नई सरकार के गठन में भी होगी महत्वपूर्ण भूमिका
इस बार कौन जीतेगा यह तो अब दस मार्च को ही पता चलेगा लेकिन इस बार मुकाबिला बहुकोणीय था। अनुमान लगाना आसान भी नहीं था। शायद इस बार एग्जिट पल वाले लोग भी इस चक्रव्यूह में चकरा जाएं। लेकिन एक बात पक्की है कि युवाओं में इस बार काफी उत्साह रहा। बहुत से लड़के लड़कियां ऐसे थे जिन्होंने पहली बार वोट डाल कर नई सरकार के चुनाव में अपना योगदान दिया। तकरीबन हर जगह युवाओं पर उत्साह दिखा। क्रांति के लिए बंदूक की बात को नकारते हुए इन लोगों ने लोकतान्त्रिक प्रक्रिया को पहल दी। अम्न को पहल दी। शांति को पहल दी। गुंडागर्दी और बाहुबल के प्रयोग को भी नकारा। पंजाब के युवाओं ने शांति प्रक्रिया के रस्ते को चुना है।
लुधियाना के युवाओं में भी इस बार मतदान का जोश और उत्साह बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिला। पहली बार वोट डालने के लिए सम्मान निशानी के तौर पर मिला सर्टिफिकेट एक उपलब्धि की तरह था। इस
प्रमाणपत्र को पा कर इनकी आंखों में एक नई सी चमक देखने को मिली। आज के वोटर ही भविष्य के विधायक और सांसद बन क्र सरका को भी चलाएंगे। युवाओं का इस जोशोखरोश के साथ आगे आना साबित करता है कि अब वृद्ध हो चुके नेताओं का ज़माना लद रहा है।
उन्हें अपने घरों में बैठ कर इन बच्चों का मार्गदर्शन करना चाहिए, सत्ता लोलुपता अब इन बज़ुर्गों को छोड़ देनी चाहिए। यवाओं के लिए स्वयं ही रास्ता खाली कर देना चाहिए। जिन छात्रों से हमारी बात हुई वे बहुत ही मेघावी हैं और गिरगिट की तरह रंग बदलते ज़माने की नब्ज़ अच्छी तरह से पहचानते हैं। यह लोग लाठी से नहीं बुद्धि से काम लेने वाले लोग हैं। निकट भविष्य में कचरे की तरह बन चुके तथाकथि नेताओं को ये लोग अपनी वोट की शक्ति से समाप्त कर देंगें।
हरमनप्रीत कौर, सुखप्रीत सिंह,कर्ण सिंह, उमा, डिम्पल, चाहत गरचा, गगनप्रीत कौर और अन्य युवाओं ने बहुत सी अच्छी बातें की हैं जिन्हें हम जल्द ही किसी अलग पोस्ट में आपके सामने रखेंगें।
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