प्रशिक्षकों के अखिल भारतीय प्रशिक्षण का 70वां राउंड
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण के लिए एनएसएस के 70वें राउंड हेतु प्रशिक्षकों के दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण का आयोजन कर रहा है। एनएसएसओ और राज्यों के आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय 1 जनवरी, 2013 से एक वर्ष की अवधि के लिए क्रमश: केंद्र और राज्य नमूनों के 70वें राउंड सर्वेक्षण का आयोजन करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज भारत के प्रमुख सांख्यिकीविद् प्रो.टीसीए अनंत और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सुदिप्तो मुंडल ने उद्घाटन किया। इसके कार्यक्रमों और अनुदेशों को सर्वेक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जांच और अन्य परिचालन पहलुओं के उद्देश्य से तैयार किया गया है। जिन पर सर्वेक्षण के दौरान प्रभावी कार्यान्वयन के लिए भागीदारों द्वारा विचार विमर्श किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षक 1 जनवरी, 2013 को सर्वेक्षण शुरू होने से पहले ही विभिन्न राज्यों में आयोजित किये जाने वाले क्षेत्रीय प्रशिक्षण कैम्पों में क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को इस बारे में प्रशिक्षण देंगे।
सर्वेक्षण के उद्देश्य और प्रयोजन इस प्रकार हैं:-
भूमि और पशुधन स्वामित्व- इस सर्वेक्षण का उद्देश्य भूमि क्षेत्र स्वामित्व और परिचालन क्षेत्र के साथ-साथ पशुधन स्वामित्व के विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन करना है। इसके विवरणों में क्षेत्र, स्वरूप, भूमि उपयोग प्रणाली, सिंचाई पद्धति और जल निकासी सुविधाएं आदि शामिल हैं।
ऋण और निवेश- इस सर्वेक्षण में घरेलू क्षेत्र में ऋण की मांग और आपूर्ति के दोनों पक्षों के अध्ययन का अवसर प्रदान किया गया है। परिसम्पतियों, आर्थिक गतिविधियों, ऋण प्रक्रिया के विवरणों और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में ऋणग्रस्तता के मामलों के बारे में जानकारी इस सर्वेक्षण में एकत्र की जायेगी।
कृषि जोत के मूल्यांकन की स्थिति- जीवन के अस्तित्व के लिए कृषि बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भोजन और पोषण सुरक्षा के लिए इसका विकास आवश्यक है। देश के किसानों ने राष्ट्र को खाद्य और पोषण उपलब्ध कराने और लाखों लोगों की जीविका चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नियोजित आर्थिक विकास के 6 दशकों के दौरान देश खाद्य की कमी और आयात की विभीषिका से मुक्त होकर आत्मनिर्भर और निर्यात करने योग्य बना है। यह सर्वेक्षण किसान समुदाय की स्पष्ट तस्वीर उपलब्ध करायेगा। जिसमें सार्वजनिक नीति, विनिवेश, कृषकों की संसाधनों तक पहुंच में तकनीकी परिवर्तन और आय के साथ-साथ कृषि के घरेलू पहलुओं का विश्लेषण किये जाने का भी अनुमान है। यह सर्वेक्षण नागालैंड और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के कुछ दुर्गम क्षेत्रों को छोड़कर पूरे भारत में किया जायेगा।
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत एनएसएसओ की स्थापना पूरे देश की सामाजिक, आर्थिक, जनसांख्यिकीय, औद्योगिक और कृषि सांख्यिकी से संबंधित विस्तृत और सतत जानकारी नमूना सर्वेक्षणों के माध्यम से प्राप्त करने के लिए 1950 में की गई थी। एनएसएसओ प्रत्येक वर्ष विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विषयों पर एनएसएसओ राउंड के रूप में बड़े पैमाने पर न केवल नमूना सर्वेक्षण आयोजित करता है बल्कि औद्योगिक सांख्यिकी (उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण), कृषि सांख्यिकी और खुदरा मूल्यों के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों का आयोजन करता है। {PIB} (27-सितम्बर-2012 15:04 IST)
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण के लिए एनएसएस के 70वें राउंड हेतु प्रशिक्षकों के दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण का आयोजन कर रहा है। एनएसएसओ और राज्यों के आर्थिक और सांख्यिकी निदेशालय 1 जनवरी, 2013 से एक वर्ष की अवधि के लिए क्रमश: केंद्र और राज्य नमूनों के 70वें राउंड सर्वेक्षण का आयोजन करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज भारत के प्रमुख सांख्यिकीविद् प्रो.टीसीए अनंत और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सुदिप्तो मुंडल ने उद्घाटन किया। इसके कार्यक्रमों और अनुदेशों को सर्वेक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत जांच और अन्य परिचालन पहलुओं के उद्देश्य से तैयार किया गया है। जिन पर सर्वेक्षण के दौरान प्रभावी कार्यान्वयन के लिए भागीदारों द्वारा विचार विमर्श किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षक 1 जनवरी, 2013 को सर्वेक्षण शुरू होने से पहले ही विभिन्न राज्यों में आयोजित किये जाने वाले क्षेत्रीय प्रशिक्षण कैम्पों में क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को इस बारे में प्रशिक्षण देंगे।
सर्वेक्षण के उद्देश्य और प्रयोजन इस प्रकार हैं:-
भूमि और पशुधन स्वामित्व- इस सर्वेक्षण का उद्देश्य भूमि क्षेत्र स्वामित्व और परिचालन क्षेत्र के साथ-साथ पशुधन स्वामित्व के विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन करना है। इसके विवरणों में क्षेत्र, स्वरूप, भूमि उपयोग प्रणाली, सिंचाई पद्धति और जल निकासी सुविधाएं आदि शामिल हैं।
ऋण और निवेश- इस सर्वेक्षण में घरेलू क्षेत्र में ऋण की मांग और आपूर्ति के दोनों पक्षों के अध्ययन का अवसर प्रदान किया गया है। परिसम्पतियों, आर्थिक गतिविधियों, ऋण प्रक्रिया के विवरणों और ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में ऋणग्रस्तता के मामलों के बारे में जानकारी इस सर्वेक्षण में एकत्र की जायेगी।
कृषि जोत के मूल्यांकन की स्थिति- जीवन के अस्तित्व के लिए कृषि बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भोजन और पोषण सुरक्षा के लिए इसका विकास आवश्यक है। देश के किसानों ने राष्ट्र को खाद्य और पोषण उपलब्ध कराने और लाखों लोगों की जीविका चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नियोजित आर्थिक विकास के 6 दशकों के दौरान देश खाद्य की कमी और आयात की विभीषिका से मुक्त होकर आत्मनिर्भर और निर्यात करने योग्य बना है। यह सर्वेक्षण किसान समुदाय की स्पष्ट तस्वीर उपलब्ध करायेगा। जिसमें सार्वजनिक नीति, विनिवेश, कृषकों की संसाधनों तक पहुंच में तकनीकी परिवर्तन और आय के साथ-साथ कृषि के घरेलू पहलुओं का विश्लेषण किये जाने का भी अनुमान है। यह सर्वेक्षण नागालैंड और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के कुछ दुर्गम क्षेत्रों को छोड़कर पूरे भारत में किया जायेगा।
केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत एनएसएसओ की स्थापना पूरे देश की सामाजिक, आर्थिक, जनसांख्यिकीय, औद्योगिक और कृषि सांख्यिकी से संबंधित विस्तृत और सतत जानकारी नमूना सर्वेक्षणों के माध्यम से प्राप्त करने के लिए 1950 में की गई थी। एनएसएसओ प्रत्येक वर्ष विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विषयों पर एनएसएसओ राउंड के रूप में बड़े पैमाने पर न केवल नमूना सर्वेक्षण आयोजित करता है बल्कि औद्योगिक सांख्यिकी (उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण), कृषि सांख्यिकी और खुदरा मूल्यों के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों का आयोजन करता है। {PIB} (27-सितम्बर-2012 15:04 IST)
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