29-अगस्त-2013 18:29 IST
पूरे मुस्लिम समुदाय में गरीबी के मामले अधिक
उपलब्ध सूचना के अनुसार, बहराइच, देवरिया और गोरखपुर जिलों सहित पूरे उत्तर प्रदेश में सामाजिक आर्थिक कारणों की वजह से मुस्लिम महिलाओं में साक्षरता दर राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की साक्षरता दर से कम है। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम महिलाओं सहित पूरे मुस्लिम समुदाय में गरीबी के मामले अधिक है। यह जानकारी आज लोकसभा में प्रश्न के एक लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री निनोंग एरिंग ने दी।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अल्पसंख्यक महिलाओं सहित अल्पसंख्यकों के विकास के लिए एक बहु-आयामी रणनीति अपनाई है। अल्पसंख्यकों को शैक्षिक रूप से मजबूत करने के लिए मैट्रिक से पहले, मैट्रिक पास करने के बाद और मेधा-सह-साधन छात्रवृत्तियां दी जाती है। इन योजनाओं के तहत कम से कम 30 फीसदी सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित है। इसके अलावा मंत्रालय के अधीन स्वायत संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन 11वीं और 12वींद कक्षा की अल्पसंख्यक छात्राओं को खास तौर पर छात्रवृत्तियां प्रदान करती है। यही नहीं, प्रधानमंत्री के 15 बिन्दु कार्यक्रम और अल्पसंख्यकों के लिए बहु-आयामी विकास कार्यक्रम के तहत स्कूलों, छात्राओं के लिए हॉस्टल इत्यादि, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पोलिटेक्निक इत्यादि खोले जा रहे हैं। इसके अलावा अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए नयी रोशनी योजना 2012-13 से ही चलाई जा रही है, जिसके तहत सरकारी व्यवस्था, बैंकों और अन्य संस्थानों के साथ सभी स्तर पर व्यवहारकुशल होने के लिए जरूरी जानकारी और साधन मुहैया कराये जा रहे हैं। लघु वित्त की जरूरतें पूरी करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम द्वारा एक खास योजना महिला समृद्धि योजना चलाई जा रही है। हाल ही में अल्पसंख्यकों की क्षमता विकास के लिए मंत्रालय ने सीखो और कमाओ नाम से एक योजना बनाई है, जिसमें 30 फीसदी सीटें अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। (PIB)
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इ.अहमद/अनिल/मनोज -5899
पूरे मुस्लिम समुदाय में गरीबी के मामले अधिक
उपलब्ध सूचना के अनुसार, बहराइच, देवरिया और गोरखपुर जिलों सहित पूरे उत्तर प्रदेश में सामाजिक आर्थिक कारणों की वजह से मुस्लिम महिलाओं में साक्षरता दर राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की साक्षरता दर से कम है। उत्तर प्रदेश में मुस्लिम महिलाओं सहित पूरे मुस्लिम समुदाय में गरीबी के मामले अधिक है। यह जानकारी आज लोकसभा में प्रश्न के एक लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री निनोंग एरिंग ने दी।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने अल्पसंख्यक महिलाओं सहित अल्पसंख्यकों के विकास के लिए एक बहु-आयामी रणनीति अपनाई है। अल्पसंख्यकों को शैक्षिक रूप से मजबूत करने के लिए मैट्रिक से पहले, मैट्रिक पास करने के बाद और मेधा-सह-साधन छात्रवृत्तियां दी जाती है। इन योजनाओं के तहत कम से कम 30 फीसदी सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित है। इसके अलावा मंत्रालय के अधीन स्वायत संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन 11वीं और 12वींद कक्षा की अल्पसंख्यक छात्राओं को खास तौर पर छात्रवृत्तियां प्रदान करती है। यही नहीं, प्रधानमंत्री के 15 बिन्दु कार्यक्रम और अल्पसंख्यकों के लिए बहु-आयामी विकास कार्यक्रम के तहत स्कूलों, छात्राओं के लिए हॉस्टल इत्यादि, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पोलिटेक्निक इत्यादि खोले जा रहे हैं। इसके अलावा अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए नयी रोशनी योजना 2012-13 से ही चलाई जा रही है, जिसके तहत सरकारी व्यवस्था, बैंकों और अन्य संस्थानों के साथ सभी स्तर पर व्यवहारकुशल होने के लिए जरूरी जानकारी और साधन मुहैया कराये जा रहे हैं। लघु वित्त की जरूरतें पूरी करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम द्वारा एक खास योजना महिला समृद्धि योजना चलाई जा रही है। हाल ही में अल्पसंख्यकों की क्षमता विकास के लिए मंत्रालय ने सीखो और कमाओ नाम से एक योजना बनाई है, जिसमें 30 फीसदी सीटें अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। (PIB)
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