Friday:10th January 2020 at 17:09 Whats App
कभी भी किसी भाषा को एक-दूसरे पर नहीं थोपना चाहिए-मुकेश अरोड़ा
लुधियाना: 10 जनवरी 2020: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन)::
सतीश चन्द्र धवन राजकीय महाविद्यालय लुधियाना के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग एवं शोध-केन्द्र द्वारा 'विश्व हिन्दी दिवस' का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. धर्म सिंह संधू एवं मुख्य-वक्ता डॉ. मुकेश कुमार अरोड़ा(सीनेटर, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़) रहे। विभाग के विद्यार्थियों द्वारा अतिथियों को पुष्पगुच्छ दे कर स्वागत किया गया तथा हिन्दी विषय से संबंधित प्रस्तुति दी गयी। उल्लेखनीय है कि 10 जनवरी को विश्व-भर में 'विश्व हिन्दी दिवस' मनाया जाता है। मुख्य वक्ता डॉ. मुकेश अरोड़ा जी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें कभी भी किसी भाषा को एक-दूसरे पर नहीं थोपना चाहिए बल्कि जो भाषा हमारे हृदय के निकट है उसे गर्व से अपनाना चाहिए। स्वयं से प्रेरित होकर जब हम किसी भाषा को अपनाते हैं तब स्वतः ही उस भाषा का प्रसार होता है। इसी रूप में हिन्दी विश्व की एक मात्र ऐसी भाषा है जो स्वतः ही प्रसारित हो रही है और आज विश्व के कोने-कोने में इसकी खुशबू महसूस की जा सकती है। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि भाषा के विकास में मूल्यवान साहित्य का होना आवश्यक है। मुख्य अतिथि डॉ. संधू जी ने विभाग के विद्यार्थियों को बधाई देते हुए, विभाग के प्राध्यापकों का हौसला बढ़ाया कि इस विभाग के प्राध्यापक हमेशा ही इस प्रकार के कार्यक्रम करते रहते हैं जिससे इनका अपने विषय का व्यापक ज्ञान हो सके। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी न सिर्फ एक भाषा है बल्कि यह करोड़ों लोगों को रोज़गार देती है। बाज़ारवाद के इस युग में जिस भाषा में यह गुण होगी, उसी का अस्तित्व बना रहेगा, हिन्दी ऐसी ही भाषा है। विभागाध्यक्ष प्रो. अश्वनी भल्ला ने हिन्दी के महत्त्व को रेखांकित करते हुए अपनी लिखी एक कविता सुनाई। इस अवसर पर एम. ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा याचना शर्मा ने स्वरचित कविता प्रस्तुत की। एम.ए. प्रथम वर्ष के छात्र अंकित दुबे ने गीत, सुमित गुप्ता ने कविता की प्रस्तुति दी तथा मंच संचालन सदाशिव मिश्र ने की। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापक डॉ. मोनिका जैन, डॉ. सौरभ कुमार, प्रो. सोनदीप, प्रो. इंदरजीत पासवान के साथ साथ अन्य विभागों के प्राध्यापक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में विभाग द्वारा महाविद्यालय में मिष्ठान बांट कर हिन्दी की वैश्विक उपलब्धि पर खुशियाँ मनाई गई।
No comments:
Post a Comment