Tuesday, September 25, 2012

शिक्षा स्‍वास्‍थ्‍य का प्रमुख निर्धारक है

स्‍वस्‍थ छात्र शिक्षा को ज्‍यादा ग्रहण कर पाते हैं-गुलाम नबी आजाद
शिक्षा स्‍वास्‍थ्‍य के प्रमुख निर्धारकों में से एक है। यह पर्यावरण, स्‍वास्‍थ्‍य और स्‍वच्‍छता के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और बच्‍चों को भविष्‍य का जिम्‍मेदार नागरिक बनने के लिए उनके हित में कार्य करने के लिए प्रोत्‍साहित करता है। 

स्‍कूल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम पर राष्‍ट्रीय परामर्श को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय श्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वाथ्‍य मिशन के अंतर्गत स्‍कूल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम मानव धन के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देता है और उसकी रक्षा करता है। यह तो सभी जानते हैं कि स्‍वस्‍थ छात्र शिक्षा को ज्‍यादा ग्रहण कर पाते हैं, जो प्राकृतिक तौर पर उनके ज्ञान को प्रभावित करता है। उन्‍होंने कहा कि 15 राज्‍यों ने पहले ही 2012-13 में स्‍कूल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम को लागू करने के लिए समर्पित दलों को काम पर लगा दिया है। शेष राज्‍यों ने वर्तमान सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य संरचनाओं के माध्‍यम से इस कार्यक्रम को लागू करने की इच्‍छा जताई है। उन्‍होंने कहा कि एक बार समर्पित दलों के पूर्ण तौर पर सक्रिय हो जाने के बाद वे ‘स्‍कूल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम प्‍लस’ के अंतर्गत आगनबाड़ी केंद्रों के माध्‍यम से प्री-स्‍कूल के बच्‍चों को शामिल करना चाहते हैं। 

श्री आजाद ने कहा कि वर्तमान सहयोग को मजबूत बनाने और भविष्‍य में नए संबंधों की तलाश करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि तरूण स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम और इसके विभिन्‍न घटक-स्‍कूल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम, मासिक धर्म स्‍वच्‍छता योजना, साप्‍ताहिक आयरन और फॉलिक एसिड पूरक और एआरएचएस इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। श्री आजाद ने कहा कि तरूणों के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी व्‍यवहार को बढ़ावा देने के लिए तरूणों के लिए सम्मिलित योजना और स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा कार्यक्रमों के बीच सक्रिय रणनीतियों का मेल मिलाप मृत्‍यु दर, रूग्‍णता और जनसंख्‍या स्थि‍रता समेत भारत के संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य परिदृश्‍य में सुधार लाने में प्रमुख निर्धारक होगा। इस कार्यक्रम से लगभग 13 करोड़ तरूणों (स्‍कूल की लड़कियों और लड़कों और स्‍कूल के बाहर की लड़कियों) को फायदा होगा। उन्‍होंने कहा कि इसके बाद मासिक धर्म स्‍वच्‍छता को बढ़ावा देने की योजना को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में दस से 19 वर्ष की आयु की लड़कियों के बीच मासिक धर्म स्‍वच्‍छता में सुधार लाने के लिए सैनिटरी नैपकिनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। श्री आजाद ने कहा कि देश के 20 राज्‍यों में 152 जिलों में इस योजना को प्रयोग आधार पर पहले से ही चलाया जा रहा है। 

राष्‍ट्रीय परामर्श कार्यक्रम को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल ने भी संबोधित किया।  (PIB) 24-सितम्बर-2012 20:14 IST 

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