लुधियाना के शिक्षा क्षेत्रों हुए विशेष आयोजनों में एक रहा
आज एक अदभुत और यादगारी आयोजन था। सतीश चंद्र धवन राजकीय कालेज का नाम ज़हन में आते ही याद आते हैं जनाब साहिर लुधियानवी साहिब। दुनिया को स्वर्ग से भी सुंदर बनाने के लिए उन्होंने बहुत से सपने देखे थे। उनके इन बहुत से सपनों में से एक सपना नए समाज के निर्माण का भी था। उस सपने पर उन्होंने एक गीत भी बुना था:
जेलों के बिना जब दुनिया की सरकार चलाई जाएगी! वो सुबह कभी तो आएगी!
वो सुबह तो अभी तक कहीं नज़दीक भी नज़र नहीं आती लेकिन उस सपने को देखने वाले बहुत से लोग और बहुत से शायर ज़रूर पैदा हो गए। इस सपने को देखने वालों और इसे साकार करने का संघर्ष करने वालों का एक काफिला बहुत बड़ा हो गया। इस काफिले के लोगों की नज़र रास्ते में बिछे काँटों और अंगारों पर भी रहती और आसमान छूने की चाहत भी जूनून की तरह बरकरार रहती। इस तरह ये लोग हर योग साधना में ही रहते। मुसीबतों का सामना और सपने की ताबीर दोनों में तालमेल रहता। शायरी के साथ साथ ज़िंदगी की मुसीबतों के तूफ़ान का सामना करते हुए ये लोग कभी अपना सपना भी नहीं भोयोले और मंज़िल भी। इस काफिले में कोई न कोई शायर भी मिल जाएगा और कोई न को शायरा भी नज़र आ जाएगी। ये लोग आज के इस योग शिविर में भी थे।
आज के योग शिविर में भी एक तरह से यही दृश्य था। एससीडी सरकारी कॉलेज लुधियाना की एनएसएस इकाई ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भारतीय योग संस्थान के सहयोग से योग शिविर का आयोजन किया। डॉ. गुरप्रीत कौर (प्रिंसिपल एससीडी सरकारी कॉलेज) ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और कहा कि योग को एक सुखी और स्वस्थ जीवन जीने के लिए दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। प्रिंसिपल गुरपीत कौर भी बहुत ही एकाग्रता से योग साधना में लीन थी। जानीमानी शायरा और इसी कालेज में प्रोफेसर इरादीप त्रेहन भी योग साधना में मगन थी।
प्रोफेसर अश्विनी भल्ला (डीन अकादमिक मामलों), प्रो गुरशरण संधू, प्रो गीतांजलि पबरेजा (संयोजक एनएसएस गर्ल्स यूनिट), प्रो अरुण कुमार (संयोजक एनएसएस बॉयज यूनिट), डॉ सजला, प्रो इरादीप त्रेहान, प्रो मोहिंदर आदि ने शिविर में भाग लिया, जबकि छात्रों ने वर्चुअल मोड में भाग लिया। एक वीडियो और फोटो प्रतियोगिता 'स्टे एट होम स्टे विद योगा' का आयोजन भी किया गया था। जो विद्यार्थी अपने घरों में विभिन्न योग मुद्राएं कर रहे थे, उनके बीच अंजलि कुमारी ने प्रथम पुरस्कार जीता था।
जबकि इशिता कात्याल और ऋतिक सोढ़ी ने दूसरा पुरस्कार जीता, तीसरा पुरस्कार अमित शर्मा और आकाश सचदेवा ने जीता। सांत्वना पुरस्कार समीर सभरवाल ने जीता। लगभग 100 स्वयंसेवकों ने बड़े उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस दिन को चिह्नित करने के लिए 42 एनसीसी कैडेटों ने भी मंत्रालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी में भाग लिया। 50 कैडेटों ने योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाने का संकल्प लिया तथा लेफ्टिनेंट नितिन सूद ने प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। कुल मिलाकर आज का यह प्रोग्राम भी बहुत ही यादगारी रहा।
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