Friday, March 29, 2013

डीडी जैन की जसप्रीत रही यूनिवर्सिटी में अव्वल

मनप्रीत कौर और कुसुम ने भी चमकाया नाम 
लुधियाना: 28 मार्च 2013: (शिक्षा स्क्रीन): देवकी देवी जैन कालेज फॉर वूमेन की छात्राओं ने इस बार फिर कमाल कर दिखाई है। एमएससी आईटी पहले सेमेस्टर में इन छात्राओं की कारगुजारी फिर से कई नै उमीदें लेकर आई है। इन छात्राओं ने यूनिवर्सिटी में पहला व तीसरा स्थान पाया है। बेहद सादगी से रहने वाली इसी कालेज की मेघावी छात्रा जसप्रीत कौर ने फिर कालेज का नाम रोधन किया है। उसने 82.16 प्रतिशत अंक ले कर यूनिवर्सिटी में पहला व मनप्रीत कौर ने 81.66 प्रतिशत अंक ले कर तीसरा स्थान पाया है। इसी कालेज की छात्रा कुसुम ने 77.5 प्रतिशत अंक ले कर कालेज में तीसरा स्थान पाया है। कालेज की मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन हीरा लाल जैन, प्रेसीडेंट केदार नाथ जैन, शांति स्वरूप जैन, राज कुमार जैन, बिपिन जैन, सुरिंदर कुमार व कार्यकारिणी प्रिंसिपल पूनम सरीन ने छात्राओं को बधाई दी है। आपको यह खबर खुशखबरी लगी तो आप भी कालेज और छात्रों के लिए कुछ कीजिये न!

लुधियाना: डी डी जैन कालेज की छात्राओं का अच्छा प्रदर्शन 

केसीडबल्यू की छात्राओं का भी शानदार प्रदर्शन

Monday, March 25, 2013

रूस में शिक्षा: विदेशी अभ्यार्थियों के लिए जानकारी


रूस में उच्च शिक्षा पाने में बहुत से लाभ
        © Collage: «The Voice of Russia»
विदेशी छात्रों के लिए रूस में उच्च शिक्षा पाने में बहुत से लाभ हैं| सबसे पहला लाभ तो यह है कि भावी छात्रों को प्रवेश परीक्षा के मानसिक तनाव भरे कठिन दौर से नहीं गुज़रना पड़ता| उन्हें बस माध्यमिक अथवा विशेष माध्यमिक शिक्षा का अपना प्रमाण-पत्र और अंक-सूची भेजनी होती है|
बहुत सी रूसी यूनिवर्सिटियों में निश्शुल्क शिक्षा पाई जा सकती है| लेकिन अगर फ़ीस भरनी भी पड़े तो वह यूरोपीय देशों या अमरीका से कहीं कम है| रूसी शिक्षा मंत्रालय की साइट: http://en.russia.edu.ru/ पर रूस में शिक्षा पाने के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है| इसके अलावा http://www.edurussia.in/ पर भी बहुत सी जानकारी मिल सकती है|
रूस में अनेक लब्धप्रतिष्ठ विश्वविद्यालय हैं| भावी छात्र अपनी पसंद के मुताबिक़ शिक्षा प्रतिष्ठान चुन सकें इसके लिए हम यहां कुछ सबसे मशहूर शिक्षा केन्द्रों के बारे में बता रहे हैं|
· रूसी जन-मैत्री विश्वविद्यालय (मास्को)
इस शैक्षिक-वैज्ञानिक समुच्चय में दस प्रमुख फैकल्टियां हैं: कृषि, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान, मेडिकल, इंजीनियरिंग, रूसी भाषा एवं सामान्य विषय, भौतिकी-गणित तथा नैसर्गिक विज्ञान, भाषाविज्ञान, पर्यावरण-विज्ञान, अर्थशास्त्र और कानून| इसके अलावा स्नातकोत्तर शिक्षा पा चुके लोगों के लिए अर्थव्यवस्था की तीन शाखाओं से जुड़ी तीन उच्चतर प्रशिक्षण संकाय हैं, तीन इंटर-फैकल्टी डिपार्टमेंट हैं, सात संस्थान तथा 33 वैज्ञानिक-शिक्षा केन्द्र, 150 से अधिक प्रयोगशालाएं और शिक्षा एवं शोध केन्द्र हैं| इस विश्विद्यालय में वे सभी फैकल्टियां हैं जो एक आधुनिक विश्वविद्यालय में होनी चाहिए| अतः यहां उच्च कोटि की आधुनिक शिक्षा पाई जा सकती है जो संसार के हर कोने में रोज़गार के अच्छे अवसर प्रदान कराती है| जन-मैत्री विश्वविद्यालय में स्नातक (बैचलर) और स्नातकोत्तर (मास्टर) डिग्रियां पाई जा सकती हैं| यूनिवर्सिटी में “तैयारी संकाय” (प्रेपरेटरी फैकल्टी) भी है, जहाँ विदेशी छात्र एक साल रूसी भाषा सिखाते हैं और अपनी भावी विशेषज्ञता के विषयों के आरंभिक पाठ रूसी में पाते हैं|
रूस के सोची, याकूत्स्क, येस्सेनतुकी, बेल्गोरोद, स्ताव्रोपोल और पेर्म शहरों में इस विश्विद्यालय की शाखाएं हैं|
यहां फैकल्टी के अनुसार फ़ीस तीन से सात हज़ार डालर प्रति वर्ष तक है| इसके बारे में अधिक सही सूचना यूनिवर्सिटी की साइट पर मिल सकती है:http://www.rudn.ru/en/
· मास्को लोमोनोसोव राजकीय विश्वविद्यालय
यह रूस की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है| इसके अंतर्गत 15 वैज्ञानिक- –अनुसंधान संस्थान, 40 फैकल्टियां, 300 से अधिक विभाग हैं| इसकी अपनी 6 शाखाएं भी हैं, जिनमें से पांच सी.आई.एस. देशों में हैं|
मास्को विश्विद्यालय में ऐसे कोर्स हैं जिनमें अभ्यार्थियों को प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी करवाई जाती है| इनमें निश्शुल्क और सशुल्क – दोनों तरह की शिक्षा का प्रावधान है| कोर्स की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि भावी छात्र किन विषयों की शिक्षा पाना चाहता है| इन कोर्सों की पढ़ाई पूरी हो जाने पर परीक्षाएं होती हैं जिनके परिणामों को प्रवेश परीक्षा के परिणाम ही माना जाता है|
इस विश्वविद्यालय में फ़ीस हर साल तय की जाती है| यूनिवर्सिटी की साईट पर सविस्तार जानकारी पाई जा सकती है : http://www.msu.ru/en/
· राजकीय वैज्ञानिक अनुसंधान विश्वविद्यालय – उच्चतर आर्थिक विद्यालय (मास्को)
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, इस यूनिवर्सिटी में सामाजिक-आर्थिक और मानविकी विषयों का तथा गणित और सूचना विज्ञान का अध्ययन एवं अनुसंधान होता है| इसके अंतर्गत बीस से अधिक संकाय एवं विभाग हैं| मास्को, सेंट पीटर्सबर्ग, नीझ्नी नोवगोरोद तथा पेर्म नगरों में इस यूनिवर्सिटी के कैम्पस हैं|
इसके छात्र अपनी यूनिवर्सिटी के साथ-साथ श्रेष्ठ यूरोपीय विश्वविद्यालयों की डिग्री भी पा सकते हैं| इसने 130 से अधिक विदेशी शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्रों तथा अंतर्राष्ट्रीय बिज़नस-संगठनों के साथ “पार्टनर संबंध” बना रखे हैं|
इसकी कुछ फैकल्टियां अंग्रेजी भाषा में शिक्षा देती हैं| अधिक विस्तृत जानकारी यूनिवर्सिटी की साइट पर पाई जा सकती है: http://www.hse.ru/en/
· मास्को भौतिकी-तकनीकी संस्थान (राजकीय विश्वविद्यालय)
तकनीकी दिशा का यह विश्विद्यालय रूस के 29 राष्ट्रीय अनुसंधानात्मक विश्विद्यालयों में से एक है| यहां व्यावहारिक और सैद्धांतिक भौतिकी तथा आप्रयुक्त गणित की नवीनतम दिशाओं में काम कर सकने वाले वैज्ञानिक और इंजीनियर प्रशिक्षित किए जाते हैं| यहां की कुछ खास स्पेशलिटी हैं: “सिस्टम ऐनालिसिस एंड मैनेजमेंट”, “इन्फोर्मेशन साइंस एंड कंप्यूटर टेकनीक” “कंप्यूटर सिक्योरिटी” “एप्लाइड मैथ एंड इन्फोर्मेशन साइंस” |
यहाँ शिक्षा पाने वालों ने नोबल पुरस्कार जीते हैं, कुछ रूसी विज्ञान अकादमी के उपाध्यक्ष बने हैं, 100 से अधिक अकादमीशियन और अकादमी के सह-सदस्य हैं, अंतरिक्ष नाविक हैं और रूस के मंत्री भी|
इस इंस्टीट्यूट की साइट है: http://phystech.edu/
· मास्को राजकीय अंतर्राष्ट्रीय संबंध संस्थान (यूनिवर्सिटी)
यह भी रूस के एक पुराना शिक्षा प्रतिष्ठान है| यहां 12 शैक्षिक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत छात्रों को शिक्षित किया जाता है| इनमें से कुछ हैं: अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, क्षेत्रविद्या, अंतर्राष्ट्रीय विधि (कानून), राजनीतिशास्त्र, राज्य-संचालन, पत्रकारिता तथा जन-संपर्क| कानून की पढ़ाई के मामले में यह देश के पहले तीन शिक्षा संस्थानों में गिना जाता है| इस विश्वविद्यालय में छह इंस्टीट्यूट और आठ फैकल्टियां शामिल हैं| इसका संस्थापक रूस का विदेश मंत्रालय है| इसकी साईट है: http://www.mgimo.ru/eng/

Tuesday, March 19, 2013

अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन

19-मार्च-2013 17:57 IST
उद्घाटन करेंगे 21 मार्च को राष्‍ट्रपति 
भारत में विश्‍वविद्यालयों के भविष्‍य पर चर्चा की जाएगी
राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी आगामी 21 मार्च को ‘भारत में विश्‍वविद्यालयों के भविष्‍य : ज्ञान आधारित समाज के लिए उच्‍च शिक्षा क्षेत्र में सुधार के तुलनात्‍मक दृष्टिकोण’ पर अंतरराष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन ओपी जिंदल ग्‍लोवल यूनिवर्सिटी सोनीपत में करेंगे।

तीन दिन के इस सम्‍मेलन में देश तथा विदेशों के प्रमुख विश्‍वविद्यालयों के कुलपति, प्रमुख और डीन भाग लेंगे। सम्‍मेलन का मुख्‍य उद्देश्‍य दुनियाभर के विश्‍वविद्यालयों की रैंकिंग के संदर्भ में भारतीय विश्‍वविद्यालयों की स्थिति पर व्‍यापक विचार-विमर्श करना है। सम्‍मेलन में विश्‍वविद्यालयों की जिम्‍मेदारियों, प्रबंधन, सार्वजनिक नीति, नीतिगत प्रभाव के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान, उच्‍च शिक्षा में उत्‍कृष्‍टता को बढ़ावा देने और विश्‍वविद्यालयों में नेतृत्‍व जैसे अहम मसलों पर भी चर्चा की जाएगी।

वि. कासोटिया/गांधी/दयाशंकर – 1466

दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय को बधाई दी

19-मार्च-2013 20:14 IST
राष्‍ट्रपति ने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के 90वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया, 
देश को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए उच्‍च शिक्षा स्‍तर के लिए अनवरत प्रयास आवश्‍यक बताया
राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (19 मार्च 2013 को) दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के 90वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में भाग लिया और मेधावी छात्रों को मेडल प्रदान किए। इस अवसर पर
राष्‍ट्रपति ने कहा अगर देश को उच्‍च विकास के पथ पर आगे बढ़ाना है तो इसके लिए शिक्षा के उच्‍च स्‍तर हासिल करने के अनवरत प्रयास जरूरी हैं। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा को और अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए हमारा प्रयास अधिक जनसंख्‍या तक पहुंचना खास तौर पर इसे देश के दूरदराज तक पहुंचाना अनिवार्य है। राष्‍ट्रपति महोदय ने कहा कि अब समय आ गया है कि बेहतर तरीके से ज्ञान हासिल कराने की दिशा में विशिष्‍ट प्रौद्योगिकी और उन्‍नत शैली लागू की जाए। 

राष्‍ट्रपति ने कहा कि अगर हमें शिक्षण संस्‍थानों द्वारा दी जा रही शिक्षा के तरीके को पुनर्भाषित करने को कहा जाए तो वास्‍तव में अभी ही इसका समय है। हमें अपने विश्‍वविद्यालयों को वैश्विक नेतृत्‍व प्रदान करने वाला बनाना होगा और इसके लिए अन्‍य देशों में प्रचलित प्रथाओं का सावधानी से अध्‍ययन कर अपनी स्थितियों के अनुकूल उनमें आवश्‍यक परिवर्तन के साथ अपनाना होगा। 

राष्‍ट्रपति ने लाभप्रद गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में एक और वर्ष की सफलता के लिए दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय को बधाई दी। 
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वि.कासोटिया/अजित/मनोज-1471