09-अप्रैल-2013 18:54 IST
17 स्नाकोत्तर छात्रों को स्वर्ण पदक दिया
राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को नये-नये खोज और अनुसंधान संस्थान के रूप में विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि आज हमारे विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की सबसे बडी चुनौती गुणवत्ता की है। उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान शिक्षा प्रणाली में तेजी से बदलाव करने पडेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी विचार प्रक्रिया में दक्षता और श्रेष्ठता की संस्कृति विकसित करनी पडेगी। श्री मुखर्जी आज कुरूक्षेत्र में एनआईटी के दीक्षांत समारोह में भाषण दे रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज प्राकृतिक संसाधनों की कमी हो रही है। ऐसे में नये-नये खोज, अनुसंधान और टेक्नोलॉजी उन्न्यन से ही भविष्य के लिए विकास सुनुश्चित किया जा सकता है। हाल की फोर्बस् सर्वेक्षण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विश्व की खोजी और अनुसंधान परक कंपनियों में भारत की केवल तीन कंपनियां शामिल है। उन्होंने आशा व्यक्त की अगर भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान खोज और अनुसंधान को स्थाई गुण बना लें तो ऐसे सर्वेक्षणों में भारतीय कंपनियों की संख्या बढेगी।
राष्ट्रपति ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में शोध की आवश्यकता पर जोर भी दिया। इस अवसर पर उन्होंने 17 स्नाकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिया।
वि. कासोटिया/गांधी/सुजीत/- 1783
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