Saturday, November 19, 2022

रुद्राक्ष नए करियर के नए दरवाजे भी खोल सकता है

Saturday 19th November 2022 at 5:51 PM

मोहाली के सर्वहितकारी स्कूल में हुई एक नई पहल शुरूआत 

Photo By Sameep Adhikari at Unsplash

कैरियर की दिशा में नए क्षेत्र और नई आयाम खुल रहे हैं। कृषि के साथ साथ ज़िंदगी के अन्य क्षेत्र भी बदल रहे हैं। रुद्राक्ष का नया वैज्ञानिक पहलू और इसकी बढ़ती हुई मांग ने स्व निर्भरता पर आधारित अच्छी आमदनी का मार्ग भी सुझाया है। मोहाली से देखिए एक पंजाबी रिपोर्ट यहां इस लिंक को क्लिक करके।  इस रिपोर्ट का हिंदी रूप आप यहां देख ही रहे हैं। See Also in English

मोहाली: 19 नवंबर 2022: (कार्तिका सिंह//एजुकेशन स्क्रीन)::

रुद्राक्ष के बारे में अब तक बहुत कुछ लिखा और पढ़ा जा चुका है। इसके महत्व से कौन वाकिफ नहीं है? इसे आम आदमी की पहुंच में लाना एक असंभव काम था, लेकिन आज यह मुश्किल काम काफी हद तक हो चुका है। इससे आध्यात्मिक लाभ मिलने के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी अब लिया जा सकता है। इसमें एक नए तरह का करियर बनाया जा सकता है।

मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के आंसुओं से हुई है। जिससे रुद्राक्ष धारण करने से जातक पर भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। इसे धारण करने से व्यक्ति सभी कष्टों से बच जाता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रुद्राक्ष को विज्ञान में भी काफी प्रभावशाली माना गया है। लेकिन इस तक पहुंच बनाना आसान नहीं था। 

पर अब समय बदल गया है। तकनीक बहुत विकसित हुई है। अब आप अपने आस-पास के शहरों और इलाकों में भी रुद्राक्ष और उससे जुड़ी हर प्रामाणिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अब रुद्राक्ष उगाने का प्रशिक्षण और अन्य सभी जानकारी मोहाली में भी मिल सकती है। पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के सदस्य सचिव जितिंदर शर्मा ने "जितेंद्रवीर सर्वहितकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल" सेक्टर -71, मोहाली में हर्बल लैब का दौरा किया।

इस दौरान उन्होंने दुर्लभ हर्बल पौधों और चिकित्सा क्षेत्र में उनके अनमोल सदुपयोग पर अपने विचार साझा किए। इस एसोसिएशन के दूरगामी प्रभाव बहुत अच्छे होंगे और मोहाली के साथ-साथ आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। श्री ओम प्रकाश मनौली, पर्यावरण समन्वयक, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र ने उनका स्वागत किया और 50 से अधिक हर्बल पौधों और 20 प्रजातियों के हर्बल पौधों के बारे में संक्षिप्त और वर्णनात्मक जानकारी प्रदान की। 

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री विजय आनंद विशेष रूप से उपस्थित रहे। सांकेतिक गमला आधारित पौधारोपण के दौरान श्री जतिंदर शर्मा ने रूद्राक्ष रोपने के बाद स्कूल संगोष्ठी कक्ष में औषधीय पौधों के हर्बेरियम का भी निरीक्षण किया। 

श्री शर्मा ने कहा कि हर्बल जड़ी-बूटियों को आम और खास लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि लोगों को इनके गुणों की पूरी जानकारी मिल सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर्बल नर्सरी में उपलब्ध जड़ी-बूटियों से आसानी से आय अर्जित की जा सकती है। 

इस दौरान पंजाबी सिंगर और लोकेशन डायरेक्टर दर्शन औलख ने भी एक चित्रमय पौधा लगाया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि हर्बल गार्डन और नर्सरी में उनकी आने वाली पीढ़ी के लिए बहुमूल्य हर्बल पौधे हैं, जिनके बारे में छात्रों और शिक्षकों को पूरी तरह से जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि हम मौजूदा हर्बल पौधों का सही उपयोग उनके स्वास्थ्य में शामिल कर सकें।

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