Sunday, February 11, 2024

PEC के 1988 बैच ने PEC को दान दिए 2 ई-वाहन

Saturday10th February 2024 at 9:08 PM

दोनों ई-वाहनों की चाबियाँ सौंपी गई माननीय निदेशक, प्रोफेसर (डॉ.) बलदेव सेतिया को 


चंडीगढ़: 10 फरवरी 2024: (शीबा सिंह//एजुकेशन स्क्रीन डेस्क)::

जब शिक्षा दीक्षा पूर्ण हो जाती है तब उस शिक्षा से मिला फायदा ज़िंदगी को कामयाबी दिलाता है। उस कामयाबी से दौलत भी मिलती है और शोहरत भी। उस दौलत में से बहुत से लोग दसवंद अर्थात दशम हिस्सा निकाल कर धर्म स्थलों के लिए दान स्वरूप निकालते हैं। इसी भावना से बहुत से छात्र भी अपने उन शिक्षा संस्थानों के लिए दान देते हैं जहाँ से उन्हें ज़िंदगी जीने के लिए आवश्यक ज्ञान मिलता है। PEC अर्थात पंजाब इंजिनयरिंग कालेज के छात्रों ने भी अपने इस पावन पवित्र शिक्षा के मंदिर के लिए दान निकाला जिसकी चर्चा भी काफी हुई। लोगों ने इसकी प्रशंसा भी की। 

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (मानित विश्वविद्यालय), चंडीगढ़ के 1988 बैच ने आज 10 फरवरी, 2024 को PEC के माननीय निदेशक प्रो. (डॉ.) बलदेव सेतिया जी के साथ डॉ. सुशांत समीर (बैच 88'), चेयरमैन एस्टेट और डॉ. राजेश कांडा (बैच 91'), एलुमनाई एंड कॉर्पोरेट रिलेशन्स प्रमुख की उपस्थिति में संस्थान को 2 ई-वाहन (1 ई-स्कूटर और 1 ई-कार्ट) दान किए।

इस बैच में 62 स्नातक शामिल हैं, जो कि 1988 में संस्थान से उत्तीर्ण हुए थे। अपनी मातृ संस्था के प्रति हार्दिक कृतज्ञता और पुरानी यादों का आदान-प्रदान करने के लिए, उन्होंने प्यार का यह छोटा सा तोहफ़ा आज भेंट किया। 

उन्होंने कहा, कि यह पूर्व छात्रों और अल्मा मेटर के बीच संबंधों को सहज और मजबूत करेगा। एक अन्य बैच साथी ने कहा, कि उन्होंने 5000/- रुपये प्रति व्यक्ति, का योगदान देने का फैसला किया, ताकि इस कंट्रीब्यूशन को और अधिक समावेशी बना सकें और अपनेपन की भावना को पोषित कर सकें।

निदेशक, प्रोफेसर (डॉ.) बलदेव सेतिया जी ने 1988 के सभी बैचमेट्स के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने संस्थान का अभिन्न अंग रहते हुए संस्थान के लिए उनकी समर्पित सेवाओं के लिए विशेष रूप से डॉ. सुशांत समीर को धन्यवाद दिया। उन्होंने उन्हें 'मैन फ्राइडे' भी कहा। उन्होंने नकद के बजाय वस्तु के रूप में कुछ प्रदान करने की पूर्व छात्रों की इस गहरी सोच की सराहना भी की।

तत्पश्चात, दोनों ई-वाहनों की चाबियाँ माननीय निदेशक, प्रोफेसर (डॉ.) बलदेव सेतिया जी के साथ डॉ. सुशांत समीर और डॉ. राजेश कांडा को सौंपी गईं।

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