत्र का उच्चारण भी किया गया। वक्ताओं और मेहमानों का स्वागत बहुत ही सम्मान और गर्मजोशी से किया गया। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से आये डा. एन के ओझा पहले सेशन के मुख्य वक्ता थे जबकि उनके साथ ही चंडीगढ़ से आये डा. अश्विनी अग्रवाल दुसरे तकनीकी स्तर के मुख्य वक्ता था। इस यादगारी मौके पर जानेमाने समाज रत्न और कालेज के की प्रबंधन समिति के चेअरमैन श्री हीरा लाल जैन, कालेज के प्रधान केदारनाथ जैन, सचिव बिपन जैन, मैनेजर सुरिंदर कुमार जैन, राज कुमार जैन, श्री शांति सरूप जैन, और वरिष्ठ उपाध्यक्ष शीतल कुमार जैन, उप प्रधान और अन्य वशिष्ठ लोग भी मौजोड़ रहे।  
अपने मुख्य भाषण में में डा. एन के ओझा ने पंजाब के राजनीतिक पर इतिहास पर बहुत ही दिलचस्प तरीके से बॉट ही अमूल्य जानकारी दी। उन्होंने छठी और 12वीं सदी के कार्यकाल का एक नक्शा सा ही खींच दिया। उन्होंने उस समय की राजनीति के साथ पंजाब की आर्थिक हालत, धर्म-कर्म और संस्कृति की भी जानकारी दी। 
आये हुए डेलीगेटों ने अपने अपने शोधपत्रों में छूयाछात, महिलायों की हालत और बहुत से अन्य मुद्दों पर भी जानकारी दी। समापन सेशन के मुख्य मेहमान थे डाकटर आर के शर्मा।  उन्होंने ने भी इस विष पर बहुत ही जानकारी दी।  कालेज की प्रिंसिपल सरिता बहल ने आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया।समापन रिपोर्ट के साथ ही प्रमाणपत्र भी दिए गए और राष्ट्र गान के साथ ही कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।