साथ ही की गई स्कालरशिप की भी घोषणा
सफलता की राहें कभी भी आसान नहीं होतीं लेकिन गुरु मिल जाये तो दुर्गम रास्ते भी देखते ही देखते आसान बन जाते हैं, पर्वत भी राह छोड़ देते हैं। कुछ ऐसा ही आभास हुआ आज लुधियाना के एक सेमिनार में। एक सुविख्यात होटल में आयोजित इस सेमिनार का समापन होने पर जब छात्र वहां से निकले तो उनके चेहरों पर एक नई तरह की ख़ुशी थी, आँखों में एक अदभुत चमक और कदमों में एक आत्म विश्वास। लगता था इन्हें कुछ ऐसा मिल गया है जिसकी आशा शायद इन्हें भी नहीं थी।यूं बात है भी कुछ ऐसी ही थी। इन युवायों ने अब अंग्रेजी को अपनी मुट्ठी में बंद कर लिया था। कुछ ऐसे गुर सीख लिए थे जिनसे जिंदगी में सफलता आने लगती है। इन्हें पता चल गया था कि अंग्रेजी में c, u, t को कट और p, u, t को पुट क्यूं कहा जाता है। अब इन्हें विदेश जाने या फिर देश में ही रह कर कोई अच्छी नौकरी पाने का यकीन हो चला था। यह सब सम्भव हुआ था अच्छा गुरु मिल जाने से। यहाँ इस सेमिनार में भी इन्हीं बारीकियों की चर्चा हुई। ब्रिटिश काउन्सिल और कैपरी इन्सीच्यूट के सहसहयोग हुए इस सेमीनार में ब्रिटिश काउन्सिल की ओर से आये थे अश्विनी पण्डे और कैपरी इन्सीच्यूट की और से मौजूद थे नितिन चावला और अंजली चावला।अंजली चावला IELTS विभाग की प्रमुख हैं जबकि नितिन चावला केपरी संस्थान के निदेशक हैं। इस अवसर पर पहुंचे विशेषज्ञ अश्विनी पाण्डेय ब्रिटिश काउन्सिल के मार्कीटिंग मैनेजर हैं। श्री पाण्डेय ने पंजाब में दो नए केंद्र खोलने की घोषणा भी की और योग्यता को प्रोत्साहन देने के लिए स्कालरशिप देने की घोषणा भी की। छात्रों को इस मामले में एक एक बारीकी समझाने का जो तरीका मैडम हरजोत कलसी ने अपनाया वह बहुत ही अदभुत था।
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