प्रतिष्ठा को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की
*21 वर्षीय दिव्यांग प्रतिष्ठा का आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ दाखिला
* पब्लिक पालिसी पर करेंगी मास्टर डिग्री
* मुख्य मंत्री ने कहा, प्रतिष्ठा ने बढ़ाया है पंजाब का मान
*दिव्यांग होने के बावजूद आत्मविश्वास से है लबरेज
*प्रतिष्ठा दिल्ली में अकेले रह कर पढ़ाई कर रही है
होशियारपुर: 15 जुलाई 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
होशियारपुर की प्रतिष्ठा उस समय केवल 13 वर्ष की बच्ची थी जब उसकी जिंदगी में अँधेरा छा गया था। सड़क हादसे ने उसके शरीर की हड्डियों को जगह जगह से तोड़ दिया था। ज़िंदगी एक ऐसी चुनौती बन कर सामने आई जिसका हल नजर नहीं आता था। उस बेहद नाज़ुक समय में भी प्रतीष्ठा ने उस चुनौती को कबूल किया। परिणाम सभी की सामने है। हर तरफ उसकी ही चर्चा हो रही है। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरेन्द्र सिंह ने बाकायदा वीडियो काल कर के उसे बधाई दी। प्रतीष्ठा भी इस वीडियो काल से बहत उत्साहित हुई। उसने भी बाकायदा टवीट करके मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज वीडियो काल कर के आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाली होशियारपुर की दिव्यांग प्रतिष्ठा देवेश्वर को बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने प्रतिष्ठा का न सिर्फ हौंसला बढ़ाया बल्कि जरुरत पडऩे पर उसे हर संभव सहायता देने का भी विश्वास दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा ने पंजाब का मान बढ़ाया और इस जैसी लड़कियां साबित करती है कि शारीरिक कमजोरी आपके आत्मविश्वास को नहीं हिला सकती।
उधर आत्म विश्वास से लबरेज प्रतिष्ठा ने बताया कि जब उसको पता चला कि मुख्य मंत्री उसके साथ फोन पर बात करना चाहते हैं, तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि यह उसके जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण समय था जब मुख्य मंत्री ने स्वयं उससे बातचीत कर उसकी उपलब्धि के लिए बधाई दी। प्रतिष्ठा ने बताया कि मुख्य मंत्री ने उनसे बहुत ही सहजता व शालीनता से बातचीत की, जो कि उसे बहुत ही अच्छा लगा। उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोर्स से लेकर दिल्ली में अकेले बिताए समय को लेकर भी बात की और उसका उत्साह बढ़ाया। प्रतिष्ठा ने बताया कि मुख्य मंत्री जी ने कहा कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो वे जरुर उससे मिलना चाहेंगे। इसके अलावा उन्होंने उसे स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए भी कहा।
प्रतिष्ठा ने बताया कि 13 वर्ष की आयु में चंडीगढ़ जाते समय एक कार दुर्घटना में उसकी रीढ़ की हड्डी पर काफी गहरी चोट लगी थी, जिसके कारण छाती से नीचे वाला हिस्सा पैरालाइज हो गया था और वह तब से लेकर अब तक व्हील चेयर पर ही हैं। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष तक वह घर से बाहर नहीं जा सकी और पूरी तरह से परिवार पर ही निर्भर थी लेकिन जब उसने बारहवीं कक्षा में टॉप किया तो उसने स्वतंत्र रहने का फैसला किया। बुलंद हौंसले वाली प्रतिष्ठा कहां रुकने वाली थी, उसने निश्चय किया कि वह बिना किसी सहारे के अपना जीवन व्यतीत करेगी और वह पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई और परिवार से दूर वह अब लेडी श्रीराम कालेज फार वूमैन, दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीतिक शास्त्र में बी.ए. आनर्स कर रही है और पिछले तीन वर्ष से अकेले ही रह रही है। प्रतिष्ठा के पिता श्री मुनीष शर्मा होशियारपुर में ही डी.एस.पी. स्पैशल ब्रांच तैनात है और माता अध्यापक है। प्रतिष्ठा दिव्यांगों के अधिकारों को लेकर भी काफी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
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