राष्ट्रीय मुक्त शिक्षा संस्थान के 24वें स्थापना दिवस और रजत जयंती वर्ष समारोह के उद्घाटन के अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. एम. एम. पल्लम राजू ने कहा कि राष्ट्रीय मुक्त शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) एक साधारण परियोजना से एक विशाल वटवृक्ष बन गया है, जो विभिन्न कारणों से औपचारिक स्कूल शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ रहे वंचितों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। भारत सरकार ने हमेशा ही गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराने के कार्य को महत्व दिया है और बच्चों के लिए मुफ्त एवं आवश्यक शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 का गठन किया है। इसके लिए उनके मंत्रालय ने सर्वशिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान नामक दो फ्लैगशिप कार्यक्रम शुरू कर रखे हैं, जिनका उद्देश्य क्रम से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्रदान करना है। सरकार शिक्षा के इस अधिनियम को माध्यमिक शिक्षा में लागू करने के लिए तैयार है।
यह अनुमान है कि 14 से 16 वर्ष के आयु समूह के कम से कम 15 प्रतिशत बच्चे स्कूल स्तर पर खुली दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के माध्यम से जुड़ जाएंगे। मुक्त शिक्षा प्रणाली वंचित समूह विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजातियों, अल्पसंख्यकों, अन्य पिछड़े वर्गों और विभिन्नता से ग्रस्त अशक्त बच्चों के लिए सर्वशिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एक पूरक और सहायक औपचारिक प्रणाली है। स्कूली शिक्षा की पहुंच का मूल दर्शन है, पहुंच से वंचितों तक इसकी पहुंच बनाना है। (PIb) 23-नवंबर-2012 20:07 IST
राष्ट्रीय मुक्त शिक्षा संस्थान के 24वें स्थापना दिवस
वि.कासोटिया/इंद्रपाल/अजीत/तारा – 5504
यह अनुमान है कि 14 से 16 वर्ष के आयु समूह के कम से कम 15 प्रतिशत बच्चे स्कूल स्तर पर खुली दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के माध्यम से जुड़ जाएंगे। मुक्त शिक्षा प्रणाली वंचित समूह विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजातियों, अल्पसंख्यकों, अन्य पिछड़े वर्गों और विभिन्नता से ग्रस्त अशक्त बच्चों के लिए सर्वशिक्षा उपलब्ध कराने के लिए एक पूरक और सहायक औपचारिक प्रणाली है। स्कूली शिक्षा की पहुंच का मूल दर्शन है, पहुंच से वंचितों तक इसकी पहुंच बनाना है। (PIb) 23-नवंबर-2012 20:07 IST
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