Tuesday, May 19, 2020

पंजाब में मेडिकल शिक्षा की फ़ीसों में समानता हो-सोनी

 अब MD/ MS (क्लिनिकल) कोर्सों के लिए 6.50 लाख सालाना होगी  
चंडीगढ़: 19 मई 2020: (एजुकेशन स्क्रीन ब्यूरो)::
पंजाब राज्य में स्थित सभी सरकारी और निजी मैडीकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की फ़ीसों में समानता लाने के मकसद से आज डॉक्टरी शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा साल 2020 में जारी नोटिफिकेशन नंबर 5/26/2016-5 एच.बी. 3/1121 में आंशिक संशोधन कर दिया गया है, जिस सम्बन्धी आज संशोधन पत्र जारी कर दिया गया। यह जानकारी आज यहाँ पंजाब के डॉक्टरी शिक्षा एवं अनुसंधान संबंधी मंत्री श्री ओम प्रकाश सोनी ने दी।

श्री सोनी ने बताया कि निजी मैडीकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों द्वारा राज्य में फीस सम्बन्धी लागू *2015 में लागू की गईं फ़ीसों से बहुत ज़्यादा फीस ली जा रही थी, हालात यह थे कि आदेश यूनिवर्सिटी द्वारा एम.डी. करने वाले विद्यार्थियों से 6.50 लाख रुपए सालाना फीस लेने की बजाय 16.50 लाख रुपए फीस ली जा रही थी। जिस कारण डॉक्टरी की शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों पर बहुत ज़्यादा आर्थिक बोझ पड़ता था।

उन्होंने कहा कि विभाग की जि़म्मेदारी संभालने के बाद उनके ध्यान में यह मामला आया था, जो कि उनको बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं लगा। इसके बाद उन्होंने इस मामले को निजी रूचि लेकर हल करने के लिए यत्न आरंभ कर दिए, जिससे डॉक्टरी शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों पर पडऩे वाले इस आर्थिक बोझ को ख़त्म करके फ़ीसों में समानता लाई जा सके। अब इस सम्बन्धी अपेक्षित कार्यवाही अमल में लाने के बाद आज फ़ीसों में समानता लाने के लिए संशोधन पत्र जारी कर दिया गया है।

डॉक्टरी शिक्षा एवं अनुसंधान संबंधी मंत्री ने कहा कि अब दयानन्द मैडीकल कॉलेज लुधियाना, क्रिसचन मैडीकल कॉलेज लुधियाना और क्रिसचन डैंटल कॉलेज लुधियाना, श्री गुरु रामदास यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज़ अमृतसर, देश भगत यूनिवर्सिटी और आदेश यूनिवर्सिटी बठिंडा में अब एम.डी / एम.एस. (क्लिनिकल) कोर्सों के लिए फीस 6.50 लाख सालाना होगी, जबकि एन.आर.आई. कोटे की सीट के लिए इस पूरे कोर्स की फीस 1 लाख 25 हज़ार अमरीकी डॉलर है। 

श्री सोनी ने बताया कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा इस मामले पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया और आप द्वारा इस सम्बन्धी कभी भी विधान सभा में मुद्दा नहीं उठाया गया। इन पार्टियों के नेताओं ने न ही कभी उनके साथ इस बारे में बात की। अब जब संशोधन पत्र जारी हो गया है तो इन पार्टियों के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए दिखावे के लिए बयानबाज़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस मामले में सरकार की विरोधी पार्टियों को सराहना करनी चाहिए, उस मामले पर बेकार की बयानबाज़ी करके अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकी जा रही हैं, जिससे लोगों को बहकाया जा सके, परन्तु लोग अब बहुत समझदार हो चुके हैं और वह ऐसे नेताओं की झूठी बातों में नहीं आऐंगे। उन्होंने विरोधी राजनैतिक नेता को दिखावा करने से बाज़ आने की चेतावनी दी।

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