Sunday, May 10, 2020

मां का मुकाबला किसी के साथ हो ही नहीं सकता

 मां और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़ कर है 
लुधियाना: 10 मई 2020: (*वीणा शर्मा)::
किसी ने रोज़ा रखा, किसी ने व्रत रखा,
क़बूल उसका हुआ, जिसने मां बाप को करीब रखा।  
लेखिका वीना शर्मा 
मां शब्द का मुकाबला किसी के साथ नहीं किया जा सकता। मां शब्द पूरी सृष्टि के साथ जुड़ा हुआ है। अगर हम अपने आस पास झांक कर देखें तो हमे पता लगता है, धरती मां की विशालता के बारे में। किस तरह धरती मां ने हमे संभाल कर रखा हुआ है,  ये सचमुच एक वरदान ही है।  मां के ममतामयी आंचल को देखना हो तो गंगा माता की उदहारण ली जा सकती है।  लाखों करोड़ो लोग इस पवित्र गंगा में स्नान करके खुद को सभी तरह के पापों से मुक्त समझते हैं। मां की उदारता को देखने के लिए गऊ माता की पूजनीयता को देख सकते है।  जन्म दात्री मां किस तरह एक कलाकार की तरह अपने बच्चे को विद्या और अच्छे संस्कारो से संवारती और सजाती है।  वो अपने बच्चे को कदम से कदम मिला कर समाज में आगे बढ़ने, उसका विवाह होने और उसकी संतान की कामयाबी के लिए भी चिंतित रहती है।  मां हमेशा अपने बच्चों का इंतज़ार करती है लेकिन उसके बच्चे कभी उसे समय ही नहीं दे पाते।  आज के बच्चे अपने मां बाप को वृद्ध आश्रम में भेजना चाहते हैं।  हमे ये समझना चाहिए कि जन्म दात्री मां और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़ कर है जिसकी रक्षा के लिए हमे हर दम तैयार रहना चाहिए। 
जैसे स्वर्गो को जाने के कोई दूसरा रास्ता नहीं होता,
लाखो रिश्तों में भी मां जैसा कोई नाम नहीं होता।   
किसी बच्चे की सफलता पीछे उसकी मां की ही तस्वीर होती है,
 मां की दुआओं से  वाले कल की तक़दीर बनती है। 
दुनिया के सभी रिश्ते मुंह मोड़ लेते है, लेकिन माँ का रिश्ता स्वार्थ रहित, उदारता सहित, ममतामयी और विशालता भरपूर है कि वो ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हमारा साथ निभाती है। --*वीना शर्मा
 *वीना शर्मा जैन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लुधियाना के पंजाबी विभाग में शिक्षिका हैं। 

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