Friday, December 27, 2019

बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों ने बिखेरे प्रतिभा के रंग

फैमिली डे के आयोजन से मज़बूत हुई  परिवारों के आपसी प्रेम की भावना 
लुधियाना: 27 दिसंबर 2019: (एजूकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने और राष्ट्रीयता की भावना को मज़बूत बनाने के मामले में बीसीएम स्कूल और उनके सभी शिक्षण संस्थान लम्बे समय से प्रयासरत हैं। यहां हुआ फैमिली डे फंक्शन भी इसी मकसद को पूरा करने वाला था। आज जब परिवारों के सभी लोग एक कमरे या एक गाडी में बैठे बैठे अपने अपने मोबाईल पर व्यस्त होते हैं और अगर बाहर भी निकलते हैं तो अकेले अकेले अपने अपने क्लब या प्रोग्राम की तरफ। ऐसे माहौल में जब सभी परिवारों के सदस्य अंदर ही अंदर एक दुसरे से दूर होते जा रहे हैं उनको निकट लाने का प्रयास किया है बीसीएम स्कूल ने फैमली डे का योजन करके। बहुत ही अलौकिक सा आनंद था इस कार्यक्रम में। टूट रखे परिवारों को फिर से जोड़ने का प्रयास। क्लबों की तरफ बेगानों के रंग में रंगे जा रहे परिवारों को अपने ही लोगों के रंग में रंगने का शानदार प्रयास। 
आधुनिक प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा पर बी.सी.एम. आर्य इंटरनेशनल स्कूल, शास्त्री नगर, लुधियाना ने कक्षा एल.के.जी. से एक तक के छात्रों के लिए ‘परिवार दिवस’ का आयोजन किया। बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता ने नृत्य, गायन और कविता गायन की शानदार प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।  इस अवसर पर एक ओर जहां पिता-पुत्र ने जुगलबंदी के रूप में नृत्य प्रदर्शन किया तो दूसरी ओर बच्चों के प्रति मां की ममता का जीवंत रूप भी देखने को मिला। महिला सशक्तिकरण की चुनौती तथा नारीत्व की  विभिन्न भूमिका पर शानदार प्रस्तुति ने सभी का मन जीत लिया। कुछ अभिभावकों ने बॉलीवुड की चिरंजीवी कलाकार श्रीदेवी के प्रति भावपूर्ण श्रद्धांजलि प्रस्तुत कर प्रशंसा बटोरी। विद्यालय के प्रधान, श्री राजेंदर पाल  स्याल जी ने कार्यक्रम की भूरि–भूरि प्रशंसा करते हुए विद्यालय द्वारा की गई सकारात्मक पहल की सराहना की। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. श्रीमती परमजीत कौर ने उपस्थित छात्रों, अभिभावकों, अध्यापकों तथा प्रबंधक समिति के गणमान्य सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था अभिभावकों के सहयोग, साथ, समय व स्नेह की ऋणी है। 
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हमारा हर कदम, हर कोशिश उस संस्कार को देने का प्रयास है जो हम अपने बच्चों में देखना चाहते हैं। बच्चों को पूरी लगन से  भावी जीवन के लिए तैयार करना ही हमारा उद्देश्य है तांकि वे राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान साबित करने में सफल हो सके। कुल मिला कर यह एक यादगारी आयोजन रहा। 

जी एम टी पब्लिक स्कूल लुधियाना ने यूं किया सर्दी का मुकाबिला

 Friday: 27th December 2019 at 1:25 PM
मैनेजमेंट की ओर से सहायक कर्मचारियों को बांटी गई जैकेट्स
लुधियाना: 27 दिसंबर 2019: (एजूकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
मन्दिरों, गुरुद्धारों और अन्य धार्मिक स्थान पर सोना, चांदी और रूपये पैसे का चढ़ावा चढ़ाने वाले तो बहुत से लोग होंगें लेकिन मानवता के लिए खर्च करने वाले लोग बहुत ही कम। इस तरह के अनमोल लोग अस्पतालों और स्कूलों जैसे संस्थानों पर खर्च करके मानवता की सच्ची सेवा करते हैं। इसी तरह के लोगों में से एक हैं  श्री राधे श्याम शर्मा। उन के मन में संवेदना जगी और उन्होंने सर्दी की ठिठुरन को देखते हुए उन लोगों के दर्द और मजबूरी को महसूस जो बढ़ती हुई महंगाई के कारण महंगी हो रही जैकटें नहीं खरीद सकते। बस इसी ख्याल से उन्होंने इस नेक मकसद के लिए अपने धन के सदुपयोग करने का फैसला किया।  
जी एम टी पब्लिक स्कूल जालंधर बाइपास लुधियाना में 27 दिसंबर को दिन पर दिन बढ़ती सर्दी से बचने के लिए जी एम टी स्कूल के पेरेंट श्री राधे शाम शर्मा जी पिता चिराग शर्मा कक्षा दसवीं द्वारा प्रशंसनीय कार्य किया गया । उन्होंने अपनी तरफ से सहायक कर्मचारियों को गर्म जैकेट दान की। इस अवसर पर स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती जसबीर कौर बल जी ने स्कूल के हर अवसर पर सहायता करने वाले सहायक कर्मचारियों को सम्मान देते हुए जैकेट्स बांटी एवं नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस केबाद जहां स्कूल के स्टाफ में ख़ुशी है वहीँ आसपास के क्षेत्रों में प्रसन्नता की लहर है। उम्मीद है श्री राधे श्याम शर्मा के इस कदम से अन्य लोगों को भी मिलेगी। 

Tuesday, December 17, 2019

MTSM कालेज की छात्राओं ने चमकाया जूडो में भी नाम

Tuesday : Dec 17, 2019: 3:37 PM
माता गंगा खालसा कालेज मंजी साहिब कोटां में हुई थी प्रतियोगिता 
लुधियाना: 17 दिसंबर 2019: (शिक्षा स्क्रीन ब्यूरो)::
   लुधियाना के पुराने और जानेमाने कालेजों में से एक है मास्टर  कालेज। शिक्षा के साथ साथ संगीत, साहित्य  और खेलों में भी  छात्राएं अग्रणी रहती हैं। इस बार इस कालेज की छात्राओं ने नाम कमाया है वेट लिफ्टिंग और जूडो की प्रतियोगिताओं में। यह प्रतियोगिताएं हुईं थीं माता गंगा खालसा कालेज, मंजी साहिब, कोटां में।  
    इन प्रतियोगिताओं में राखी और मोनिका ने जहां 63 किलोग्राम और 69 किलोग्राम के वर्ग में गोल्ड मैडल जीते वहीँ सोनिया ने 90 किलोग्राम के वर्ग में चांदी का मैडल जीता। इसी तरह रमनप्रीत कौर ने 75 किलोग्राम के वर्ग में कांसे का मैडल जीत कर कालेज और अपने परिवार का नाम कमाया। गंगा और सिमरन ने रनरअप ट्राफी जीती और 48 किलोग्राम और 53 किलोग्राम के वर्ग में चौथा स्थान प्राप्त किया। 
    पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की तरफ से आयोजित जूडो मुकाबलों में राजन ने कांसे का तमगा जीत कर कालेज का नाम रौशन किया। 
    कालेज की प्रिंसिपल डाक्टर किरणदीप कौर, अध्यक्ष सरदार स्वर्ण सिंह और सचिव कंवलजीत सिंह ने फिज़िकल विभाग की मुख्य कवलजीत कौर कोच मिस रजनी (पंजाबी विभाग) के साथ साथ सभी विजेता छात्राओं को इन उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई दी। 
यही खबर अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें    
MTSM girls won mant prizes in inter college competition   

Thursday, February 7, 2019

शिक्षा के अधिकार पे डाका; नहीं सहेंगे-नहीं सहेंगे

शिक्षा के बाजारीकरण पर विशेष सेमिनार 10 फरवरी को लुधियाना में 
Courtesy Image
लुधियाना: 7 फरवरी 2019: (कार्तिका सिंह//शिक्षा स्क्रीन):: आयोजन कर्ता: AISF
Courtesy Image
देश में सबसे बड़ी डकैती छात्र वर्ग के अधिकारों पर डाली जा रही है। सबसे बड़ी जालसाज़ी युवा वर्ग के साथ हो रही है। सबसे बड़ा धोखा देश के भविष्य के साथ किया जा रहा है। युवाओं और छात्र-छात्राओं से शिक्षा का अधिकार पूरी तरह से छीना जा रहा है। धीरे धीरे और बहुत ही ख़ामोशी के साथ देश का आधार ही खोखला किया जा रहा है। शिक्षा को चंद अमीरों की जागीर बनाया जा रहा है तांकि गरीब तो क्या मध्यम वर्ग का कोई बच्चा भी कल को देश के भविष्य निर्माण में सहभागी न बन सके। विकास के खोखले दावों के बीच युवा वर्ग को थमाया जा रहा है हर रोज़ बड़े से बड़े इंटरनेट पैक का लॉलीपॉप तांकि वे मोबाइल पर उलझे रहें और इसी नशे में वास्तविक शिक्षा से दूर हो जाएं।  
यह सूक्ष्म और साज़िशी चालें आज हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौतियाँ हैं। अगर शिक्षा का अधिकार ही छिन  गया तो बाकी कुछ छीनने के लिए किसी भी देश दुश्मन को कोई बड़ा प्रयास नहीं करना पड़ेगा। इस लिए इन साज़िशों को समझना आवश्यक है तांकि इन चुनौतियों का सामना सफलता से किया जा सके। 
अंधविश्वास से पंगु हो रहा समाज:Courtesy Pic
लगातार महंगी हो रही शिक्षा किसी डकैती से कम नहीं। सिलेबस में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर दिखाया जाना किसी जालसाज़ी से काम नहीं। गुरुओं, पीरों, पैगंबरों और शहीद भगत सिंह जैसे वीरों के विचारों से दूर करना ही मुख्य मकसद है आज के इंटरनेट पैक्स का। किताबें महंगी हो रही हैं, फीसें महंगी हो रही हैं, स्कूल कालेज तक पहुंचने के किराये महंगे हो रहे हैं, खाने पीने का भोजन तक भी महंगा हो रहा  है लेकिन इंटरनेट सस्ता हो रहा है। इस सब कुछ को गहरायी से समझना आवश्यक है। 
अध्यापकों को मिड डे मील जैसे गैर शिक्षा के कामों में उलझाना और वेतन मांगने पर लाठी-गोली दिखाना भी इसी साज़िश का हिस्सा है। अगर हम नहीं समझे तो पूरा समाज खतरे में है। 
अगर आप को खुद से प्रेम है, अपने भविष्य से प्रेम है, अपने परिवार, समाज और देश से प्रेम है तो मौजूदा खतरों पर चर्चा करके कोई ठोस कदम उठाना ही होगा। इस का सुअवसर आपको मिल रहा है 10 फरवरी रविवार को। इन सभी आवश्यक बातों पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है अगस्त 1936  में बने छात्र संगठन आल इण्डिया स्टूडेंटस फेडरेशन अर्थात ए आई एस एफ की तरफ से। शिक्षा के इस सेमिनार का स्थान है लुधियाना के नए बस अडडे के नज़दीक बस्ती अब्दुल्ला/ इंद्रा नगर में स्थित शहीद करनैल सिंह ईसड़ू भवन में। 
अध्यापकों पर सख्ती भी इसी साजिश का हिस्सा है: देखिये बठिंडा में पुलिस एक्शन की तस्वीर:साभार: अमर उजाला  
आयोजनकर्ताओं में ए आई एस एफ के दीपक कुमार, सौरव यादव, राजीव और ललित कुमार भी शामिल हैं। बोलने का मौका आप सभी को मिलेगा। वक्ताओं में कुछ लोग अन्य स्थानों से भी सम्भव हैं। 
सेमिनार में उठने वाले मुद्दों में प्रमुख मुद्दा होगा शिक्षा के बाज़ारीकरण को बंद करने की मांग। सरकारी शिक्षा संस्थानों में आधुनिक सुविधाएँ प्रदान करने की मांग। शिक्षा का सुअवसर हर किसी तक पहुँचाने  की मांग। शिक्षा में से अंध विश्वास की रोकथाम करके उसे शुद्ध वैज्ञानिक बनाने की मांग। शिक्षा की फीसें और किताबों की कीमतों को आम इंसान की पहुँच में लाने की मांग। 
अगर आप अध्यापक हैं तो भी आपका इस सेमिनार में स्वागत होगा और अगर आप छात्र हैं तो भी आपको अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। चुनाव नज़दीक है। सभी दलों को अपने इस मौलिक अधिकार की बात से खुल कर अवगत करवाओ। जिन जिन लोगों ने भी शिक्षा के इस अधिकार पर बुरी नज़र डाली है उनका लिहाज़ मत करो।  उन्हें बेनकाब करने में कोई कसर मत छोडो। यह अपने भविष्य को बचाने  की जंग है इसे लड़े बिना अब कोई गुज़ारा भी नहीं।  कभी जानेमाने शायर दुष्यंत कुमार ने अपनी एक काव्य रचना में व्यंग्य करते हुए कहा था:
भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ 
आजकल दिल्ली में है ज़ेर-ए-बहस ये मुदद्आ।  
आज भी शिक्षा के अधिकारों की बात करने पर कुछ इसी तरह लटकनबाज़ी लगाई जाती है लेकिन हमें खुद दिल्ली चलने को तैयार रहना होगा। शिक्षा का अधिकार हमारा मौलिक अधिकार है हम इसे नहीं छीनने नहीं देंगें।