Wed, Mar 12, 2014 at 3:25 PM
डा. ओझा ने दी इतिहास पर रौचक जानकारी
लुधियाना:12 मार्च 2014: (शिक्षा स्क्रीन ब्यूरो):
शोर शराबे से भरे हल्के आयोजनों से हट कर डीडी जैन महिला कालेज ने एक और विशेष आयोजन कराया। यह एक राष्ट्रीय सेमिनार था जो पंजाब के प्रारंभिक मध्यकाल के दौरान राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संक्रमणकालीन चरण प् विशेष चर्चा करने के लिए आयोजित कराया गया। इस एक दिवसीय संगोष्ठी प्रायोजित किया था पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के ICSSR विभाग ने। गौरतलब है कि आज के इस शुभ दिन इस कालेज की मुख्य प्रेरणा स्रोत देवकी देवी जैन जी का जन्मदिन भी था। इस शुभ अवसर पर कालेज ने एक गंभीर और खो चुके विषय पर संगोष्ठी करा कर जहाँ कालेज की छात्रायों को एक ज्ञान भरी सौगात दी वहीँ इतिहास में रूची रखने वाले अन्य लोगों के लिए भी एक नया सिलसिला शुरू किया। कार्यक्रम के दो तकनीकी स्तर थे जिनमें दस शोध पत्र प्रस्तुत किये गए।
सेमिनार शुरूआत औपचारिक ज्योति प्रज्वलित करके हुई। इस मौके पर हमेशां की तरह णमोकार मंत्र का उच्चारण भी किया गया। वक्ताओं और मेहमानों का स्वागत बहुत ही सम्मान और गर्मजोशी से किया गया। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से आये डा. एन के ओझा पहले सेशन के मुख्य वक्ता थे जबकि उनके साथ ही चंडीगढ़ से आये डा. अश्विनी अग्रवाल दुसरे तकनीकी स्तर के मुख्य वक्ता था। इस यादगारी मौके पर जानेमाने समाज रत्न और कालेज के की प्रबंधन समिति के चेअरमैन श्री हीरा लाल जैन, कालेज के प्रधान केदारनाथ जैन, सचिव बिपन जैन, मैनेजर सुरिंदर कुमार जैन, राज कुमार जैन, श्री शांति सरूप जैन, और वरिष्ठ उपाध्यक्ष शीतल कुमार जैन, उप प्रधान और अन्य वशिष्ठ लोग भी मौजोड़ रहे।
अपने मुख्य भाषण में में डा. एन के ओझा ने पंजाब के राजनीतिक पर इतिहास पर बहुत ही दिलचस्प तरीके से बॉट ही अमूल्य जानकारी दी। उन्होंने छठी और 12वीं सदी के कार्यकाल का एक नक्शा सा ही खींच दिया। उन्होंने उस समय की राजनीति के साथ पंजाब की आर्थिक हालत, धर्म-कर्म और संस्कृति की भी जानकारी दी।
आये हुए डेलीगेटों ने अपने अपने शोधपत्रों में छूयाछात, महिलायों की हालत और बहुत से अन्य मुद्दों पर भी जानकारी दी। समापन सेशन के मुख्य मेहमान थे डाकटर आर के शर्मा। उन्होंने ने भी इस विष पर बहुत ही जानकारी दी। कालेज की प्रिंसिपल सरिता बहल ने आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया।समापन रिपोर्ट के साथ ही प्रमाणपत्र भी दिए गए और राष्ट्र गान के साथ ही कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
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